
पाकिस्तान में जारी सियासी उठापटक के बीच वहां आधीरात को अचानक संसद भंग कर दी गई. उम्मीद है कि अब आने वाले तीन महीने के अंदर वहां चुनाव हो सकते हैं. इस बीच बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इस चुनाव में हिस्सा ले पाएंगे या नहीं. क्योंकि 70 साल के इमरान खान इस वक्त पाकिस्तान की जेल में हैं. उन्हें तोशखाना भ्रष्टाचार मामले में 3 साल की सजा सुनाई गई है.
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सलाह पर बुधवार को आधीरात संसद भंग कर दी. बता दें कि संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली को पांच साल का संवैधानिक कार्यकाल पूरा होने से तीन दिन पहले ही भंग कर दिया गया है. इसके साथ ही शहबाज शरीफ सरकार का कार्यकाल भी समाप्त हो गया.
संसद को भंग करने को लेकर जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि नेशनल असेंबली को संविधान के आर्टिकल 58 के तहत भंग किया गया है. संसद का पांच साल का कार्यकाल आधिकारिक तौर पर 12 अगस्त को खत्म होना था.
बता दें कि शहबाज शरीफ ने राष्ट्रपति अल्वी को पत्र लिखकर संसद को भंग करने की सिफारिश की थी. आर्टिकल 58 के तहत अगर राष्ट्रपति संसद भंग करने के लिए प्रधानमंत्री की सिफारिश के 48 घंटे के भीतर असेंबली को भंग नहीं करते हैं तो यह स्वत: ही भंग हो जाएगी.
तीन दिन के भीतर अंतरिम प्रधानमंत्री का नाम होगा तय
संविधान से तहत शहबाज शरीफ और नेशनल असेंबली में नेता प्रतिपक्ष के पास केयरटेकर प्रधानमंत्री के नाम को अंतिम रूप देने के लिए तीन दिन का समय है. अगर केयरटेकर प्रधानमंत्री के लिए किसी नाम पर सहमति नहीं बन पाती है तो असेंबली स्पीकर द्वारा गठित समिति के समक्ष इस मामले को भेजा जाएगा. यह समिति तीन दिनों के भीतर अंतरिम प्रधानमंत्री के नाम पर मुहर लगाएगी.
लेकिन अगर समिति भी तय समय के भीतर कोई फैसला नहीं ले पाती है तो अंतरिम पीएम के दावेदार लोगों के नाम को चुनाव आयोग के पास भेजा जाएगा. चुनाव आयोग दो दिनों के भीतर इस पर अंतिम फैसला लेगी.
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को संसद के निचले सदन के विदाई सत्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि वह कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नामों पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज से मुलाकात करेंगे.
शरीफ ने कहा कि तीन दिन का समय है, जिस दौरान एक साथ विचार-विमर्श किया जाएगा. अगर तीन नामों पर कोई सहमति नहीं बनती है तो अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए नाम पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के पास जाएंगे.
पाकिस्तान का संविधान कहता है कि असेंबली भंग होने के बाद तीन महीने के अंदर चुनाव होने जरूरी हैं. जब तक चुनाव नहीं होते एक केयरटेकर सरकार देश का कामकाज देखेगी. हालांकि, अभी केयरटेकर पीएम कौन होंगे उनका नाम तय नहीं हुआ है. नियमों के हिसाब से केयरटेकर पीएम नियुक्त नहीं होने तक शहबाज शरीफ ही प्रधानमंत्री बने रहेंगे.
बता दें कि यह दूसरी बार है, जब राष्ट्रपति अल्वी ने नेशनल असेंबली को भंग किया है. इससे पहले वह पिछले साल अप्रैल में तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान की सिफारिश पर भी संसद को भंग कर चुके हैं. लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उनके फैसले को पलट दिया था.
इमरान के 5 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक
इमरान खान पर चुनाव आयोग ने पांच साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है. तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान को पांच साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराया है. इमरान खान ने तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के निचली अदालत के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि 'ट्रायल कोर्ट द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें सजा दिया जाना न्यायाधीश का पक्षपाती फैसला था. यह पूरी तरह निष्पक्ष सुनवाई के चेहरे पर तमाचा है. इसके साथ ही यह न्याय व उचित प्रक्रिया का मजाक उड़ाने जैसा है.