
अफगानिस्तान में तालिबान की ताकत बढ़ने के पीछे एक बड़ी वजह वो पाकिस्तान भी है जिसने हर मौके पर इस आतंकी संगठन को मदद की है. फिर चाहे वो हथियारों के जरिए हो या फिर विश्व पटल पर उसका समर्थन कर.
अब इसी कड़ी में पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने उम्मीद जताई है कि तालिबान, अफगानिस्तान में महिलाओं के हक को सुरक्षित रखेगा.
पाक आर्मी चीफ को तालिबान पर भरोसा
पाक चीफ ने कहा है कि हम उम्मीद करते हैं कि तालिबान अपने वादों को पूरा करेगा. वो महिलाओं के हक को सुरक्षित रखेगा, वो अपनी धरती को आतंकवादियों का गढ़ नहीं बनने देगा. वहीं पाक चीफ ने इस बात पर भी जोर दिया कि पूरी दुनिया को निष्पक्ष होकर अफगानिस्तान में शांति बहाल करने का प्रयास करना होगा. जनरल बाजवा ने इतना सबकुछ शुक्रवार को पाकिस्तान मिलेट्री एकेडमी के एक कार्यक्रम में कहा था.
अब जिस वादे की बात पाक चीफ कर रहे हैं, वो तालिबान ने कुछ दिन पहले किया था. कहा गया था कि नए अफगानिस्तान में महिलाओं को हक दिए जाएंगे. उनकी आजादी का सम्मान किया जाएगा और अफगानिस्तान को आतंकियों का गढ़ नहीं बनने दिया जाएगा. इतना सबकुछ तालिबान ने कहा था, लेकिन जमीन पर इसका उलट होता दिखा. लेकिन जमीनी हकीकत से दूर पाकिस्तान के कमर जावेद बाजवा को पूरी उम्मीद है कि तालिबान अपने वादों पर खरा उतरेगा.
पाक का दावा, अफगानिस्तान के विकास में अहम योगदान
उन्होंने ये भी जाहिर करने का प्रयास किया कि अफगानिस्तान के विकास में पाकिस्तान का एक अहम योगदान रहा है. उनकी नजरों में पिछले 40 सालों में पाकिस्तान की तरफ से कई अफगानियों को उनके देश में शरण दी गई है. बाजवा ने इस बात पर भी जोर दिया कि अफगानिस्तन की अस्थिरता ने पाकिस्तान को भी काफी नुकसान पहुंचाया.
वे मानते हैं कि पाकिस्तान की अपनी आर्थिक स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं है, लेकिन फिर भी कई अफगान नागरिकों को शरण दी गई. उन्हें मुश्किल समय में सहारा दिया गया.
फिर छेड़ा कश्मीर राग
कमर जावेद बाजवा ने अगस्त को आजादी का महीना बताते हुए कहा कि हम सभी ने ब्रिटेन से खुद को आजाद किया था. उस समय भी सभी ने वादा किया था कि एक समृद्ध देश का निर्माण किया जाएगा. ऐसा माहौल तैयार किया जाएगा जिससे सभी देश शांति से रह सकें. अब इतना सबकुछ तो कहा गया लेकिन यहां भी कश्मीर राग नहीं छोड़ा गया. पाक चीफ ने अपनी बात का अंत कश्मीर मुद्दे पर बोलकर किया. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय शांति तब तक संभव नहीं है जब तक कश्मीर विवाद को ना सुलझा लिया जाए.