
पाकिस्तान में एक बड़ा आत्मघाती हमला हुआ है. प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकियों ने उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में पुलिस चौकी पर हमला किया है, जिसमें दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है.
खैबर जिले के पुलिस अधिकारी मुहम्मद इमरान ने कहा कि यह हमला तख्त बेग पुलिस चौकी पर हुआ. इस हमले के लिए आतंकियों ने हैंड ग्रेनेड और भारी हथियारों का इस्तेमाल किया.
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में अफगान सीमा के पास टीटीपी आतंकियों ने एक पुलिस चौकी पर ग्रेनेड फेंका और परिसर में घुस गए. इस दौरान एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया. इस हमले में दो पुलिसकर्मियों की मौत हुई है.
इस हमले के बाद पुलिस की जवाबी कार्रवाई में चेकप्वॉइन्ट के भीतर ही एक आत्मघाती हमलावर को मार गिराया गया.
आतंकियों और पुलिस के बीच यह गोलीबारी लगभग आधे घंटे तक होती रही.
इस हमले में दो पुलिस अधिकारी यूनुस अफरीदी और मंजूर अफरीदी मारे गए जबकि एक पुलिस कॉन्स्टेबल की हालत गंभीर बताई जा रही है. आतंकी समूह तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के प्रवक्ता मुहम्मद खुरासानी ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.
बता दें कि पिछले कुछ समय से टीटीपी ने पाकिस्तान की नाक में दम कर रखा है. वह लगातार पाकिस्तान को निशाना बना रहा है.
पाक-अफगान बॉर्डर पर झड़प
स्पिन बोल्डक चमन बॉर्डर पर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच पिछले कुछ दिनों में कई बार झड़प हो चुकी है. अफगानिस्तान ने चमन बॉर्डर पर नागरिक आबादी पर अंधाधुंध फायरिंग की है. दिसंबर में हुई हिंसा के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. पाकिस्तान के अनुसार, तालिबानी लड़ाकों ने पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाकों में घनी बस्तियों को अपने रडार पर रखा है.
तालिबान और टीटीपी में क्या है संबंध
तालिबान ने पिछले साल ही अगस्त में दोबारा अफगानिस्तानी सत्ता पर कब्जा कर लिया था. टीटीपी एक कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन है और तालिबान से संबंध रखता है. नवंबर 2022 में अफगान तालिबान संघर्षविराम को खत्म करने की घोषणा के बाद से टीटीपी ने पाकिस्तान में हमले तेज कर दिए हैं. इस्लामाबाद स्थित एक थिंक-टैंक ने टीटीपी के उदय को देश के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है. पिछले एक दशक की तुलना करें तो साल 2022 पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण साबित हुआ है.
सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (CRSS) की ओर से शनिवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने विभिन्न हमलों के दौरान कम से कम 282 जवानों को खो दिया है. इनमें से सबसे ज्यादा सुरक्षाकर्मियों की मौत पाक-अफगान बॉर्डर पर हुई है.