
चीन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बुरी तरह से घिरता दिख रहा है. पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद भारत के साथ स्थिति तनावपूर्ण है तो अब फिलीपींस ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर चीन विवादित दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्य अभ्यास जारी रखता है तो वह 'गंभीर प्रतिक्रिया' करेगा. इस बीच लद्दाख मामले पर जापान ने भारत का समर्थन किया है.
फिलीपींस के विदेश सचिव ने शुक्रवार को चीन को चेतावनी दी है कि अगर चीन विवादित दक्षिण चीन सागर में चीनी सैन्य अभ्यास जारी रखता है तो फिलीपींस गंभीर प्रतिक्रिया करेगा. विदेश सचिव तियोदोरो लोक्सिन जूनियर ने कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) 1 जुलाई से पेरासेल द्वीप समूह के बाहर अभ्यास कर रही है और चीनी समुद्री अधिकारियों ने सभी जहाजों को युद्धाभ्यास के क्षेत्र में नेविगेट करने से रोक रखा है.
चीनी जहां सैन्य युद्धाभ्यास कर जा रहा है, वहां के नो-एंट्री जोन की जांच करने के बाद, लोक्सिन ने कहा कि पेरासेल से पानी बंद हो गया है, जिसका विएतनाम की ओर से दावा किया जाता है. अब फिलीपींस क्षेत्र पर अतिक्रमण की कोशिश न करे. हालांकि उन्होंने इस पर चिंता जरूर जाहिर की.
फिलीपींस की सबसे बड़ी चेतावनी
विदेश सचिव लोक्सिन ने अपने एक बयान में कहा, 'क्या फिलीपींस के क्षेत्र में अभ्यास करना चाहिए, तो चीन को इस बात का पूर्वाभास है कि उसे इसकी गंभीर प्रतिक्रिया, कूटनीतिक और जो भी उचित हो, मिल सकती है.'
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क्षेत्रीय संघर्षों के बीच फिलीपींस की ओर से इस साल की यह अब तक की सबसे कड़ी चेतावनी दी गई है और वह भी तब जब 2016 में रोड्रिगो डुटर्टे के राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों देशों के संबंधों में सुधार आया है.
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चीनी तटरक्षक जहाज के डूबने और पेरासेल द्वीप समूह के आठ मछुआरों के साथ एक नाव डूब जाने के बाद विएतनाम ने अप्रैल में विरोध-प्रदर्शन हुआ था. फिलीपींस ने विएतनाम का समर्थन किया और समुद्र के बड़े हिस्से में चीन की ओर से घोषित दो नए प्रादेशिक जिलों का विरोध किया था. साथ ही यह भी कहा कि चीन की यह आक्रामक कार्रवाई उस समय हो रही है जब यह क्षेत्र कोरोना वायरस की महामारी का सामना कर रहा था.
पूर्वी लद्दाख विवाद पर जापान का साथ
लोक्सिन ने यह भी कहा कि हम चीन को अपने सबसे करीबी और सबसे बड़े व्यापारिक भागीदार के रूप में देखना जारी रखना चाहते हैं. कोरोना महामारी के बाद देश के आर्थिक सुधार की कामयाबी के लिए इसकी भागीदारी आवश्यक है. लेकिन उन्होंने तनाव से बचने और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत जिम्मेदारियों का पालन करने का आह्वान किया. साथ ही कहा कि ऐसे कार्यों को करने में आत्म-संयम बरता जाए जो विवादों को बढ़ा सकते हैं, खासकर महामारी के दौरान.
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इस बीच जापान ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के तनावपूर्ण माहौल के बीच भारत का साथ दिया है. जापान ने शुक्रवार को कहा कि क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने के 'एकतरफा' प्रयासों का वह विरोध करेगा.