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चीन में PM मोदी का शेड्यूल, पहली बार जिनपिंग से इनफॉर्मल मीटिंग

इन दो दिनों में दोनों नेता नौकायान से लेकर लंच तक साथ करेंगे. जानें चीन की यात्रा पर गए पीएम मोदी का क्‍या है पूरा शेड्यूल.

मोदी-जिनपिंग (फाइल फोटो) मोदी-जिनपिंग (फाइल फोटो)
रणविजय सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 27 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 11:54 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर चीन पहुंच गए हैं. पीएम मोदी आज चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे. इन दोनों नेताओं के बीच चीन के वुहान शहर में अनौपचारिक बैठक होगी. इन दो दिनों में दोनों नेता नौकायान से लेकर लंच तक साथ करेंगे. जानें चीन की यात्रा पर गए पीएम मोदी का क्‍या है पूरा शेड्यूल.

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27 अप्रैल का कार्यक्रम-

1:00PM-2:00PM शी जिनपिंग से पीएम मोदी की पहली मुलाकात होगी. दोनों वुहान के मरकीज संग्राहालय जाएंगे.

3:30PM- दूसरी बैठक होगी. इस बैठक में अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.

4:10PM- पीएम मोदी के सम्मान में जिनपिंग की ओर से डिनर दिया गया है.

28 अप्रैल का कार्यक्रम-

सुबह 7.30 से 8 बजे तकः ईस्ट लेक के पास दोनों नेताओं का भ्रमण होगा. वॉक के दौरान ही बात होगी.

8:00-9:00AM: इस दौरान ईस्ट लेक में ही दोनों नेता नौकायन करेंगे.

98:10-10:10AM: पीएम के स्वागत में चीनी राष्ट्रपति की ओर से लंच दिया जाएगा.

क्या होती है 'इनफॉर्मल समिट'

चीन में भारतीय राजदूत गौतम बॉम्बेल ने कहा- इनफॉर्मल समिट में ये होता है कि दोनों लीडर जितना हो सके एक दूसरे से बात करते हैं. दोनों देशों नेता बात करते हैं. जिस विषय पर चाहें बात कर सकते हैं, एजेंडा सेट नहीं होता है. हम उन्हें ऐसा माहौल देते हैं कि वे आपस में बात कर सकें.

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क्यों चुना गया वुहान को  

वुहान चीन का एक प्रसिद्ध शहर है जहां यागत्से नदी बहती है और यहां तीन बांध भी हैं. इसका चयन काफी सोच-समझ कर किया गया है. कोंग ने बताया, 'मोदी उत्तर में बीजिंग जा चुके हैं, दक्षिण में शंघाई, पश्चिम में शियान और पूर्व में शियामेन भी जा चुके हैं. लेकिन वह कभी भी चीन के मध्य में नहीं गए हैं. इसलिए इस बार उन्हें मध्य में स्थ‍ित वुहान शहर में आमंत्रित किया गया है.

भारत की इन चिंताओं पर हो सकती है चर्चा

1. सीमा विवाद

मोदी और जिनपिंग की मीटिंग में भारत-चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद पर भी चर्चा हो सकती है. दोनों नेता डोकलाम विवाद को लेकर भी चर्चा कर सकते हैं. बता दें, चीन की ओर से डोकलाम में सड़क निर्माण की कोशिशों के बीच ये विवाद जारी हुआ था. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था.

2. व्‍यापार असंतुलन

इस मीटिंग में दोनों देशों के बीच व्‍यापार को लेकर भी चर्चा हो सकती है. इसमें व्‍यापार असंतुलन का मुद्दा अहम होगा. बता दें, चीन भारत के मार्केट पर काफी हद तक कब्‍जा जमाए हुए हैं. इतना भारत की ओर से चीन के मार्केट के लिए नहीं किया गया. इसी व्‍यापारिक असंतुलन पर दोनों देशों के नेता चर्चा कर सकते हैं.

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3. PoK में चीन के दखल पर चर्चा

हाल के दिनों में देखने में आया है कि पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर (POK) में चीन का दखल बढ़ रहा है. ऐसी भी जानकारी है कि पाकिस्‍तान इस इलाके की सीमा के पास चीन की सहायता से सड़क निर्माण में लगा है. ऐसे में भारत के लिए ये चिंता का विषय बना हुआ है. इन दोनों नेताओं की मीटिंग में इस मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है.

4. आतंकी मसूद अजहर

चीन मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराने की भारत की कोशिशों में अड़ंगा लगाता रहा है. ऐसे में इस मीटिंग में मसूद अजहर पर भी चर्चा हो सकती है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि जैश-ए- मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र की ओर से पाबंदी लगाए जाने जैसे मुद्दे इस मीटिंग में नहीं उठने चाहिए. क्‍योंकि शिखर वार्ता ऐसा मंच नहीं है जहां मसूद के बारे में बात की जाए. लेकिन भारत के लिए ये भी चिंता का विषय बना हुआ है.

5. ब्रह्मपुत्र नदी पर हाइड्रोपावर परियोजना

इसके अलावा भारत और चीन के बीच ब्रह्मपुत्र नदी पर हाइड्रोपावर परियोजना को लेकर भी चर्चा हो सकती है. सिर्फ सुरक्षा ही नहीं, चीन की इस परियोजना को लेकर पर्यावरणीय चिन्ताएं भी बनी हुई है. इसके अलावा भी भारत की कई चिंताएं हैं जिसको लेकर दोनों देशों के बीच बात हो सकती है.  

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