
भारतीय जेल में तीन साल गुजार चुकी पाकिस्तानी मूल की एक महिला को अब पाकिस्तान ने अपने देश बुलाने की तैयारी कर ली है. सुमायरा नाम की ये महिला 3 साल तक जेल में रहने के बाद अब एक डिटेंशन सेंटर में अपनी चार साल की बेटी के साथ रह रही है. पाकिस्तान की सरकार ने महिला के लिए नागरिकता प्रमाण पत्र जारी कर दिया है, जिससे महिला के पाकिस्तान जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है.
पाकिस्तानी अखबार, डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने गुरुवार को घोषणा की है कि उनके मंत्रालय ने सुमायरा के लिए नागरिकता प्रमाण पत्र जारी कर दिया है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय डेटाबेस और नियामक प्राधिकरण की मदद से सुमायरा के पाकिस्तान में रहने वाले परिवार का सत्यापन किया गया.
मंत्री ने कहा कि प्रमाणपत्र विदेश मंत्रालय को भेज दिया गया है जिसके बाद नई दिल्ली में पाकिस्तान का उच्चायोग उन्हें एक यात्रा दस्तावेज जारी करेगा, जिससे उन्हें अपनी चार साल की बेटी के साथ पाकिस्तान लौटने की अनुमति मिल जाएगी.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के सांसद इरफान सिद्दीकी ने सोमवार को पाकिस्तानी मूल की सुमायरा का मुद्दा संसद में उठाया था.
क्या है पूरी कहानी?
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुमायरा का पाकिस्तान की नागरिकता वाला परिवार कतर में रह रहा था. सुमायरा वहीं एक भारतीय पुरुष से मिली और उसने भारतीय से शादी कर ली. शादी के बाद पति सुमायरा को बिना वीजा के भारत ले आया.
बाद में, सुमायरा को गैर-कानूनी तरीके से भारत में रहने के कारण गिरफ्तार कर लिया गया. सुमायरा को तीन साल जेल की सजा सुनाई गई. दो महीने बाद उसने जेल में ही एक बच्ची को जन्म दिया. इसी दौरान सुमायरा के पति ने उसे छोड़ दिया.
सुमायरा का भारत में कोई नहीं था जो उन पर लगे जुर्माने की एक लाख रकम को भरकर उन्हें जेल से आजाद कराए. इसके बाद बेंगलुरु के लोगों ने सुमायरा के लिए एक लाख चंदा जमा किया और उनके जुर्माने का रकम भरी. तीन सालों बाद जेल से रिहा होकर सुमायरा पिछले एक साल से अपनी बेटी के साथ बेंगलुरु के एक डिटेंशन सेंटर में रह रही है.
सुमायरा की वकील सहाना बिस्वा पटना ने कहा कि वो सुमायरा की नागरिकता सत्यापित करने के लिए पिछले छह महीनों से दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग और पाकिस्तान में विदेश मंत्रालय से संपर्क करने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
पाकिस्तानी सांसद ने उठाया मुद्दा
इस मामले को संसद में उठाते हुए सांसद इरफान सिद्दीकी ने संसद में कहा कि भारत के मुस्कान (कर्नाटक हिजाब विवाद से चर्चा में आईं कॉलेज की छात्रा) की बातें हो रही हैं लेकिन पाकिस्तान की बेटी सुमायरा के लिए कुछ नहीं किया जा रहा. इस मामले पर भी जल्द कुछ किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'वो चार साल तक जेल में रही. कोई उसे बचाने नहीं आया. बेंगलुरु के लोगों ने उसे जेल से रिहा करने के लिए एक लाख रुपये जुटाया और और जुर्माने की रकम अदा की लेकिन दिल्ली में हमारा दूतावास सो रहा था.'
जवाब में, संसदीय मामलों के राज्य मंत्री अली मुहम्मद खान ने वादा किया कि सरकार इस मुद्दे पर ध्यान देगी और सदन को इस संबंध में हुई प्रगति से अवगत कराया जाएगा.
संसद के अध्यक्ष ने तब गृह और विदेश मंत्रालयों को निर्देश दिया कि वे सुमायरा को वापस लाने के लिए उठाए गए कदमों पर रोजाना सीनेट सचिवालय को प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें.