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रूस को दोस्ती का हाथ बढ़ाकर पीठ पीछे ये काम कर रहा है पाकिस्तान

रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच खबर है कि खुद को किसी भी एक पक्ष में नहीं बताने वाला पाकिस्तान यूक्रेन को हथियार सप्लाई कर रहा है. हालांकि, पाकिस्तान इसके लिए किसी अन्य देश का सहारा ले रहा है, जिससे उसके पर सीधे आरोप न लगाए जा सकें.

फोटो- पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन फोटो- पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 4:15 PM IST

रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर पाकिस्तान अंतराष्ट्रीय मंच पर लगातार किसी भी एक पक्ष की ओर झुकाव होने से इनकार कर रहा है और बातचीत के जरिए इस युद्ध को रोकने की बात कह रहा है. लेकिन न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ही यूक्रेन को हथियार और बारूद भी सप्लाई कर रहा है. हाल ही में इस बात का खुलासा हुआ है, जो रूस और यूक्रेन की जंग में पाकिस्तान की स्थिति पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है. 

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खास बात है कि पाकिस्तान यूक्रेन को सीधा नहीं बल्कि तीसरे देश के जरिए हथियारों की सप्लाई कर रहा है. इसके लिए पाकिस्तान की डिफेंस कंपनियों की कई देशों की डिफेंस कंपनियों से बात भी चल रही है तो कई कंपनियों से डील भी हो चुकी है.   

न्यूज एजेंसी एएनआई ने जियो पोलिटिक के हवाले से बताया कि इस्लामाबाद के हथियार सप्लायर डीएमआई एसोसिएट्स यूक्रेन सरकार तक हथियारों की सप्लाई को आसान बनाने के लिए बुल्गारिया की एक डिफेंस फर्म के साथ संपर्क में है. इससे अलग एक स्लोवाकिया बेस्ड डिफेंस कंपनी कैमिका ने पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के गोला-बारूद के सप्लायर केस्ट्रोल से इस बारे में बात की है. 

ऐसा माना जा रहा है कि युद्ध का फायदा उठाकर पाकिस्तान का यह केस्ट्रोल सप्लायर अपनी सप्लाई को यूक्रेन से सटे हुए देश पोलैंड, रोमानिया और स्लोवाकिया तक भी फैला सकता है. इसी साल मई और जून महीने में केस्ट्रल के सीईओ लियाकत अली बेग ने इन देशों की यात्रा भी की थी.

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रिपोर्ट्स की मानें तो हाल ही में एक यूक्रेनियन कंपनी FORMAG ने पाकिस्तानी कंपनी Bluelines Cargo से यूक्रेनी सेना के लिए दस्ताने बनाने के लिए संपर्क किया था. वहीं एक रशियन ऑनलाइन वेब पोर्टल Riafan में छपी एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार,  यूक्रेन आर्मी को हथियारों की सप्लाई के लिए रावलपिंडी स्थित पाकिस्तान का नूर खान एयरबेस ब्रिटेन का अड्डा बन गया है. यहां से आसानी से ब्रिटेन यूक्रेनी सेना के लिए सुरक्षा उपकरण भेज रहा है.

कैसे हुआ पाकिस्तान की यूक्रेन को हथियार सप्लाई का खुलासा
जाहिर है कि जब पाकिस्तान इंटरनेशनल लेवल पर रूस या यूक्रेन में किसी एक का पक्ष लेने से बच रहा है, तो वह हथियार सप्लाई वाली बातों को पूरी तरह छुपाने की कोशिश करेगा. लेकिन एक यूक्रेनी वेबसाइट 'यूक्रेन वेपन ट्रैकर' की वजह से पाकिस्तान की पोल पट्टी को उस समय खुल गई, जब वेबसाइट ने एक पाकिस्तानी निर्मित आर्टिलरी शेल का फोटो शेयर करते हुए बताया कि यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनाई गई है. 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यूक्रेन और रूस के युद्ध के बीच यूक्रेन को गोला-बारूद सप्लाई कर आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान पैसे बनाने की जुगत में लगा हुआ है. खास बात है कि पाकिस्तान जो हथियार यूक्रेन को सप्लाई कर रहा है, उसे यूक्रेनी सेना रूसी सैनिकों के खिलाफ ही इस्तेमाल कर रही है. 

