
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ टोक्यो से शिंकनसेन बुलेट ट्रेन में सवार होकर कोबे के लिए रवाना हुए. मोदी द्विपक्षीय वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान में हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, 'भारत, जापान के बीच संबंधों में गति आई है. प्रधानमंत्री मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे शिंकानसेन बुलेट ट्रेन में सवार होने के लिए टोक्यो स्टेशन पहुंचे.' स्वरूप ने एक अन्य ट्वीट में दोनों नेताओं की बुलेट ट्रेन के भीतर की एक तस्वीर साझा करते हुए कहा कि अद्भुत रेल यात्रा के दौरान दोनों नेताओं के बीच अद्भुत मित्रता. प्रधानमंत्री मोदी और आबे कोबे में शिनकानसेन बुलेट ट्रेन में.
मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड रेलवे में भी समान प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा. शनिवार को तीन दिवसीय द्विपक्षीय वार्षिक शिखर सम्मेलन का आखिरी दिन है. मोदी का पिछले दो वर्षो में जापान का यह दूसरा दौरा है.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जापान दौरे से भारत के लिए एक बड़ी कामयाबी मिली है. भारत और जापान के बीच ऐतिहासिक परमाणु समझौता हुआ है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री के शिंजो अबे की मौजूदगी में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए. दोनों देशो के बीच परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल पर सहमति बनी है.
जापान का NSG के लिए समर्थन
जापान ने भारत की NSG में पूर्ण सदस्यता के लिए पूर्ण समर्थन का ऐलान किया है. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने साझा प्रेस वार्ता में इसका ऐलान किया.
भारत और जापान नैचुरल पार्टनर
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा कि भारत और जापान एक नैचुरल पार्टनर है और यह समझौता क्लाइमेट चेंज के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है. जापान भारत के इंफ्रास्टक्चर और टेक्नालॉजी में महत्वपूर्ण साझेदार है.
विकास मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, ‘सायोनारा जापान. ऐसे में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओसाका से दिल्ली लौटने के लिए विमान में सवार हो रहे हैं एक महत्वपूर्ण मित्रता और मजबूत हुई है.’
जापान से 10 समझौते हुए
मोदी की इस जापान यात्रा के दौरान भारत और जापान ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किए जिसमें कई क्षेत्र शामिल हैं. इन समझौतों में आधारभूत संरचना क्षेत्र, रेलवे और अंतरिक्ष एवं कृषि में सहयोग से जुड़े समझौते भी शामिल थे.