
ईरान से कथित संबंध रखने वाले एक पाकिस्तानी शख्स पर अमेरिकी धरती पर राजनेताओं और अधिकारियों की हत्या की साजिश रचने के आरोप में अरेस्ट किया गया है. आरोपी की पहचान आसिफ मर्चेंट के रूप में हुई है जिसे पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था. आसिफ पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भी हत्या की साजिश रचने का आरोप है.
एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, आसिफ मर्चेंट जून में न्यूयॉर्क पहुंचा था और कथित हत्यारों को 5,000 डॉलर का अग्रिम भुगतान किया. इस दौरान उसने एक "राजनीतिक व्यक्ति" की हत्या की योजना पर चर्चा की. उसका इरादा अगस्त या सितंबर में पाकिस्तान लौटने पर लक्ष्यों के नाम बताने सहित आगे के निर्देश देने का था.
पाकिस्तान का बयान
सूत्रों के मुताबिक, मुख्य लक्ष्यों में से एक पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी थे. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को निशाना बनाकर की गई हत्या की नाकाम साजिश में अपने नागरिक की कथित संलिप्तता के बारे में पाकिस्तान का कहना है कि वह अभी और अधिक जानकारी का इंतजार कर रहा है. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा, "अपनी औपचारिक प्रतिक्रिया देने से पहले, हमें संबंधित व्यक्ति के पिछले इतिहास के बारे में भी जानना होगा."
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अदालती दस्तावेजों में विशिष्ट लक्ष्यों का खुलासा नहीं किया गया है. हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने उल्लेख किया कि ईरान की ओर से पिछले खतरे के कारण पेंसिल्वेनिया रैली से पहले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. यह खतरा उस अलग घटना से संबंधित नहीं था, जिसमें ट्रम्प को एक बंदूकधारी ने घायल कर दिया था.
कौन है आसिफ मर्चेंट
अमेरिकी न्याय विभाग ने 46 वर्षीय पाकिस्तानी शख्स आसिफ रजा मर्चेंट पर अमेरिकी राजनेता या सरकारी अधिकारियों की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है. न्याय विभाग के मुताबिक, मर्चेंट एक खास मकसद से पाकिस्तान से अमेरिका गया था. लेकिन अमेरिका पहुंचने से पहले उसने कुछ समय ईरान में बिताया था. एक आपराधिक शिकायत से पता चला है कि कराची निवासी मर्चेंट का कथित तौर पर तेहरान से संबंध है. उसने जांचकर्ताओं को बताया कि उसकी पत्नी और बच्चे ईरान में हैं और पाकिस्तान में उसका एक अलग परिवार रहता है.
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से पता चला है कि मर्चेंट ने 2010 में कराची बैंक में ब्रांच मैनेजर के रूप में काम किया था. यहां उसकी जिम्मेदारी 1,850 मिलियन रुपये से अधिक की संपत्ति और देनदारी पोर्टफोलियो का प्रबंधन करना था, जिसमें पेट्रोलियम, कपड़ा, चमड़ा, कागज उत्पाद, रसायन और फार्मास्यूटिकल्स के साथ-साथ विभिन्न खुदरा, वाणिज्यिक और कॉर्पोरेट ग्राहक शामिल थे. मर्चेंट के बायोडाटा में नए ग्राहकों की मार्केटिंग, ब्रांच के वित्तीय मामलों की समीक्षा और निगरानी, तथा अंतरिम और वार्षिक समीक्षा तैयार करने में उनकी भूमिकाओं का विस्तृत विवरण दिया गया है.
अमेरिका छोड़ने की थी योजना
अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि मर्चेंट की साजिश इस असंबंधित हमले से जुड़ी नहीं थी. मर्चेंट का कथित तौर पर ईरान में एक परिवार है और वह अक्सर ईरान, सीरिया और इराक की यात्रा करता रहा है. न्याय विभाग ने खुलासा किया कि वह एक दीर्घकालिक ऑपरेशन की योजना बना रहा था और साजिश को आगे बढ़ाने से पहले पाकिस्तान की यात्रा करने की योजना बना रहा था. उसे 12 जुलाई को गिरफ्तार किया गया, उसी दिन उसने अमेरिका छोड़ने की योजना बनाई थी.
सुलेमानी की हत्या का बदला लेने की भी की थी तैयारी
मर्चेंट के खिलाफ एक शिकायत में दावा किया गया है कि उसने ट्रम्प के राष्ट्रपति काल के दौरान 2020 में बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के प्रतिशोध में साजिश को अंजाम देने के लिए अमेरिका में लोगों की भर्ती करने की कोशिश की थी. यह गिरफ्तारी कासिम सुलेमानी की 2020 में हुई हत्या का बदला लेने के इरादे के बारे में लंबे समय से चली आ रही चिंताओं के बाद हुई है. 2022 में, एक ईरानी ऑपरेटिव पर पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन की हत्या की नाकाम साजिश में आरोप लगाया गया था.
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ट्रंप पर हुआ था जानलेवा हमला
अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में पिछले महीने एक चुनावी सभा को संबोधित करने के दौरान ताबड़तोड़ गोलियां चली थी. इस दौरान एक गोली ट्रंप के दाहिने कान के ऊपरी हिस्से को छूकर निकली थी. ट्रंप के कान से खून निकला था, तभी सिक्योरिटी गार्ड्स आए और उन्होंने ट्रंप को चारों तरफ से घेरकर घटनास्थल से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था.
वहीं सीक्रेट सर्विस के ने हमलावर को मौके पर मार गिराया.ट्रंप पर हमला करने वाले हमलावर की पहचान 20 साल के थॉमस मैथ्यू क्रूक्स (Thomas Matthew Crooks) के तौर पर की गई थी. थॉमस पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग का रहने वाला था. वह घटनास्थल से बेमुश्किल 70 किलोमीटर की दूरी पर रहता था. उसके पास सेमी-ऑटोमैटिक एआर-15 राइफल थी, इसी राइफल से उसने ट्रंप को निशाना बनाकर रैली में हमला किया था.