
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पेटीएम के संस्थापक विजय शंकर शर्मा को टाइम मैगजीन की इस साल के लिए जारी दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में जगह मिली है. इस लिस्ट में बस दो भारतीय ही शामिल हैं.
टाइम मैगजीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरेजा मे को भी अपनी लिस्ट में जगह दी है. इस लिस्ट में दुनिया भर के कलाकारों, नेताओं और प्रमुख हस्तियों को जगह मिली है, जिन्हें उनके इनोवेशन, उनकी महत्वाकांक्षा, समस्याओं को हल करने में उनकी प्रतिभा को लेकर सम्मानित किया गया है.
मैगजीन में लेखक पंकज मिश्रा ने 66 वर्षीय पीएम मोदी का प्रोफाइल लिखा है. इसमें उन्होंने लिखा है कि डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने की कल्पना से भी काफी पहले मई 2014 में मोदी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री बन गए.
पीएम मोदी का गुणगान
इसमें कहा गया है कि मुस्लिम विरोधी हिंसा में उनकी संदिग्ध भूमिका को लेकर कभी अमेरिका ने उन पर पाबंदी लगा दी थी और अपने देश में भी उनका राजनीतिक रूप से बहिष्कार किया गया था, लेकिन इस हिंदू राष्ट्रवादी ने परंपरागत मीडिया को पीछे छोड़ते हुए ट्विटर का इस्तेमाल किया और वैश्विकरण में पीछे छूटता महसूस कर रहे लोगों से सीधे तौर पर बात की. उन्होंने स्वार्थी संभ्रांत वर्ग को हटाकर भारत को फिर से महान बनाने का वादा किया.
इस प्रोफाइल में कहा गया है कि सत्ता में आने के करीब तीन साल बाद भारत की आर्थिक, भू राजनीतिक और सांस्कृतिक सर्वोच्चता के बारे में मोदी की दूरदृष्टि साकार होने से कोसों दूर है. लेकिन हिंदू राष्ट्रवादियों का उनका विस्तारित परिवार धर्मनिरपेक्ष और उदार बुद्धिजीवियों तथा गरीब मुसलमानों को बलि का बकरा बना रहा है.
इसमें कहा गया, फिर भी मोदी का आभामंडल कम नहीं हुआ है. वह राजनीतिक रूप से आकर्षित करने, डर की भावना से खेलने और नीचे धकेल दिए जाने या अवरुद्ध गतिशीलता का सामना कर रहे लोगों की सांस्कृतिक असुरक्षा से खेलने की कला में माहिर हैं. उत्तर प्रदेश में शानदार चुनावी जीत ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि निर्वाचित शक्तिशाली लोग संभ्रांत वर्ग के खिलाफ वैश्विक विद्रोह का फायदा उठाने वालों में प्रमुख हैं.
नोटबंदी से पेटीएम को खूब फायदा
वहीं पेटीएम के संस्थापक 43 वर्षीय विजय शंकर शर्मा के लिए इंफोसिस के सह संस्थापक नंदन नीलेकणी ने लिखा है कि जब भारत सरकार ने अप्रत्याशित रूप से नवंबर में देश के 86% करेंसी नोटों को रद्द कर दिया, तब शर्मा ने परिस्थिति का फायदा उठाया. शर्मा का डिजीटल पेमेंट स्टार्टअप पेटीएम ने रोजमर्रा के सामान और सेवाओं के लिए लोगों को अपने इस्तेमाल के लिए आकर्षित किया. नीलेकणी ने लिखा है कि साल 2016 के अंत तक पेटीएम के 17.7 करोड़ यूजर्स थे, जबकि वर्ष की शुरुआत में यह आंकड़ा 12. 2 करोड़ था.
गौरतलब है कि पिछले साल टाइम के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में जगह बनाने वाले भारतीयों में आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन, टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा, अदाकारा प्रियंका चोपड़ा, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और फ्लिपकार्ट के संस्थापक बिन्नी बंसल तथा सचिन बंसल शामिल थे. वहीं, इस साल की लिस्ट में अमेरिका के नए राष्ट्रपति, उनकी बेटी इवांका ट्रंप और उनके पति जैरेड कुशनर, पोप फ्रांसिस, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन भी शामिल हैं.