Advertisement

FATF में न तुर्की की चली, न चीन का मिला साथ, पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में बरकरार

पाकिस्तान की ओर से लगातार आतंकियों और आतंकी संगठनों को पनाह दी जा रही है. इस बीच फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक में फैसला लिया गया कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल फोटो) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल फोटो)
गीता मोहन
  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 9:18 PM IST
  • पाकिस्तान को राहत नहीं
  • एफएटीएफ ने दिया झटका
  • ग्रे लिस्ट में रहेगा पाकिस्तान

पाकिस्तान की ओर से लगातार आतंकियों और आतंकी संगठनों को पनाह दी जा रही है. इस बीच फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक में फैसला लिया गया कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा. यह फैसला तब लिया गया है जब एफएटीएफ के एक्शन प्लान के सभी 27 मापदंडों का पालन करने में पाकिस्तान असफल रहा है.

दरअसल, पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की कोशिश में लगा हुआ है. हालांकि पाकिस्तान इसमें सफल होने में कामयाब नहीं हो पा रहा है. पाकिस्तान पर लगातार आतंकियों को पनाह दिए जाने के आरोप लग रहे हैं. साथ ही वह एफएटीएफ के मापदंड़ों को पूरा करने में नाकाम रहा है. जिसके बाद पाकिस्तान को एक बार फिर से ग्रे लिस्ट में बनाए रखने का फैसला लिया गया है.

Advertisement

वहीं एफएटीएफ प्लेनरी में तुर्की ने प्रस्ताव दिया कि 27 में से शेष छह मापदंडों को पूरा करने के लिए इंतजार करने की बजाय सदस्यों को पाकिस्तान के अच्छे काम पर विचार करना चाहिए. साथ ही एक एफएटीएफ ऑन-साइट टीम को अपने मूल्यांकन को अंतिम रूप देने के लिए पाकिस्तान का दौरा करना चाहिए.

वहीं जब प्रस्ताव को 38 सदस्यीय प्लेनरी के सामने रखा गया तो किसी भी सदस्य ने प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी. यहां तक कि चीन, मलेशिया या सऊदी अरब ने भी इसको मंजूरी नहीं दी. अब एफएटीएफ ने अगले साल फरवरी की अगली समीक्षा तक पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखने का फैसला किया है.

चार महीने मिली थी राहत
इससे पहले एफएटीएफ ने कोरोना महामारी को देखते हुए पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट पर फैसला चार महीने के लिए टाल दिया था. एफएटीएफ के इस फैसले से पाकिस्‍तान को चार महीने की अंतरिम राहत मिल गई थी. दरअसल, पेरिस स्थित एफएटीएफ की पहले जून में  बैठक होनी थी. उसमें में यह तय किया जाना था कि क्‍या पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट से हटाया जाए या फिर उसे ब्‍लैक लिस्‍ट में डाल दिया जाए.

Advertisement

देखें: आजतक LIVE TV

तब एफएटीएफ ने एक बयान में कहा था कि रिव्यू प्रक्रिया को कुछ समय के लिए रोक दिया गया है. मॉनिटरिंग की प्रक्रिया 4 अतिरिक्त महीने के लिए बढ़ा दी गई है. इस प्रकार, एफएटीएफ जून में इनकी समीक्षा नहीं कर रहा. इसके कारण एफएटीएफ की इस राहत के बाद पाकिस्तान पर फैसला अब अक्टूबर में आया है.

फरवरी में हुई थी बैठक

इससे पहले एफएटीएफ की फरवरी में हुई बैठक में पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने में विफल रहा था. एफएटीएफ की यह बैठक फ्रांस की राजधानी पेरिस में फरवरी में हुई थी. एफएटीएफ की ओर से पाकिस्तान को जून 2020 तक का समय दिया गया. हालांकि जून में इस समय अवधि को चार महीने के लिए और बढ़ा दिया गया था. इस दौरान पाकिस्तान को 27 प्वाइंट एक्शन प्लान पर काम करना था. अगर पाक इसमें कामयाब हो जाता तो ग्रे-लिस्ट से बाहर आ सकता था लेकिन पाकिस्तान इसमें विफल रहा है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement