Advertisement

महंगाई से परेशान पाकिस्तान के लोग कैसे मनाएंगे रमजान?

महंगाई से जूझते पाकिस्तान के लोग रमजान को लेकर बेहद चिंतित हैं. आम लोगों को चिंता है कि वो सहरी और इफ्तार में अपने परिवार को खाने में क्या देंगे. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि रमजान के महीने में पाकिस्तान में महंगाई और बढ़ेगी. वहीं, राजनीतिक अस्थिरता से जूझती पाकिस्तान की सरकार महंगाई कम करने में नाकाम रही है.

पाकिस्तान में लोग रमजान को लेकर चिंतित हैं (Photo- AFP) पाकिस्तान में लोग रमजान को लेकर चिंतित हैं (Photo- AFP)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 4:54 PM IST

डिफॉल्ट के कगार पर पहुंचे पाकिस्तान के लोग महंगाई से त्रस्त हैं. इस्लाम के पवित्र महीने रमजान को लेकर उनकी चिंताएं और बढ़ गई है. पाकिस्तान में महंगाई 1974 के बाद से अब तक के उच्चतम स्तर पर है. हर जरूरी सामान की कीमतें आसमान छू रही है और रमजान में कीमतों के और बढ़ने की आशंका है. इस्लामाबाद में रहने वाले बुरहान का कहना है कि हालत इतनी खराब है कि अगर वो अपने छह बच्चों को दिन में एक वक्त का खाना खिला देते हैं तो वो खुद को खुशनसीब समझने लगते हैं.

Advertisement

20 करोड़ आबादी वाले पाकिस्तान में हर आम इंसान की यही कहानी है. लोग अपने बच्चों को तीन के बजाए एक वक्त भी ठीक ढंग से खाना नहीं खिला पा रहे हैं. 

गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मुसीबतें पिछले साल आई बाढ़ ने और बढ़ा दी है. इससे सारी फसल तबाह हो गई और लाखों लोग बेघर हो गए. पाकिस्तान पर फिलहाल भारी विदेशी कर्ज है और विदेशी मुद्रा की कमी के कारण जरूरी वस्तुओं के आयात पर रोक लगी है जिस कारण देश में खाद्यान्नों की किल्लत हो गई है. 

बुरहान ने अलजजीरा से बातचीत में कहा, 'पिछले कुछ महीनों में महंगाई बहुत बढ़ गई है. हर महीनें मैं इस मुश्किल में होता हूं कि मकान का किराया दूं या खाने-पीने पर खर्च करूं. मैं जितना कमाता हूं, मेरे परिवार का गुजारा उसमें अब नहीं हो पा रहा.'

Advertisement

रमजान की बात करते हुए बुरहान मायूस हो जाते हैं. वो कहते हैं कि उनका परिवार सरकारी सब्सिडी वाले आटे पर निर्भर है. वो कहते हैं, 'लेकिन अब तो सब्सिडी वाला आटा भी महंगा हो गया है. 20 किलो आटे की बोरी जो 600 रुपये में मिलती थी, अब उसके लिए 1,100 रुपये देने पड़ रहे हैं.

'अपने बच्चों को नए कपड़े नहीं दिला पाऊंगा'

बुरहान ने बताया कि वो कंस्ट्रक्शन का काम करते हैं जिसका बाजार अभी काफी मंदा हो गया है. उन्होंने परिवार को दो वक्त की रोटी खिलाने के लिए अपनी कार भी बेच दी. उनके तीन बच्चे प्राइवेट स्कूल में पढ़ते थे लेकिन अब महंगाई के चलते उन्होंने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूल में करवा दिया है.

इतनी कटौती के बावजूद भी बुरहान बच्चों को सही से खाना नहीं खिला पा रहे हैं. अब रमजान को देखते हुए उनकी चिंता और बढ़ गई है. वो इस बात को लेकर काफी दुखी हैं कि इस ईद वो अपने बच्चों को नए कपड़े नहीं दिला पाएंगे. उन्हें इस बात की भी चिंता है कि सहरी और इफ्तार के वक्त उनका परिवार क्या खाएगा.

वो कहते हैं, 'मुझे काफी खुशी होगी अगर मैं रमजान में हर शाम उनकी थाली में खाने के लिए कुछ रख सकूं. मैं इस बार अपने किसी भी बच्चे के लिए कपड़े नहीं खरीद पाऊंगा.'

Advertisement

रमजान में और बढ़ेगी महंगाई

पाकिस्तान में फिलहाल आटा 134 रुपये/किलो, चावल 350 रुपये/किलो, काला चना 300 रुपये/किलो, मसूर 200 रुपये/किलो, चीनी 110 रुपये/किलो, दूध 160 रुपये/किलो, खाद्य तेल 550 रुपये/किलो मिल रहा है.

अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि रमजान के दौरान महंगाई की स्थिति और भी बदतर हो जाएगी. रमजान के दौरान मांग में बढ़ोतरी होती है जिस कारण खाद्यान्नों की कीमतों में और अधिक उछाल देखने को मिलता है. इस्लामाबाद के एक अर्थशास्त्री साकिब शेरानी का कहना है कि सरकारी आंकड़े बताते हैं कि औसत पाकिस्तानी की खरीददारी की शक्ति पिछले एक साल में 40 प्रतिशत से भी कम हो गई है. शेरानी का कहना है कि रमजान के महीने में कम आय वाले पाकिस्तानी मुसलमानों की स्थिति और खराब होने वाली है.

इस्लामाबाद के शोध संस्थान, सस्टेनेबल डेवलपमेंट पॉलिसी इंस्टीट्यूट के एक वरिष्ठ अधिकारी साजिद अमीन ने कहा कि पाकिस्तान में चल रही राजनीतिक अस्थिरता भी महंगाई की स्थिति को बदतर कर रही है. उनका कहना है कि पाकिस्तान की सरकार राजनीतिक अस्थिरता में उलझी है और महंगाई से निपटने
के लिए जरूरी कदम नहीं उठा पा रही.

अमीन ने कहा, 'पहले हम राजनीतिक अस्थिरता झेल रहे थे जो अब अराजकता में बदल गई है. सरकार खाद्य कीमतों को नियंत्रण में रखने में असमर्थ हो गई है.'

Advertisement

सरकार ने रमजान में लोगों को राहत देने के लिए किए हैं ये उपाय

पाकिस्तान के अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने मंगलवार को रमजान में यूटिलिटी स्टोर्स पर दैनिक उपयोग की वस्तुओं को रियायती दर पर उपलब्ध कराने के लिए एक पैकेज की घोषणा की.

उद्योग मंत्रालय ने इस पैकेज के लिए लगभग 5 अरब रुपये आवंटित किए हैं. इस पैकेज में से 1.15 अरब रुपये की राशि गरीबों को सब्सिडी देने पर खर्च होगी जबकि 3.84 अरब रुपये का इस्तेमाल सामान्य उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर सामान उपलब्ध कराने पर खर्च किया जाएगा.

पाकिस्तान के गरीब लोगों को वनस्पति घी, चाय, आटा, चीनी, दूध, पेय पदार्थ, खजूर और बेसन जैसी चुनिंदा वस्तुओं पर सब्सिडी दी जाएगी. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement