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'हमारी कीमत पर नहीं...', PM मोदी के अमेरिका दौरे को लेकर पाकिस्तान में हलचल

प्रधानमंत्री मोदी तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे पर हैं. पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान से जारी तनाव के बीच पीएम मोदी का यह दौरा कई मायनों में अहम है. इस दौरान भारत और अमेरिका के बीच बड़े रक्षा समझौते होंगे. पीएम मोदी के इस दौरे को पाकिस्तान के अखबारों ने भी प्रमुखता से जगह दी है.

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (फाइल फोटो- रॉयटर्स) भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (फाइल फोटो- रॉयटर्स)
सुदीप कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 22 जून 2023,
  • अपडेटेड 1:39 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे को भारत के साथ-साथ पाकिस्तान के मीडिया ने भी प्रमुखता से जगह दी है. पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट 'डॉन' ने रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ के इंटरव्यू के हवाले से लिखा है कि भारत और अमेरिका अपने संबंध बेहतर कर रहे हैं उससे पाकिस्तान को कोई समस्या नहीं है. बशर्ते कि यह पाकिस्तान की कीमत पर न हो.

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इसके अलावा, भारत और अमेरिका के बीच संभावित रक्षा डील को लेकर पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक अब्दुल बासित ने कहा है कि अमेरिका और भारत की रक्षा साझेदारी से साउथ एशिया में अस्थिरता बढ़ेगी और हथियार जुटाने की होड़ लगेगी.

अमेरिकी कांग्रेस में पीएम मोदी का संबोधन आश्चर्यजनकः डॉ मूनिस अहमर

कराची विश्वविद्यालय में सामाजिक विज्ञान संकाय के पूर्व डीन डॉ मूनिस अहमर ने पाकिस्तानी मीडिया 'द एक्स्प्रेस ट्रिब्यून' में लिखा है, "भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जून को अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करेंगे. यह दूसरी बार होगा जब मोदी अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करेंगे. यह आश्चर्यजनक है कि अमेरिका ने जिस व्यक्ति को 2005 में गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने में भूमिका को लेकर वीजा देने से इनकार कर दिया था, वह व्यक्ति दूसरी बार अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करेगा."

उन्होंने आगे लिखा है, "भारत में आम चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा अपनी वैश्विक साख को मजबूत करके तीसरी बार सत्ता में आने की पूरी कोशिश है. भारत अब SCO और G-20 की अध्यक्षता संभाल रहा है. ये सारी बातें नरेंद्र मोदी के प्रति सम्मान का प्रतीक है.

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अमेरिकी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन से मुलाकात की. (फोटो-ट्विटर)

चीन का मुकाबला करना मुख्य मकसदः पाकिस्तान टुडे

पीएम मोदी के दौरे को लेकर पाकिस्तान टुडे ने हेडिंग दी है- 'अमेरिकी दौरे पर तकनीक, व्यापार पर बात करेंगे मोदी'.

वेबसाइट ने आगे लिखा है, " भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे पर हैं. इस दौरे का मुख्य एजेंडा अमेरिका के साथ सैन्य और तकनीकी संबंध को मजबूत करना है. जिससे चीन का मुकाबला किया जा सके. अमेरिका भी भारत से बेहतर रिश्ते स्थापित कर तेजी से उभर रहे चीन का मुकाबला करना चाहता है. इस मकसद के तहत अमेरिका भारत के साथ क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है. दोनों देशों के बीच लड़ाकू जेट इंजन बनाने की डील हो सकती है."

पाकिस्तान टुडे ने आगे लिखा है, " 2020 में चीनी सेना के साथ झड़प के बाद से ही भारत अमेरिका के साथ अपने संबंधों को बेहतर कर रहा है. चीन का मुकाबला करने के लिए भारत और अमेरिका के साथ ऑस्ट्रेलिया और जापान भी साथ हैं. क्वाड संगठन के तहत ये सभी देश हिंद प्रशांत महासागर में परस्पर सैन्य अभ्यास करते रहते हैं.

'भारत के लिए बहुत बड़ा मौका'

पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट International The News ने पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे को लेकर हेडिंग दी है- 'मानव संसाधन उल्लंघन के सवाल, मीडिया पर अंकुश के बीच अमेरिकी यात्रा पर मोदी का स्वागत'.

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वेबासाइट ने आगे लिखा है, " तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे के पहले चरण में मोदी न्यूयॉर्क पहुंच गए हैं. पीएम मोदी की यह पहली अमेरिकी राजकीय यात्रा है.

वेबसाइट ने आगे लिखा है, " जैसे-जैसे चीन की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही है. अमेरिकी अधिकारी (जो बाइडेन) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने को प्राथमिकता दे रहे हैं. भारत के लिए यह अवसर बहुत बड़ा है. अमेरिका मोदी का शाही स्वागत करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहा है.'

अटलांटिक काउंसिल के साफिया गोरी अहमद के हवाले से 'द न्यूज' ने आगे लिखा है, "पीएम मोदी के इस दौरे का मुख्य मकसद अमेरिका-भारत रक्षा संबंधों को मजबूत करना है. विशेष रूप से महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी साझाकरण और रक्षा उपकरण को लेकर. इसके अलावा ऐसी संभावना है कि अमेरिका भारत को ड्रोन बेचने के लिए तैयार हो सकता है. अमेरिका से ड्रोन खरीद कर भारत अपनी सुरक्षा को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है.

 भारत-अमेरिका के बेहतर संबंध पाकिस्तान की कीमत पर नहींः पाकिस्तान के रक्षा मंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा, भारत और अमेरिका अपने संबंध बेहतर कर रहे हैं उससे पाकिस्तान को कोई समस्या नहीं है. बशर्ते कि यह पाकिस्तान की कीमत पर न हो.

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शनिवार को दिए एक इंटरव्यू में ख्वाजा आसिफ ने कहा, "मुझे लगता है कि हमें (पाकिस्तान) अमेरिका और भारत के बीच बेहतर हो रहे संबंध से कोई समस्या नहीं है, बशर्ते यह पाकिस्तान की कीमत पर नहीं हो. चीन के साथ हमारी (भारत और पाकिस्तान) साझा सीमाएं हैं. अफगानिस्तान, ईरान और भारत के साथ भी हमारी सीमाएं हैं. यदि इन देशों के साथ रिश्ते अच्छे नहीं हैं तो हम भी उनके साथ रिश्ते सुधारना चाहेंगे. हम शांति से रहना चाहते हैं. अगर शांति नहीं होगी, तो हम कभी भी अपनी अर्थव्यवस्था को उस तरह से बहाल नहीं कर पाएंगे जिस तरह से हम बहाल करना चाहते हैं. 

साउथ एशिया में अस्थिरता बढ़ेगीः अब्दुल बासित

पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक अब्दुल बासित ने अपने एक वीडियो में कहा, "पीएम मोदी के इस दौरे के बाद अमेरिका भारत को 31 MQ-9B ड्रोन्स देगा. इसकी लागत तकरीबन तीन अरब से ज्यादा है. अमेरिका विजिट के दौरान नरेंद्र मोदी अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करेंगे, जो किसी भी देश के लिए सम्मान की बात होती है."

उन्होंने आगे कहा, "पीएम मोदी का यह विजिट वैश्विक नजरिए से भी बहुत महत्पूर्ण है. अमेरिका और भारत के बीच जिस तरह से स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप डेवलप हुई है वो एक अहम पहलू है. अमेरिका चाहता है कि भारत को धीरे-धीरे रूस से दूर किया जाए. भारत भी पाकिस्तान और चीन से मुकाबला करने के लिए अमेरिका से अपने संबंध को बेहतर कर रहा है. ताइवान मुद्दे को लेकर भी भारत एक तरह से अमेरिका के साथ खड़ा है."

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पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक ने आगे कहा, "नरेंद्र मोदी का यह दौरा पाकिस्तान के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है. हम इस चीज को गौर से देखेंगे कि दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान में क्या कहा जाता है. हालांकि, यह बात तो तय है कि जो भी इश्यू हो संयुक्त बयान में जम्मू कश्मीर का उल्लेख नहीं होगा. लेकिन हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन को यह संदेश दिया होगा कि मोदी के दौरे के दौरान ऐसा कोई भी संयुक्त बयान नहीं आए जिससे अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में दरार आए. 

बासित ने आगे कहा कि यह ठीक है कि अमेरिका, भारत को रूस से दूर करने के लिए हथियार और ड्रोन्स देगा. या कोई और हथियार देगा. इससे पाकिस्तान की सुरक्षा तो प्रभावित होगी. साथ ही रीजनल बैलेंस भी खराब होगा. 

 

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