
गाजा और इजरायल में जारी जंग के बीच शुक्रवार को पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकर ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की है. काकर ने यह मुलाकात सऊदी अरब के रियाद में 57 मुस्लिम देशों के संगठन OIC की बैठक के इतर की है. ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन' (OIC) ने यह बैठक गाजा और फिलिस्तीन में जारी जंग को लेकर बुलाई है. OIC की यह आपातकालीन बैठक कल यानी रविवार को होगी.
पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, ओआईसी शिखर सम्मेलन से इतर हुई इस बैठक में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री काकर और फिलिस्तीनी राष्ट्रपति अब्बास ने गाजा में जारी हिंसा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है. दोनों नेताओं ने इजरायल द्वारा जारी बमबारी को रोकने और सीजफायर की आवश्यकता पर जोर दिया. वहीं, फिलिस्तीन के प्रति पाकिस्तान के सैंद्धांतिक रुख के लिए महमूद अब्बास ने पाकिस्तान की सराहना की है.
पाकिस्तान ने इजरायल की निंदा की
मुलाकात के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने फिलिस्तीन और फिलिस्तीनियों के लिए पाकिस्तान की एकजुटता को एक बार फिर दोहराते हुए इजरायल की ओर से गाजा में जारी बमबारी की कड़ी निंदा की है. गाजा के अस्पतालों, शरणार्थी शिविरों, स्कूलों और आवासीय भवनों पर इजरायल की ओर से जारी बमबारी की निंदा करते हुए काकर ने कहा कि इस हमले के कारण दस हजार से अधिक लोगों की जान चली गई है और कई परिवारों को विस्थापन के लिए मजबूर होना पड़ा है.
इस दौरान दोनों देशों के नेताओं ने बिना शर्त युद्धविराम और गाजा की घेराबंदी को खत्म कर इससे प्रभावित आबादी को जरूरी मानवीय सहायता और चिकित्सा सहायता की आवश्यकताओं पर भी जोर दिया.
टू स्टेट (दो देश) सिद्धांत पर जोर
दोनों देशों के नेताओं ने ओआईसी की ओर से बुलाई गई इस आपातकालीन बैठक पर जोर देते हुए वैश्विक समुदाय खासकर संयुक्त राष्ट्र और उससे संबंधित अन्य संगठनों से न्याय और मानवता के सिद्धांतों को बनाए रखने और फिलिस्तीनी लोगों पर जारी अत्याचार को खत्म करने के लिए दृढ़निश्चयी कदम उठाने की अपील की है.
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी जंग के निष्पक्ष और स्थायी समाधान के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने टू स्टेट सिद्धांत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि 1967 से पहले की सीमाओं के आधार पर अल कुद्स अल-शरीफ को इसकी राजधानी बनाकर एक व्यवहार्य, संप्रभु और सन्निहित फिलिस्तीन राज्य की स्थापना की जानी चाहिए.