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रिपोर्ट्स की मानें तो जिस पाकिस्तानी निर्मित 122 एमएम एचआर आर्टिलरी की यूक्रेनी वेबसाइट ने जानकारी दी, वह आर्टिलरी रूसी सैनिकों के खिलाफ इस्तेमाल की जा रही है. 

जियो पोलिटिक के अनुसार, साल 2022 में ही यूक्रेन ने पाकिस्तान से हथियारों और सुरक्षा उपकरणों की सप्लाई के लिए बातचीत भी की थी. सिर्फ साल 2021 में ही पाकिस्तान ने यूक्रेन की  T-80UD फ्लीट को रिपेयर करने के लिए 85.6 मिलियन का कॉन्ट्रेक्ट किया था.

हथियारों पर ज्यादा टिकी है यूक्रेन और पाकिस्तान की दोस्ती
हाल ही में उज्बेकिस्तान में हुई एससीओ समिट में रूस को अपना सबसे खास बताने वाले पाकिस्तान के यूक्रेन के साथ अधिकतर हथियारों को लेकर ही संबंध हैं. पिछले कुछ दशकों का ही देखें तो यूक्रेन की आर्म्स इंडस्ट्री का पाकिस्तान सबसे ईमानदार क्लाइंट रहा है. 

पिछले साल जब पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा यूक्रेन की राजधानी में एक मिलिट्री टेस्ट साइट को देखने के लिए पहुंचे थे तो उन्होंने कहा कि था कि भविष्य में यूक्रेन के साथ डिफेंस सेक्टर में आगे बढ़ने के लिए पाकिस्तान इच्छुक है. कमर जावेद बाजवा ने कहा था कि इससे दोनों देशों को एक दूसरे के अनुभव का फायदा पहुंचेगा.

रूस से भी संबंध स्थापित करने में लगा हुआ है पाकिस्तान

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दूसरी ओर, पाकिस्तान रूस के साथ भी रिश्तों को और मजबूत बढ़ाने की बात करता रहा है. एससीओ मीटिंग में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से द्विपक्षीय मुलाकात भी की थी. जहां दोनों नेताओं ने अलग-अलग क्षेत्रों में कारोबार को आगे बढ़ाने पर बात की थी.

पुतिन ने मीटिंग में कहा था कि इस्लामाबाद के साथ अब रिश्ते बेहतर होते जा रहे हैं. पुतिन ने कहा था कि ऊर्जा, रेलवे ट्रांस्पोर्ट जैसे कई क्षेत्रों में पाकिस्तान और रूस के एक साथ आगे बढ़ने की संभावनाएं हैं. पुतिन ने कहा था कि हम गैस पाइपलाइन को लेकर भी लगातार जुड़े हुए हैं. वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी पुतिन को रूस के साथ कारोबार बढ़ाने का वादा करते हुए कहा था कि रूस एक सुपरपावर है, जिसके साथ पाकिस्तान जरूर अपने संबंधों को मजबूत करना चाहता है.

युद्ध के बीच पूर्व पीएम इमरान खान ने की थी पुतिन से मुलाकात
रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच पाकिस्तान की स्थिति पर उस समय भी सवाल खड़े हुए थे, जब साल 2022 के फरवरी महीने में इमरान खान ने मास्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी. इमरान खान ने पुतिन से ऐसे समय पर मुलाकात की थी, जब एक दिन पहले ही पुतिन ने यूक्रेन में स्पेशल सैन्य ऑपरेशन चलाने की अनुमति दी थी. इमरान खान के रूस दौरे को लेकर काफी विवाद भी हुआ था और बात अंतराष्ट्रीय मंचों तक भी पहुंच गई थी. 

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वहीं, हाल ही में न्यूज चैनल अलजजीरा को दिए इंटरव्यू में शहबाज शरीफ सरकार में विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर बात की थी. विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा था कि पाकिस्तान किसी भी पक्ष में नहीं है और चाहता है कि दोनों देश शांति और वार्ता स्थापित करें.  

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