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पाकिस्तान पत्रकार का दावा- कांग्रेस शासन में भारत दौरे पर आकर करता था जासूसी, ISI को देता था जानकारी

पाकिस्तान के पत्रकार और स्तंभकार नुसरत मिर्जा ने एक इंटरव्यू में बडे़ खुलासे किए हैं. उन्होंने दावा किया है कि वे कांग्रेस के शासन में 5 बार भारत की यात्रा पर आए. इस दौरान उन्होंने जासूसी की और भारत से जुटाई जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को सौंपी.

पाकिस्तान के स्तंभकार नुसरत मिर्जा पाकिस्तान के स्तंभकार नुसरत मिर्जा
aajtak.in
  • इस्लामाबाद,
  • 12 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 2:49 PM IST
  • नुसरत मिर्जा का दावा- कांग्रेस शासन में 5 बार किया भारत का दौरा
  • मिर्जा ने कहा, उसने भारत से जुटाई जानकारी आईएसआई को सौंपी

पाकिस्तान के स्तंभकार नुसरत मिर्जा ने खुलासा किया है कि वह अपनी भारत यात्रा के दौरान जासूसी करता था. नुसरत मिर्जा ने कहा कि वह कांग्रेस के शासनकाल में कई बार भारत की यात्रा पर आया. उसने इस दौरान जुटाई गई जानकारी को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ शेयर किया. 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राजनीतिक विश्लेषक शकील चौधरी के साथ वर्चुअल इंटरव्यू में स्तंभकार नुसरत मिर्जा ने खुलासा किया है कि भारत की यात्रा के दौरान उसे पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से विशेष लाभ मिलते थे. नुसरत मिर्जा ने दावा किया कि आमतौर पर भारत का वीजा एप्लाई करने पर सिर्फ तीन जगहों पर जाने की अनुमति मिलती है. लेकिन 2002 से 2007 तक पाकिस्तान में खुर्शीद कसूरी के विदेश मंत्री रहते हुए मिर्जा को 7 शहरों का वीजा मिला. 
 
नुसरत मिर्जा ने कहा कि उसने कई बार भारत की यात्रा की. मिर्जा ने कहा, वे उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी के न्योते पर भी भारत आए थे. हामिद अंसारी 2007 से 2017 तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे. नुसरत मिर्जा ने बताया कि उसने 5 बार भारत की यात्रा की. वह दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, पटना और कोलकाता गया. 

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दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष से भी की थी मुलाकात

नुसरत के मुताबिक, 2011 में उसने मिली गैजेट के संस्‍थापक और दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान से भी मुलाकात की थी. मिर्जा ने पाकिस्तानी सेना में नेतृत्व को लेकर निराशा भी जताई. उन्होंने कहा, ये आमतौर पर विशेषज्ञों के काम की उपेक्षा करते हैं. नुसरत ने कहा, आप जानते हैं कि पाकिस्तान में क्या दिक्कत है? यहां जब भी नया आर्मी चीफ आता है, वह पुराने चीफ द्वारा किए गए काम को छोड़कर खाली कागज पर नए अध्याय की शुरुआत करता है. 
 
नुसरत मिर्जा ने बताया, ''मुझसे तत्कालीन विदेश मंत्री खुर्शीद ने अपने साथ लाई गई जानकारी को तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी को सौंपने के लिए कहा गया. मैंने कहा, मैं उन्हें जानकारी नहीं दूंगा. अगर खुर्शीद चाहते हैं, तो उन्हें जानकारी दे सकता हूं, वे इसे आर्मी चीफ कयानी को सौंप दें. 

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नुसरत मिर्जा ने बताया कि उन्हें बाद में परवेज कयानी ने बुलाया और कहा कि अगर उनके पास ऐसी और जानकारी है, तो दें. मैंने उनसे इस जानकारी पर काम करने के लिए कहा. उनके पास रिसर्च विंग है. उन्हें भारत के नेतृत्व की कमजोरी के बारे में पता है. मिर्जा ने बताया कि सेना प्रमुख ने इस जानकारी का इस्तेमाल नहीं किया. 

FATF ने पाकिस्तान के बांधे हाथ

पाकिस्तान के 'ढीले' रवैये का जिक्र करते हुए मिर्जा ने बताया कि जबसे FATF आया है, पाकिस्तान ने कोई गतिविधि नहीं की है. इसने पाकिस्तान के हाथ बांध दिए हैं. बता दें कि FATF अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अपराध को रोकने की कोशिश करता है, जो कि आतंकवाद को बढ़ाने के लिए किए जाते हैं.

इतना ही नहीं मिर्जा ने दावा किया कि वे भारत और उसके दृष्टिकोण को पूरी तरह से समझते हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि जो जानकारी उन्होंने पाकिस्तान को सौंपी, उस पर नेतृत्व के मुद्दों की वजह से किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया. 

भारत में उर्दू पत्रों के सभी संपादक मेरे दोस्त

नुसरत मिर्जा ने कहा, "मुझे लगता है कि मैं समझता हूं कि भारत कैसे काम करता है. मैंने उन परिस्थितियों का अध्ययन किया है, जिनमें भारतीय मुसलमान रहते हैं. भारत में उर्दू पत्रों के सभी संपादक मेरे दोस्त हैं. कई समाचार चैनल के मालिक अच्छे दोस्त हैं. जब भी मैं भारत गया. मैंने कई इंटरव्यू दिए. 

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पाकिस्तानी स्तंभकार ने दावा किया, मुझे पता है कि अलगाववादी आंदोलन कहां हो रहे हैं. लेकिन कोई भी जानकारी का फायदा नहीं उठाना चाहता. भारत के सभी क्षेत्रों में अलगाववादी आंदोलन हो रहे हैं. इस बारे में कोई संदेह नहीं है. मैं कहता था कि 26 आंदोलन चल रहे थे, लेकिन किसी ने कहा कि अब 67 ऐसे आंदोलन हैं. 

 

 

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