
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अगले महीने टोक्यो में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. व्हाइट हाउस ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बाइडेन अगले महीने दक्षिण कोरिया और जापान की यात्रा करेंगे और टोक्यो में क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. इसी दौरान बाइडेन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे. व्हाइट हाउस के मुताबिक, बाइडेन की दक्षिण कोरिया और जापान की यात्रा 20 से 24 मई के लिए निर्धारित की गई है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने बुधवार को बताया कि बाइडेन की यह यात्रा स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए बाइडेन-हैरिस प्रशासन की ठोस प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाएगी. अमेरिकी राष्ट्रपति इस दौरान दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल और जापान की प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो के साथ भी द्विपक्षीय बैठक करेंगे.
क्वाड देशों के नेता हमारे महत्वपूर्ण सुरक्षा संबंधों को गहरा करने, आर्थिक संबंधों को बढ़ाने और व्यावहारिक परिणाम देने के लिए हमारे घनिष्ठ सहयोग का विस्तार करने के अवसरों पर चर्चा करेंगे. टोक्यो में राष्ट्रपति बाइडेन ऑस्ट्रेलिया, जापान, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के क्वाड ग्रुप के नेताओं से भी मिलेंगे. साकी ने कहा कि हम इस यात्रा के बारे में जल्द ही और जानकारी साझा करने की उम्मीद करते हैं.
मोदी-बाइडेन की हुई थी वर्चुअली बैठक
इससे पहले रूस-यूक्रेन संघर्ष को लेकर पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की वर्चुअली बैठक हुई थी. इस बैठक में वैश्विक संकट, कोविड महामारी और क्लाइमेट क्राइसेस पर चिंता व्यक्त की गई थी. इस मीटिंग में पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए बूचा नरसंहार की भी निंदा की थी.
वर्चुअली मीटिंग में बाइडेन ने कहा था कि रक्षा के मामले में हम दोनों देशों के बीच एक मज़बूत पार्टनरशिप है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि वो यूक्रेन के लोगों के प्रति भारत के मानवीय समर्थन का स्वागत करते हैं. हम आगे भी चर्चा करते रहेंगे, इससे हमारा रिश्ता और गहरा और मजबूत होगा. जो बाइडेन ने कहा कि जापान में 24 मई के आसपास क्वाड समिट है. मैं उम्मीद करता हूं कि आपसे 24 मई को जापान में मुलाकात होगी.
वहीं पीएम मोदी ने इस बैठक में कहा था कि भारत-अमेरिका पार्टनरशिप बहुत सी वैश्विक समस्याओं के समाधान में योगदान दे सकती है. मैं आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूं. विश्व के दो सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्रों के रूप में हम नेचुरल पार्टनर्स हैं और पिछले कुछ सालों में हमारे संबंधों में जो प्रगति हुई है, जो नया मोमेंटम बना है. आज से एक दशक पहले शायद ऐसी कल्पना करना मुश्किल था.