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पहले लिंचिंग कर श्रीलंकाई नागरिक की हत्या, अब डैमेज कंट्रोल में पाक ने उठाया ये कदम

अब उस घटना के बीच पाकिस्तान की तरफ से बड़ी पहल की गई है. जिस फैक्ट्री में श्रीलंकाई नागरिक की लिंचिंग हुई थी, वहां पर अब फिर एक श्रीलंकाई को ही नौकरी पर रखा गया है.

पाकिस्तान पीएम इमरान खान पाकिस्तान पीएम इमरान खान
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 1:53 PM IST
  • डैमेज कंट्रोल में पाकिस्तान सरकार
  • फैक्ट्री में श्रीलंकाई नागरिक को दी गई नौकरी
  • पहले लिंचिंग कर एक श्रीलंकाई नागरिक की हुई थी हत्या

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक श्रीलंकाई नागरिक की लिंचिंग कर हत्या वाले मामले ने पूरी दुनिया में तूल पकड़ा था. श्रीलंका सरकार की तरफ से भी उस घटना की निंदा की गई थी और तेज कार्रवाई की मांग हुई थी. अब उस घटना के बीच पाकिस्तान की तरफ से बड़ी पहल की गई है. जिस फैक्ट्री में श्रीलंकाई नागरिक की लिंचिंग हुई थी, वहां पर अब फिर एक श्रीलंकाई को ही नौकरी पर रखा गया है.

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पहले लिंचिंग, अब डैमेज कंट्रोल

प्रधानमंत्री के विशेष प्रतिनिधि हाफिज मोहम्मद ताहिर अशरफी ने इस फैसले की जानकारी दी है. उन्होंने बुधवार को श्रीलंका हाई कमिश्नर से मुलाकात की थी. उस मुलाकात के दौरान ही लिंचिंग वाली घटना पर अफसोस भी जाहिर किया गया और पाकिस्तान सरकार के इस फैसले की भी जानकादी दी गई. ये भी बताया गया है कि मृत प्रियंता कुमारा के परिवार की भी अब पाकिस्तान सरकार आर्थिक सहायता करेगा. उनके बच्चों की पढ़ाई का जो भी खर्चा रहेगा, वो पाकिस्तान उठाने वाला है.

अभी के लिए उस कपड़ा फैक्ट्री में कौन से श्रीलंकाई नागरिक को नौकरी पर रखा गया है, ये साफ नहीं है. कहा जा रहा है कि सुरक्षा के लिहाज से शख्स की पहचान गुप्त रखी जा रही है. लेकिन श्रीलंका ने पाकिस्तान सरकार के इस प्रस्ताव का स्वागत किया है. उनकी तरफ से इस बात पर भी खुशी जाहिर की गई है कि पाकिस्तान के बड़े अधिकारी खुद उनसे मिलने आए.

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पूरी घटना क्या है?

इस मामले की बात करें तो सात दिसंबर को कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के समर्थकों ने सियालकोट में एक कपड़े वाली फैक्ट्री पर धावा बोल दिया था. उनकी तरफ से वहां पर मौजूद प्रियंता कुमारा की जमकर पिटाई की गई थी. इसके बाद उनके शव को सड़क पर जला भी दिया गया था. इस वजह से देश में तो प्रदर्शन देखने को मिला ही, श्रीलंका में भी आवाज बुलंद की गई. इस केस में इमरान सरकार ने कार्रवाई करते हुए 800 से ज्यादा लोगों पर आतंकवाद फैलाने के मामले में मुकदमा दर्ज किया है.

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