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नमाजियों की पहली लाइन में खड़ा था आत्मघाती हमलावर, VIDEO में दिखा पेशावर धमाके का खौफनाक मंजर

पाकिस्तान, पेशावर की एक मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले से हिल उठा है. आत्मघाती हमलावर ने दोपहर की नमाज के वक्त खुद को उड़ा लिया जिसके बाद मस्जिद का एक हिस्सा गिर गया. इस जबरदस्त धमाके में 28 लोगों की जान गई है और कई घायल बताए जा रहे हैं. धमाके में अधिकतर पुलिसवालों को नुकसान पहुंचा है.

धमाके के बाद मस्जिद की छत गिर गई जिसमें कई लोग दबकर मर गए (Photo- Twitter) धमाके के बाद मस्जिद की छत गिर गई जिसमें कई लोग दबकर मर गए (Photo- Twitter)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:22 PM IST

पाकिस्तान में एक आत्मघाती हमले में 28 लोगों की जान चली गई है और 140 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. पेशावर की एक मस्जिद में एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को बम से उड़ा लिया जिसके बाद मस्जिद का एक हिस्सा पूरी तरह से ढह गया. जिस वक्त धमाका हुआ, उस समय बड़ी संख्या में लोग दोपहर की नमाज के लिए मस्जिद में जमा हुए. बम धमाके में कई लोगों के चिथड़े उड़ गए और कई मस्जिद के नीचे दब गए.

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धमाके के कई वीडियो सामने आए हैं जिसमें घबराए लोग इधर-उधर भागते दिख रहे हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा की है और कहा कि यह हमला कुरान की शिक्षा के खिलाफ है.

नमाजियों की पहली लाइन में खड़ा था हमलावर

धमाका 1.40 बजे पुलिस लाइन एरिया स्थित मस्जिद में दोपहर की नमाज के वक्त हुआ. पाकिस्तान के अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि आत्मघाती हमलावर नमाजियों के साथ नमाज के लिए पहली लाइन में खड़ा था. उसने नमाज के दौरान ही खुद को उड़ा लिया.

पेशावर शहर के पुलिस अधिकारी मोहम्मद एजाज का कहना है कि हताहतों की सही संख्या अभी नहीं बताई जा सकती क्योंकि अभी भी कुछ लोग मलबे में दबे हुए हैं.

पेशावर के लेडी रीडिंग अस्पताल के प्रवक्ता मोहम्मद असीम का कहना है कि दर्जनों घायलों को अस्पताल लाया गया है जिनमें अधिकतर पुलिसवाले हैं. उन्होंने कहा, 'घायलों में अधिकतर पुलिस अधिकारी हैं. कुछ की हालत बेहद गंभीर है लेकिन अधिकतर की हालत स्थिर है.'

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पेशावर के स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इमरजेंसी की घोषणा कर दी है.


राजधानी इस्लामाबाद में हाई अलर्ट

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में इस आत्मघाती हमले के बाद हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है.  इस्लामाबाद पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट में कहा गया है कि इस्लामाबाद के आईजी डॉ अकबर नासिर खान ने सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया है. ट्वीट में कहा गया है कि शहर में कड़ी निगरानी के लिए सभी एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है मरने वालों और घायलों में ज्यादातर पुलिसकर्मी हैं. पुलिस कर्मियों को निशाना बनाकर किए गए इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है. हालांकि, माना जा रहा है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), जो पहले भी पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर आत्मघाती हमले करता आया है, वो इसके पीछे हो सकता है.

पेशावर के इनवेस्टिगेटिव पुलिस अधीक्षक शाजाद कौकब का ऑफिस ठीक मस्जिद के पास ही है. उन्होंने मीडिया को बताया कि वो जैसे ही दोपहर की नमाज के लिए मस्जिद में घुसे, एक जोरदार धमाका हुआ. उन्होंने कहा कि उनका बचना सौभाग्य की बात है.

गौर करने वाली बात यह है कि हमलावर पुलिस लाइन के अंदर जिस मस्जिद में घुसा वह बेहद सुरक्षित मानी जाती है. वहां जाने के लिए लोगों को चार सुरक्षा लेयर से गुजरना पड़ता है.

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री क्या बोले?

शहबाज शरीफ ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि अल्लाह के सामने सजदा करने वाले मुसलमानों की क्रूर हत्या पवित्र कुरान की शिक्षाओं के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि किसी मस्जिद को निशाना बनाना यह दिखाता है कि हमलावरों का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है. आतंकवादी पाकिस्तान की रक्षा करने वालों को निशाना बनाकर उनके भीतर डर पैदा करना चाहते हैं.

पीएम ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ लड़ने वालों का नामों-निशा मिटा दिया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए पूरा देश और इसकी संस्थाएं एकजुट हैं और देश अपने शहीदों को सलाम करता है.

'मैं सड़क पर गिरा और बेहोश हो गया'

डॉन से बात करते हुए धमाके में बाल-बाल बच निकले एक व्यक्ति ने बताया कि वो दोपहर की नमाज के लिए मस्जिद गए थे. अचानक धमाका हुआ और इससे पहले कि वो कुछ समझ पाते, शक्तिशाली विस्फोट के कारण वो मस्जिद के पास वाली सड़क पर जा गिरे. उन्होंने बताया, 'मैं इतनी जोर से गिरा कि मेरे कान बंद हो गए और मैं बेहोश हो गया.'

एक दूसरे प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि धमाका इतना जबरदस्त था कि मस्जिद से सटे इमारतों की खिड़कियां टूट गईं.

पेशावर में इसी तरह की एक बड़ी घटना पिछले साल भी हुई थी. कोचा रिसालदार इलाके में एक शिया मस्जिद के अंदर आत्मघाती विस्फोट में 63 लोगों की मौत हो गई थी. 

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