
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के बाउंसर से विपक्ष आखिरकार क्लीन बोल्ड हो गया. पहले संसद में अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करवा कर विपक्ष के सपनों की गिल्ली उड़ाई दी फिर राष्ट्रपति से संसद भंग कराकर चुनाव की तारीखों का ऐलान करवा दिया. बची-खुची उम्मीद विपक्ष को सुप्रीम कोर्ट से है जहां अब मंगलवार को सुनवाई होगी.
इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज किए जाने और संसद भंग मामले में सोमवार दोपहर करीब 2:15 बजे सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई शुरू हुई थी. इस दौरान बिलावल भुट्टो की पार्टी के वकील फारुख नाइक ने फुल बेंच के गठन की मांग की. इस पर पांच जजों की बेंच ने बिलावल के वकील को ज़ोरदार फटकार लगाई और कहा कि अगर बेंच पर सवाल उठाए तो सुनवाई रोक दी जाएगी.
करीब एक घंटे की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि स्पीकर के पास संसद भंग के आदेश को निरस्त करने का अधिकार है. हालांकि, कुछ देर बाद मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल ने ये कहकर मामले को आज के लिए टाल दिया कि सुप्रीम कोर्ट डिप्टी स्पीकर के कार्यों की समीक्षा करेगी.
इमरान खान के अविश्वास प्रस्ताव को विदेशी साजिश बताने पर विपक्षी दल के नेता बिलावल भुट्टो ने आरोप लगाया कि इमरान ने डिप्टी स्पीकर के साथ मिलकर संविधान की धज्जियां उड़ाईं.
बिलावट भुट्टो और शाहवाज शरीफ इस आस में बैठे हैं कि सुप्रीम कोर्ट इमरान खान पर संविधान के ख़िलाफ़ खुलेआम विद्रोह मुकदमा चलाकर और आर्टिकल 6 के तहत सज़ा सुनाए. विपक्ष की ये मांग पूरा होना इतना आसान नहीं है क्योंकि इसी तरह के आरोप में पूर्व आर्मी चीफ जनरल परवेज को आज तक आर्टिकल 6 के तहत कोई सज़ा नहीं मिल पाई है.
कुल मिलाकर विपक्ष संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चीखता रहा, लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी. विपक्ष के नेता आज यानी मंगलवार की तारीख़ के लिए तैयारी कर रहे हैं और दूसरी तरफ इमरान अगले चुनाव की रणनीति बना रहे हैं. संसद भंग होने के बाद अब इमरान खान केयरटेकर प्रधानमंत्री के तौर पर अगले 15 दिनों तक पीएम पद पर बने रहेंगे.