
बलूचिस्तान में बलूच नेशनल मूवमेंट (BNM) और बलूच स्टूडेंट-ऑर्गेनाइजेशन आजाद ((BSO-A) जैसे संगठनों के कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग को लेकर हो रहे धरना प्रदर्शन पर पाकिस्तानी सेना की ओर से बल प्रयोग किया गया है. पाकिस्तान आर्मी ने बलूच नेशनल मूवमेंट की प्रमुख कार्यकर्ता महरंग बलूच और कई अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है. राज्य सुरक्षा बलों द्वारा शनिवार सुबह-सुबह की गई क्रूर कार्रवाई में महिलाओं और बच्चों पर हमला किया गया. धरना स्थल से कुछ शव भी बरामद किए गए हैं.
बलूच यकजेहती कमेटी (BYC) ने अपनी सेंट्रल कमेटी के सदस्य बेबर्ग, उनके भाई हम्माल, डॉ. इलियास, बलूच महिला सईदा और कई अन्य लोगों की रिहाई की मांग को लेकर कल क्वेटा में धरना देने की घोषणा की थी. बीवाईसी का आरोप है कि इन्हें जबरन गायब कर दिया गया है. महरंग बलूच ने X पर एक वीडियो मैसेज में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर क्वेटा में शांतिपूर्ण ढंग से धरना प्रदर्शन कर रहे बलूच कार्यकर्ताओं पर गोलियां चलाने का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि शुरू से ही पाकिस्तान सरकार हमारे धरना प्रदर्शन का जवाब हिंसक दमन से दिया है.
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बलूच प्रदर्शनकारियों पर पाक सुरक्षा बलों की गोलीबारी
महरंग ने आरोप लगाया कि राज्य सुरक्षा बलों ने बलूच प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले दागे और सामूहिक गिरफ्तारियों के जरिए अपना हमला तेज कर दिया. नेटवर्क बंद कर दिए गए. प्रदर्शनकारियों को पकड़ने के लिए सुरक्षा बलों ने सरयाब में तलाशी अभियान शुरू किया, जबकि उनकी ओर से की गई गोलीबारी में तीन बलूच मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. महरंग बलूच ने कहा कि शनिवार सुबह 5:30 बजे, सुरक्षा बलों ने धरना प्रदर्शन कर रहे बलूच लोगों पर धावा बोला और उनके साथ क्रूरता की.
पाकिस्तान सेना ने बलूच महिलाओं, बच्चों और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हिंसा की. सुरक्षा बलों ने उन शवों को जबरन जब्त कर लिया, जिनके लिए प्रदर्शनकारियों ने आज जनाजे की नमाज पढ़ने की योजना बनाई थी. महरंग बलूच सहित कई अन्य बलूच कार्यकर्ताओं को सुरक्षा बल धरना स्थल से घसीट कर बख्तरबंद गाड़ियों में ले गए और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. बलूचिस्तान में बलूच नेशनल मूवमेंट और बलूच स्टूडेंट-ऑर्गेनाइजेशन आजाद जैसे संगठनों के कार्यकर्ताओं को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है. उन्हें गायब किया जा रहा है, उनकी टारगेटेड किलिंग करवाई जा रही है. डरा-धमकाकर इन संगठनों को चुप कराने की कोशिश की जा रही है.
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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में उठा उत्पीड़न का मुद्दा
हाल ही में जिनेवा में आयोजित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 58वें सत्र में भी बलूचिस्तान में मानवाधिकार हनन का मुद्दा उठाया गया था. बलूचिस्तान में चल रहे दमन और अत्याचार पर बलूच नेशनल मूवमेंट के विदेश विभाग के समन्वयक और केंद्रीय समिति के सदस्य नियाज बलूच ने गंभीर चिंता व्यक्त की थी. उन्होंने बलूच बीएसओ-ए और बीएनएम जैसे बलूच राजनीतिक संगठनों पर हो रहे दमन का उल्लेख किया. नियाज बलूच ने पाकिस्तानी सेना पर बलूच संगठनों के कार्यकर्ताओं को मनमाने ढंग से हिरासत में लेने, उन्हें परेशान करने और उनकी आवाज दबाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'जबरन गायब होना बलूचिस्तान में उत्पीड़न का एक व्यवस्थित साधन बन गया है.' नियाज ने बीएसओ-ए के केंद्रीय समिति के सदस्य बीबर्ग जेहरी और उनके भाई हम्माल जेहरी सहित कई अन्य बलूच कार्यकर्ताओं के जबरन गायब होने की घटनाओं का उदाहरण दिया.
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नियाज बलूच ने आरोप लगाया कि एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल किलिंग्स बलूचिस्तान में संकट को और बढ़ा रही हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार समर्थित समूहों की ओर से इन घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है, जिससे बलूच परिवारों को सामूहिक दंड का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बीएसओ-ए के लापता अध्यक्ष जाहिद बलूच के भाई शाहजहां बलूच की क्रूर हत्या का उदाहरण दिया. नियाज बलूच ने यह भी कहा कि मानवाधिकार कार्यकर्ता सईदा बलूच और उनकी बहन को भी गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा, बलूचिस्तान के कंबरनी परिवार के एक दर्जन से अधिक सदस्यों का जबरन गायब होना भी संकट की गंभीरता को उजागर करता है.