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फ्रांस से डिपोर्ट किए जाएंगे 25 भारतीय, पॉलिटिकल असाइलम की अर्जी खारिज

यूरोपीय देश फ्रांस में शरण मांग रहे 25 भारतीयों को डिपोर्ट किया जाएगा. दुबई से निकारगुआ जा रही फ्लाइट को मानव तस्करी के शक में फ्रांस में रोका गया था. हालांकि करीब 100 घंटे बाद 303 यात्रियों में से 276 को भारत वापस लाया गया, जबकि 276 यात्री फ्लाइट में नहीं चढ़े और उन्होंने वहां शरण मांगी थी.

फ्रांस से 276 यात्री लौट आए, जबकि 25 ने शरण मांगी थी. फ्रांस से 276 यात्री लौट आए, जबकि 25 ने शरण मांगी थी.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 7:33 AM IST

फ्रांस में शरण मांग रहे 25 भारतीय यात्रियों को मुक्त कर दिया गया है. फ्रांसीसी मीडिया ने बताया कि स्थानीय कोर्ट ने इन यात्रियों को औपचारिक आधार पर रिहा करने का आदेश दिया. बीते सप्ताह दुबई से निकारगुआ जा रही फ्लाइट को मानव तस्करी के शक में फ्रांस में रोक लिया गया था, जिसमें 303 यात्री सवार थे. इनमें से 276 यात्री वापस भारत लौट आए, जबकि 25 ने फ्रांस में शरण मांगी थी. इसके अलावा दो यात्रियों से वहां पूछताछ की गई. 

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फ्रांसीसी अखबार 'ले मोंडे' ने अभियोजकों के हवाले से कहा कि स्थानीय कोर्ट ने औपचारिक आधार पर उनकी रिहाई का आदेश दिया था. कोर्ट ने देखा कि फ्रांस के मुख्य चार्ल्स डी गॉल एयरपोर्ट पर बॉर्डर पुलिस चीफ ने ये मामला कानून द्वारा निर्धारित समय सीमा के अंदर उनके पास नहीं भेजा था.  

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इसके बाद फ्रांस में राजनीतिक शरण की मांग करने वाले 25 भारतीय यात्रियों को मंगलवार को मुक्त कर दिया गया और उनमें से 5 को नाबालिग होने की वजह से बाल कल्याण सेवाओं की देखभाल में रखा गया. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए दो लोगों के खिलाफ मानव तस्करी का आरोप हटा दिया गया था क्योंकि यह स्थापित हो गया था कि यात्री अपनी मर्जी से विमान में चढ़े थे. 

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कैसे फ्रांस में फंस गया था यात्री विमान?  

दरअसल, 21 दिसंबर को रोमानिया स्थित लीजेंड एयरलाइंस की फ्लाइट दुबई से निकारागुआ जा रही थी. इसमें कुल 303 भारतीय नागरिक सफर कर रहे थे, जबकि 11 नाबालिग थे. जब यह फ्लाइट फ्यूल भरवाने के लिए फ्रांस की राजधानी पेरिस से 150 किमी दूर छोटे से एयरपोर्ट वैट्री पर लैंड हुई तो वहां इसे रोक लिया गया. फ्रांस के अधिकारियों ने यात्रा की स्थितियों और उद्देश्य की न्यायिक जांच शुरू कर दी. इसमें संगठित अपराध में विशेषज्ञता रखने वाली एक टीम को संदिग्ध मानव तस्करी की जांच करने के निर्देश दे दिए गए.  

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चालक दल को पूछताछ के बाद जाने दिया 

करीब 100 घंटे की जांच और पैसेंजर से पूछताछ के बाद फ्रांस के अधिकारियों ने विमान को रवाना करने के लिए हरी झंडी दे दी. यानी गुरुवार से रविवार तक चार दिन यह फ्लाइट फ्रांस में खड़ी रही. घटना के बाद एयरलाइंस की वकील लिलियाना बकायोको ने कहा था कि एयरबस A340 के चालक दल के सभी सदस्यों को पूछताछ के बाद उन्हें जाने की अनुमति दे दी गई. उन्होंने इससे पहले कहा था कि अगर अभियोजकों ने एयरलाइंस के खिलाफ आरोप दायर किए तो वह भी मुकदमा दायर करेंगे. 
 

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