
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी बुधवार को UAE के आबू धाबी में बने विशाल हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे. इस दौरान वह यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से भी मिलेंगे. इसके बाद वह वहीं से कतर के लिए रवाना हो जाएंगे.
प्रधानमंत्री मोदी का कतर और यूएई दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि मंदिर का उद्घाटन एक मुस्लिम देश में हो रहा है. दूसरी तरफ, कतर ने हाल ही में जेल में बंद नौसेना के आठ पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया है. इन सभी भारतीयों को पिछले साल 26 अक्टूबर को कतर की कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. हालांकि, बाद में कोर्ट ऑफ अपील ने फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी.
दुनिया भर में भारतीयों का दबदबाः साजिद तरार
एक ही सप्ताह के भीतर दो मुस्लिम देशों के बीच भारत की पैठ पर पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी एक्सपर्ट और बिजनेसमैन साजिद तरार ने टिप्पणी की है. कतर द्वारा रिहा किए गए आठों पूर्व भारतीय नौसैनिकों को लेकर उन्होंने कहा है, "मैंने पहले ही कहा था कि भारत जिस तरह से आज दुनिया में डॉमिनेट कर रहा है. कतर इन लोगों को छोड़ेगा. इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. इसके अलावा एक खबर आई थी कि अमेरिका ने भारत को ड्रोन डिलीवरी पर रोक लगा दी है. उस वक्त भी मैंने कहा था कि अमेरिका भारत को ड्रोन देगा. और दूसरे ही दिन खबर आई कि अमेरिका भारत को ड्रोन डिलीवर करेगा."
इस्लामाबाद बेस्ड एकेडमिक और रणनीतिक विश्लेषक डॉ कमर चीमा को दिए इंटरव्यू में साजिद तरार ने आगे कहा, "इसकी वजह यह है कि मैं वॉशिंगटन डीसी को देख रहा हूं. मैं यहां भारतीय प्रवासियों का, भारत की इकॉनमी का, वैज्ञानिक उपलब्धियों का इन्फलुएंस देख रहा हूं. इसके अलावा भारत के अंदर बेहतर कानून व्यवस्था और चीन का नीचे जाना देखता हूं तो मुझे भारत बहुत ही शक्तिशाली देश नजर आता है.
इसमें कोई शक नहीं है कि अमेरिका में यहूदी लॉबी के बाद सबसे ज्यादा प्रभावी अभी इंडियन लॉबी है. मुझे यह कहने में भी गुरेज नहीं है कि हो सकता है कि इंडियन लॉबी यहूदी लॉबी से भी मजबूत हो. भारत का सबसे बड़ा हथियार कंप्यूटर के ऊपर उनका स्किल है. भारत का सबसे बड़ा हथियार आईआईटी और आईआईएम है. इसकी वजह से उन्होंने पूरी दुनिया फतह की है."
पीएम मोदी के यूएई दौरे को लेकर साजिद तरार ने कहा कि नरेंद्र मोदी का यह सातवां यूएई दौरा है. इसे पीएम मोदी के चुनावी कैंपेन के नजरिये से भी देखा जाना चाहिए. 27 एकड़ की जमीन पर यूएई में मंदिर बना है. पीएम मोदी हमेशा चुनावी कैंपेन मोड में होते हैं. यूएई जाकर जब वो मंदिर का उद्घाटन करेंगे तो उसका भी उन्हें क्रेडिट दिया जाएगा. वहां जो प्रवासी भारतीय रहते हैं उनके परिवार वाले वोट डालेंगे ही.
भारत और कतर के बीच हुई अहम ट्रेड डील
साजिद तरार ने आगे कहा, "अभी भारत में कतर में फंसे नौसैनिकों की घर वापसी और पीएम मोदी का यूएई और कतर दौरा सबसे ज्यादा चर्चाओं में है. अब सवाल यह है कि इन आठों नौसैनिकों को कैसे छोड़ा गया है? इसके पीछे क्या कारण हैं? इसके पीछे सबसे बड़ा कारण ट्रेड है. उस क्षेत्र के सात मुल्कों ने पहले ही पीएम मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान पुरस्कार से नवाजा है. इन देशों में 90 लाख से ज्यादा प्रवासी भारतीय रहते हैं. इन देशों के साथ 85 बिलियन डॉलर का व्यापार हो रहा है."
उन्होंने आगे कहा, 'अब सवाल यह है कि दोनों देशों के बीच क्या ट्रेड हुआ है? भारत ने अपने 8 नौसैनिकों को कतर से छुड़ाया है तो भारत ने कतर को क्या दिया है? तो ट्रेड यह हुआ है कि वर्तमान में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है. भारत ने कतर को बहुत बड़ा कॉन्ट्रैक्ट दिया है. 2048 तक भारत कतर से गैस आयात करेगा. इसकी वैल्यू 78 बिलियन डॉलर है. अब जब 78 बिलियन डॉलर का ट्रेड हो, 2048 तक का कॉन्ट्रेक्ट हो तो क्या आप उनके कैदी रख सकते हैं? दूसरा, उनके ऊपर आरोप था कि वो इजरायल के लिए जासूसी कर रहे थे. मैंने पहले ही आपको बताया था कि इस आरोपों में कोई जान नहीं है."
दरअसल, भारत ने पिछले सप्ताह कतर से एलएनजी आयात के कॉन्ट्रेक्ट को 2048 तक बढ़ा दिया है. इस ट्रेड के लिए दोनों देशों के बीच 78 बिलियन अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
कतर के अमीर ने दी होगी माफीः साजिद तरार
तरार ने आगे कहा, "हालांकि, भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने यह नहीं बताया है कि उन्हें कैसे छोड़ा गया है. क्या अदालत ने रिहा किया है या कतर के अमीर ने उन्हें माफी दे दी है. लेकिन मीडिया रिपोर्टे के मुताबिक, साल में दो बार कतर के अमीर आम जनता को माफी देते हैं. मोदी खुद कतर गए थे. इस दौरान उन्होंने अमीर से अनुरोध किया था मामले को गंभीरता से लिया जाए. ऐसे में यह हो सकता है कि अमीर ने अदालत को कहा होगा या उन्होंने खुद ही उसे माफी दे दी होगी."
पहले अमेरिका के न्यू जर्सी और अब यूएई के अबू धाबी में हिंदू मंदिर के निर्माण पर साजिद तरार ने कहा, "दो चीजें होती हैं. एक तो आपके पास ताकत हो और दूसरा पैसा हो. यह उनके बगैर नहीं हो सकता है. भारत अभी मंदिर बनवा रहा है. लेकिन बहुत सालों पहले से यहूदी अमेरिका में एक मूवमेंट चला रहे हैं. इसके तहत भले ही कोई यहूदी बच्चा अमेरिका में पैदा हुआ है, उसे फ्री टिकट देकर कहा जाता है कि जाइए अपना होमलैंड इजरायल देखकर आइए. वहीं, दूसरी तरफ सऊदी अरब है जिसके पास यहूदियों से ज्यादा पैसा होगा लेकिन वह हज और उमराह के ऊपर भी कारोबार करता है.