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पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल राहिल शरीफ के रिटायरमेंट की खबर से वहां का मीडिया हैरान है. सेना ने ट्वीट कर जनरल शरीफ के सेनाध्यक्ष पद पर तीन साल पूरे होने पर 29 नवंबर को रिटायर होने की जानकारी दी. पाकिस्तान के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने सोमवार को लाहौर से फेयरवेल दौरा भी शुरू कर दिया है. चूंकि पाकिस्तान में सेना ने कई बार तख्तापलट किया है और कई सेनाध्यक्षों को सेवा विस्तार मिला है, ऐसे में राहिल शरीफ का रिटायरमेंट लोगों को चौंका रहा है.
लेकिन पाकिस्तानी मीडिया ने नियंत्रण रेखा के पास माछिल में तीन भारतीय जवानों की शहादत को खबर को 'डाउनप्ले' कर दिया है. इस घटना की खबरें पाकिस्तान की मीडिया के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर तो हैं लेकिन वहां के अखबारों ने इस खबर को जगह नहीं दी है. पाकिस्तान के 'डॉन', 'द नेशन', 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की वेबसाइट ने माछिल की घटना को पाकिस्तानी सेना की जवाबी कार्रवाई करार दिया है. 'डॉन' का दावा है कि भारतीय सेना ने एलओसी पर क्रॉस बॉर्डर फायरिंग की जिसमें कुछ पाकिस्तानी नागरिक मारे गए, फिर पाकिस्तानी सेना की जवाबी फायरिंग की जिसमें भारतीय सैनिक मारे गए.
पद पर बने रहने के मौके थे
पाकिस्तान के अखबार 'द नेशन' ने लिखा है, 'जनरल शरीफ रिटायर होने के फैसले पर कायम हैं. ये लोगों को चौंका रहा है. उनके पास कार्यकाल बढ़ाकर पद पर बने रहने के कई मौके थे. कई लोग ऐसा कह भी रहे थे. पनामा पेपर्स में नवाज का नाम आने और भारत से तनाव बढ़ने के बाद शरीफ के पास पद पर रहने का सुनहरा मौका था.'
विदाई हैरान करने वाली
'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' का कहना है, 'आईएसपीआर के डायरेक्टर जनरल आसिफ बाजवा के एक ट्वीट से मीडिया में हड़कंप है. इस बहस पर विराम लग गया. सेना और सरकार में लगातार रस्साकशी के कारण रिटायरमेंट की खबरें पाकिस्तान की राजनीति का अहम मुद्दा बन गया. ऐसे देश में जहां कई सेना प्रमुख या तो कार्यकाल बढ़वाकर लंबे समय तक पद पर बने रहते हैं या फिर रातोंरात तख्तापलट कर देते हैं, वहां शरीफ के रिटायरमेंट की बात हैरान करने वाली नहीं है?'
दबाव के बाद भी नहीं बदला फैसला
'डॉन' के मुताबिक, 'दोस्तों, सहयोगियों, राजनेताओं द्वारा अपने फैसले की समीक्षा किए जाने की अपील के बावजूद सेना प्रमुख नहीं डिगे. एक के बाद एक ऐसे मौके आए जब सरकार पर जनता ने दबाव बढ़ाया कि वह शरीफ से पद पर बने रहने का आग्रह करे. लेकिन आखिर में सही चीज कायम रही और एक अच्छे अधिकारी को इस हफ्ते आधिकारिक विदाई दी जा सकेगी.' पाकिस्तानी सेना की विश्वसनीयता साबित करने में जनरल शरीफ का यह फैसला काफी अहम है.
इसलिए भी हो रही हैरानी
पाकिस्तानी मीडिया को इसलिए भी हैरानी हो रही है क्योंकि जनरल शरीफ से पहले दोनों आर्मी चीफ जनरल अशफाक परवेज कयानी और जनरल परवेज मुशर्रफ को एक्सटेंशन मिल चुका था. जनरल मुशर्रफ ने तो नवाज शरीफ सरकार का तख्तापलट तक कर दिया था. पाकिस्तान के 15वें सैन्य प्रमुख राहिल शरीफ ने 29 नवंबर 2013 को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ का पद संभाला था.