
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिन्दू मेडिकल छात्रा नम्रता चंदानी की हत्या की हर तरफ निंदा हो रही है लेकिन सिंध पुलिस का कहना है कि अभी किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाज़ी होगा. पुलिस के मुताबिक अभी पक्के तौर पर ये नहीं कहा जा सकता कि नम्रता की हत्या हुई या उसने खुदकुशी की. लरकाना के डीआईजी इरफान अली बलोच ने घटना की जांच एसएसपी मसूद अहमद बंगश को सौंपी है.
इंडिया टुडे के पास नम्रता चंदानी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर एक्सक्लूसिव जानकारी मौजूद है. इस रिपोर्ट से साफ संकेत मिलते हैं कि नम्रता की हत्या की गई. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक-
1 – गर्दन के अगले हिस्से पर बड़ा निशान पाया गया. इसके अलावा चेहरे पर दबाव और जीभ का अगला हिस्सा बाहर निकला हुआ पाया गया. साथ ही दाईं टांग पर त्वचा के निशान दिखे. (ऐसा तभी हो सकता है जब किसी ने टांग को जोर से पकड़ रखा हो)
2 – छाती के भीतरी हिस्से में भी दबाव पाया गया.
नम्रता के भाई डॉ विशाल का कहना है कि उनकी बहन का क़त्ल किया गया. डॉ विशाल ने कहा, ‘मेरी बहन का जब शव मिला तो उसके गले में दुपट्टा था. लेकिन उसकी गर्दन पर केबल वायर (तार) जैसे निशान थे. नम्रता के शरीर के अन्य हिस्सों पर भी ऐसे निशान मिले जिनसे लगता है कि किसी ने उसे पकड़ रखा था.’
नम्रता, लरकाना में बेनजीर भुट्टो मेडिकल यूनिवर्सिटी के बीबी आसिफा डेंटल कॉलेज में बीडीएस फाइनल ईयर की छात्रा थीं. नम्रता मूल रूप से घोटकी ज़िले के मीरपुर माथेलो की रहने वाली थीं. नम्रता के भाई डॉ विशाल कंसल्टेंट फिजिशियन (FCPS) हैं और कराची की डोऊ मेडिकल यूनिवर्सिटी में कार्यरत हैं.
डॉ विशाल ने लोगों से अपील की है- ‘हम अल्पसंख्यक हैं, कृपया हमारे साथ खड़े हों’. नम्रता से जुड़े केस पर पाकिस्तान के साथ ही विदेश से भी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. कराची में मंगलवार को सिविल सोसायटी, छात्र-छात्राओं के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने निकल कर चंदानी परिवार के साथ एकजुटता जताई. उन्होंने कैंडल मार्च निकाल कर नम्रता के लिए इंसाफ और दोषियों को कड़ी सज़ा दिए जाने की मांग की.
नम्रता चंदानी का परिवार मूल रूप से सिंध के घोटकी ज़िले का रहने वाला है. यहां हाल में एक हिन्दू प्रिसिंपल पर ईशनिंदा का आरोप लगाए जाने के बाद मंदिर और हिन्दू घरों में तोड़फोड़ की गई थी.