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सिर्फ आरोपों के आधार पर ग्वांतानामो जेल में 20 साल बंद रहे 2 पाकिस्तानी, अब US ने किया रिहा

पाकिस्तान के इन दोनों भाइयों को अलकायदा को मदद पहुंचाने के आरोप में 2002 में कराची से गिरफ्तार किया गया था. बाद में इन्हें अमेरिकी प्रशासन को सौंप दिया गया. इसके बाद से ही ये क्यूबा की ग्वांतानामो बे जेल में बंद हैं. ग्वांतानामो जेल को 11 सितंबर 2001 हमले के बाद जॉर्ज डब्ल्यू बुश सरकार के निर्देश पर बनाया गया था.

ग्वांतानामो की जेल में रहे पाकिस्तान के दो भाई ग्वांतानामो की जेल में रहे पाकिस्तान के दो भाई
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:54 PM IST

क्यूबा के ग्वांतानामो बे जेल में 20 सालों से बंद पाकिस्तान के दो भाइयों को अमेरिका ने उनके मुल्क भेज दिया है. इन भाइयों का नाम अब्दुल रब्बानी और मोहम्मद रब्बानी है, जिन्हें अलकायदा को मदद पहुंचाने के आरोप में 2002 में कराची में गिरफ्तार किया गया था. इन दोनों भाइयों को बिना आरोपों के 20 सालों तक ग्वांतानामो जेल में रखा गया था. 

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2002 में कराची से गिरफ्तार किए गए रब्बानी बंधुओं को बाद में अमेरिकी सरकार को सौंप दिया गया था. इन दोनों पर अलकायदा आतंकियों को अपने घर में पनाह देने और उनकी मदद का आरोप लगाया था. इन दोनों ने ग्वांतानामा भेजे जाने से पहले सीआईए की हिरासत में प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया था. 

पेंटागन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अमेरिका ग्वांतानामो जेल में बंद कैदियों की संख्या को घटाने और आखिरकार इस जेल को बंद करने के उसके उद्देश्यों को पूरा करने में पाकिस्तानी सराकर और अन्य देशों के प्रयासों की सराहना करते हैं. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रब्बानी बंधु ग्वांतानामो जेल से रिहा होकर पाकिस्तान पहुंच गए हैं. 

बता दें कि क्यूबा की ग्वांतानामो बे जेल को 11 सितंबर 2001 हमले के बाद जॉर्ज डब्ल्यू बुश सरकार के निर्देश पर 2002 में बनाया गया था. इन दोनों भाइयों को पाकिस्तान भेजे जाने के बाद ग्वांतानामो बे में अब 32 कैदी हैं, जिनमें से 18 को उनके देश भेजा जाना है. 

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जो बाइडेन ने जब 2021 में राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. उस समय ग्वांतानामो बे में 40 कैदी थी. उस समय बाइडेन ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि यह जेल जल्द बंद हो जाएगी. इस बीच गुरुवार को पेंटागन ने पाकिस्तान के दो भाइयों अब्दुल रब्बानी और मोहम्मद रब्बानी को वतन भेज दिया गया. दोनों को 2002 में गिरफ्तार किया गया था. दोनों भाइयों पर अलकायदा की मदद करने का आरोप लगाया गया था. 

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