
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान जारी किए गए दोनों देशों के संयुक्त बयान पर पाकिस्तान भड़का हुआ है. भारत और अमेरिका ने अपने संयुक्त बयान में पाकिस्तान से मांग की थी कि वो पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करे. इस बयान पर सोमवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कड़ी आपत्ति जताते हुए अमेरिकी दूतावास के उप प्रमुख एंड्रयू शॉफर को तलब किया. इसी बीच अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका पाकिस्तान से लगातार आतंकवाद पर नकेल कसने का आह्वान करता रहेगा.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैट मिलर ने डेली न्यूज ब्रीफिंग में पत्रकारों के बताया कि पाकिस्तान ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए कई कदम उठाए हैं हालांकि, अमेरिका चाहता है कि वो इसके लिए और जरूरी कार्रवाई करे.
उन्होंने कहा, 'हम इस बात पर लगातार कायम रहे हैं कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद और उनके प्रमुख संगठनों सहित सभी आतंकवादी समूहों को स्थायी रूप से खत्म करने के लिए अपनी कार्रवाई जारी रखे. हम इस मुद्दे को पाकिस्तानी अधिकारियों के समझ नियमित रूप से उठाना जारी रखेंगे.'
क्या है पूरा मामला?
पीएम मोदी 21-23 जून के बीच अमेरिका के स्टेट विजिट पर थे जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. 22 जून को नरेंद्र मोदी और जो बाइडेन ने द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों देशों की तरफ से संयुक्त बयान जारी किया.
बयान के एक पैरा में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा गया, 'दोनों नेताओं ने सीमा पार आतंकवाद की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया कि उसकी जमीन का इस्तेमाल आतंकवादी हमलों के लिए न किया जाए.'
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस बयान को एकतरफा और भ्रामक करार दिया है. मंगलवार को मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि दोनों देशों के संयुक्त बयान पर अमेरिकी राजनयिक एंड्रयू शॉफर को तलब कर उनसे पाकिस्तान की चिंता और निराशा जता दी गई है.
बयान में आगे कहा गया, 'हमने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका को ऐसे बयान जारी करने से बचना चाहिए. ऐसे बयान को पाकिस्तान के खिलाफ भारत की आधारहीन और राजनीति से प्रेरित नैरेटिव के प्रोत्साहन के रूप में देखा जाएगा.'
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग सही ढंग से काम कर रहा है. पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों की मजबूती के लिए विश्वास और समझ पर आधारित वातावरण होना जरूरी है.
संयुक्त बयान में पाकिस्तान को लेकर और क्या कहा गया?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने संयुक्त बयान में आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा की. पीएम मोदी और बाइडेन ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्ब-उल-मुजाहिदीन जैसे पाक स्थित संगठनों सहित संयुक्त राष्ट्र में सभी लिस्टेड आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आह्वान किया.
दोनों नेताओं ने पाकिस्तान से संबंध रखन वाले 26/11 के मुंबई और पठानकोट हमलों के आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने का आह्वान किया. 2008 के मुंबई हमलों के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ का हाथ था जिसमें 160 से अधिक लोग मारे गए थे, वहीं 2019 के पुलवामा हमले में 40 अर्धसैनिक जवान मारे गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.
साझा बयान पर इमरान खान की प्रतिक्रिया
भारत-अमेरिका के साझा बयान में पाकिस्तान को निशाना बनाए जाने को लेकर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने वहां की सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन को घेरने की कोशिश करते हुए कहा है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने अमेरिका की कई यात्राएं की बावजूद इसके, अमेरिका की नजर में पाकिस्तान 'भारत में सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले के अलावा और कुछ नहीं है.'
इमरान खान ने अपने ट्वीट में लिखा, 'अब इस सरकारी प्रयोग ने न केवल पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अप्रासंगिक बना दिया है, बल्कि हमारा लोकतंत्र, कानून का शासन और संपूर्ण आर्थिक और संस्थागत ढांचा भी हमारी आंखों के सामने ढह रहा है.'