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अर्थव्यवस्था के बाद अब पाकिस्तान में बिजली संकट, फूटा लोगों का गुस्सा

पाकिस्तान की दिक्कतें इन दिनों कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. एक तरफ जहां पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही खस्ताहाल है. वहीं भारत के साथ व्यापार बंद कर पाकिस्तान ने अपने पैरों पर खुद ही कुल्हाड़ी मार ली है. अब तो हालात और भी बुरे हो चुके हैं. बिजली कटौती से पाकिस्तान के नागरिकों का बुरा हाल है.

प्रतीकातमक फोटो प्रतीकातमक फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 10:18 PM IST

पाकिस्तान की दिक्कतें इन दिनों कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. एक तरफ जहां पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही खस्ताहाल है. वहीं भारत के साथ व्यापार बंद कर पाकिस्तान ने अपने पैरों पर खुद ही कुल्हाड़ी मार ली है. अब तो हालात और भी बुरे हो चुके हैं. बिजली कटौती से पाकिस्तान के नागरिकों का बुरा हाल है. पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में ईद के मौके पर भी बिजली नहीं मिलने से नाराज लोग जगह-जगह सड़क पर उतर आए और जाम लगा दिया. लोगों ने ट्रैफिक जाम करने के लिए सड़कों पर टायर जलाए और बिजली कंपनियों के पुतले फूंके.

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पाकिस्तान के दैनिक समाचार पत्र द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार बिजली कटौती के विरोध में ये पहला प्रदर्शन नहीं था और ये विरोध-प्रदर्शन किसी एक या दो जगह तक सीमित नहीं रहा बल्कि इसकी आग पूरे प्रांत में फैल गई. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वाबी जिले में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की खबर है. पाकिस्तान के लोगों का  कहना है कि बिजली विभाग ने त्योहार के मौके पर बिजली देने का वादा किया था. लेकिन बिजली की  कटौती पहले की ही तरह जारी रही. लोगों ने स्वाबी जिले से गुजरने वाले मुख्य मोटरवे को तीन घंटे तक जाम रखा. प्रदर्शन का आह्वान व्यापारी, नागरिक और राजनैतिक संगठनों ने संयुक्त रूप से किया था.

पाकिस्तान अपने सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है. पाकिस्तान को हालांकि कुछ शर्तों के साथ आईएमएफ (IMF) से राहत पैकेज मिल चुका है. इस राहत पैकेज के कारण पाकिस्तान को अपने देश में गैस और बिजली के दाम बढ़ाने पडे़.  खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के चारसादा जिले में भी मंगलवार को सैकड़ों लोग बिजली संकट के खिलाफ सड़क पर उतर आए.  क्षेत्र में कई जगहों पर लोगों ने रैलियां निकालीं.  राजनैतिक दलों ने जिले की विभिन्न मस्जिदों से लाउडस्पीकर के जरिए लोगों से प्रदर्शन में भाग लेने की अपील की.  द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में आम नागरिकों के हवाले से कहा गया कि अधिकतर समय यहां बिजली आती ही नहीं है और अगर आती है तो वोल्टेज बेहद कम होता है. इससे घर पर मौजूद तमाम उपकरणों पर  भी असर पड़ता है और बिजली न होने से घर के सारे काम भी रुक जाते हैं.

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