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मालदीव के नए निजाम के साथ भारत का 'पॉजिटिव स्टार्ट', राष्ट्रपति से मिले PM मोदी, बनेगा कोर ग्रुप

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई में आयोजित कॉप28 शिखर सम्मेलन से इतर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की है. चीन समर्थक मुइज्जू ने राष्ट्रपति बनते ही मालदीव में मौजूद भारतीय सेना को देश छोड़ने का हुक्म दिया है.

मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात करते हुए पीएम मोदी (फोटो-X) मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात करते हुए पीएम मोदी (फोटो-X)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 8:59 AM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुबई में आयोजित कॉप 28 विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन के दौरान मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के साथ शुक्रवार को एक 'सार्थक' बैठक की. इस दौरान दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय मित्रता को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की. भारत और मालदीव अपनी साझेदारी को और प्रगाढ़ करने के लिए एक कोर समूह गठित करने पर सहमत भी हुए. मुइज्जू को चीन समर्थक नेता माना जाता है जिन्होंने राष्ट्रपति बनते ही मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है. मुइज्जू के इस कदम को भारत-मालदीव रिश्तों में दरार की तरह माना जा रहा था.

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हालांकि भारत और मालदीव अब अपने रिश्ते चीनी प्रभाव से बाहर निकालकर फिर से रिडिफाइन करना चाहते हैं और दोनों देश इसी सिलसिले में एक कोर ग्रुप गठित करने पर सहमत हुए हैं. 

पीएम मोदी ने कहा-मिलकर काम करने को उत्सुक

बैठक के बाद मोदी ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राष्ट्रपति मुइज्जू और मेरी आज एक सार्थक बैठक हुई. हमने विभिन्न क्षेत्रों में भारत-मालदीव मित्रता को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की. हम अपने लोगों के लाभ के लिए सहयोग को प्रगाढ़ करने के लिए साथ मिलकर काम करने को उत्सुक हैं.' प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, दोनों नेताओं ने आर्थिक संबंधों, विकास सहयोग और दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों से संबंधित क्षेत्रों में भारत-मालदीव संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के तरीकों पर चर्चा की. 

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चीन समर्थक माने जाते हैं मुइज्जू

मुइज्जू मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के करीबी सहयोगी हैं. यामीन ने 2013 से 2018 तक राष्ट्रपति पद पर रहते हुए चीन के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए. 45 साल के मुइज्जू ने सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में भारत के करीबी मित्र माने जाने वाले इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को शिकस्त दी थी. मालदीव के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद पीएम मोदी ने शुक्रवार को मुइज्जू को व्यक्तिगत रूप से बधाई दी. 

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘दोनों नेताओं ने दोनों देशों के लोगों के बीच जुड़ाव, विकास सहयोग, आर्थिक संबंध, जलवायु परिवर्तन और खेल सहित दोनों देशों के बीच व्यापक द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की. दोनों नेताओं ने अपनी साझेदारी को और प्रगाढ़ करने के तरीकों पर भी चर्चा की. इस संबंध में, वे एक कोर समूह गठित करने पर सहमत हुए.'

यह बैठक ऐसे समय हुई है जब राष्ट्रपति मुइज्जू ने कुछ ही दिन पहले, 77 भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने का भारत से अनुरोध किया था और दोनों देशों के बीच 100 से अधिक द्विपक्षीय समझौतों की समीक्षा करने का निर्णय लिया था. मुइज्जू की ओर से यह अनुरोध तब किया गया जब केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने 18 नवंबर को नये राष्ट्रपति से उनके कार्यालय में शिष्टाचार मुलाकात की थी.

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मालदीव रणनीतिक रूप से रखता है भारत के लिए अहमियत
मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और प्रधानमंत्री के 'SAGAR' (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) और 'नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी' के दृष्टिकोण में एक विशेष स्थान रखता है. पर्यवेक्षकों का कहना है कि मुइज्जू की पार्टी की चीन समर्थक बयानबाजी के बावजूद, ब्रिटिश-शिक्षित सिविल इंजीनियर मुइज्जू अधिक सूक्ष्म विदेश नीति का पालन कर सकते हैं, क्योंकि उनका देश एक अनिश्चित अर्थव्यवस्था का सामना कर रहा है, जिसमें कई ऋण भुगतान बकाया हैं और यह बदहाल आर्थिक संकट की तरफ इशारा करता है. 

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