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भारत ने 98 देशों में 200 मिलियन वैक्सीन की डोज भेजीं, ग्लोबल कोविड समिट में बोले मोदी

पीएम मोदी ने दुनिया के नेताओं को बताया कि भारत में अब तक 90 फीसदी से ज्यादा वयस्क और करीब 50 मिलियन बच्चों का वैक्सीनेशन हो चुका है.

ग्लोबल समिट में बोलते हुए पीएम मोदी ग्लोबल समिट में बोलते हुए पीएम मोदी
कमलजीत संधू
  • नई दिल्ली,
  • 12 मई 2022,
  • अपडेटेड 8:30 PM IST
  • ग्लोबल कोविड-19 समिट में बोले PM मोदी
  • भारत ने 98 देशों को भेजी वैक्सीन

ग्लोबल कोविड शिखर सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया. उन्होंने इस दौरान दुनिया को बताया कि दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान भारत में चला. भारत में हमने कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए रणनीति को अपनाया. इसके साथ ही हमने अब तक का सबसे बड़ा बजट आवंटन भी किया. 

पीएम मोदी ने दुनिया के नेताओं को बताया कि भारत में अब तक 90 फीसदी से ज्यादा वयस्क और करीब 50 मिलियन बच्चों का वैक्सीनेशन हो चुका है. इसके साथ हमने 98 देशों में करीब 200 मिलियन वैक्सीन की डोज भेजी हैं. हम भारत में हजारों लोगों की जान बचाने के लिए पारंपरिक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं. इसके साथ ही भारत ने कम लागत वाली कोविड टेस्टिंग किट भी बनाई. भारत के जीनोमिक्स कंसोर्टियम ने वायरस के ग्लोबल डेटाबेस में योगदान दिया है. हम इस नेटवर्क का विस्तार अपने पड़ोसी देशों तक करेंगे. 

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सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की नींव

पीएम मोदी ने बताया कि भारत डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमोदित चार टीकों का निर्माण करता है और इस वर्ष 5 बिलियन खुराक का उत्पादन करने की क्षमता रखता है. बीते महीने हमने अपने सदियों पुराने ज्ञान को दुनिया को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारत में डब्ल्यूएचओ सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की नींव रखी थी. यह स्पष्ट है कि भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए एक समन्वित वैश्विक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है. 

भारत अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार

पीएम ने दुनिया के नेताओं से कहा कि हमें एक लचीली ग्लोबल सप्लाई चेन बनानी चाहिए और टीकों व दवाओं तक पहुंच को सक्षम बनाना चाहिए. इस दौरान पीएम ने कहा WTO के नियमों को और भी लचीला बनाने की आवश्यकता है. इसके साथ ही ग्लोबल स्वास्थ्य सुरक्षा संरचना बनाने के लिए डब्ल्यूएचओ में सुधार किया जाना चाहिए.
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि ग्लोबल समुदाय के एक जिम्मेदार सदस्य के रूप में भारत इन प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है.

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