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महात्मा गांधी का जिक्र, भारत की विविधता की ताकत और BRICS देशों को 5 सुझाव... PM मोदी ने क्या-क्या कहा?

प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए 5 सूत्रीय प्रस्ताव रखे. उन्होंने कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत हमारी विविधता है. विविधता ही भारत की सबसे बड़ी शक्तियों में से एक है. इसके साथ ही उन्होंने महात्मा गांधी और टॉल्स्टॉय फार्म का भी जिक्र किया.

BRICS के पूर्ण सत्र में पीएम मोदी ने कई अहम मुद्दों को उठाया BRICS के पूर्ण सत्र में पीएम मोदी ने कई अहम मुद्दों को उठाया
गीता मोहन
  • नई दिल्ली ,
  • 24 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 6:52 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BRICS शिखर सम्मेलन में दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संबंधों पर जोर दिया. उन्होंने महात्मा गांधी के टॉल्स्टॉय फार्म का जिक्र किया. जो यूरेशिया और अफ्रीका के दर्शन को समृद्ध करने के साथ ही एकता और आपसी सद्भाव की ठोस नींव रखता था. पीएम ने कहा कि इस शहर (जोहान्सबर्ग) और भारत के लोगों के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं. यहां से कुछ ही दूरी पर टॉलस्टॉय फार्म है जिसे महात्मा गांधी ने 110 साल पहले बनवाया था. यूरेशिया और अफ्रीका के महान दर्शनों को एक साथ लाकर महात्मा गांधी ने हमारी एकता और आपसी सद्भाव की मजबूत नींव रखी. 

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ब्रिक्स के पूर्ण सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स के विस्तार पर भी जोर दिया. रिपोर्टों के मुताबिक, 40 से अधिक देशों ने ब्रिक्स में शामिल होने में रुचि व्यक्त की है, उनमें से लगभग दो दर्जन ने औपचारिक रूप से भर्ती होने के लिए कहा है. पीएम ने कहा कि भारत ब्रिक्स सदस्यता के विस्तार का पूरा समर्थन करता है और हम आम सहमति के आधार पर इस पर आगे बढ़ने का स्वागत करते हैं. 

उन्होंने कहा कि 2016 में भारत की अध्यक्षता के दौरान हमने ब्रिक्स को एक समूह के रूप में परिभाषित किया था, जो उत्तरदायी, समावेशी और सामूहिक समाधान तैयार करता था. 7 साल बाद हम कह सकते हैं कि ब्रिक्स बाधाओं को तोड़ देगा, अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करेगा, नवाचार को प्रेरित करेगा, अवसर पैदा करेगा और भविष्य को आकार देगा.

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PM मोदी के ब्रिक्स देशों को 5 सुझाव 

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान 5 सूत्रीय प्रस्ताव रखते हुए भारत की सबसे बड़ी ताकत के रूप में "विविधता" की सराहना की. उन्होंने कहा कि विविधता भारत की सबसे बड़ी शक्तियों में से एक है. भारत में किसी भी समस्या का समाधान इस विविधता की कसौटी पर खरा उतरा है और इसलिए, इन समाधानों को दुनिया के किसी भी हिस्से में आसानी से लागू किया जा सकता है. लिहाजा, हमें भारत में विकसित इन सभी प्लेटफार्मों को ब्रिक्स भागीदारों के साथ साझा करने में खुशी होगी.

पहला सुझावः

पीएम मोदी ने कहा कि मेरा पहला सुझाव अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग है. हम पहले से ही ब्रिक्स सैटेलाइट ग्रुप पर काम कर रहे हैं, इस कदम को आगे बढ़ाते हुए हम एक बड़ा अंतरिक्ष अन्वेषण संघ बनाने के बारे में सोच सकते हैं. इसके तहत हम वैश्विक भलाई के लिए स्पेस रिसर्च और मौसम निगरानी जैसे क्षेत्रों पर काम कर सकते हैं.

दूसरा सुझावः

पीएम ने कहा कि मेरा दूसरा सुझाव शिक्षा, कौशल विकास और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग है. ब्रिक्स को भविष्य के लिए तैयार संगठन बनाने के लिए हमें अपने समाजों को भविष्य के लिए तैयार करना होगा. इस संबंध में टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. भारत में दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बच्चों को शिक्षा तक पहुंच प्रदान करने के लिए हमने 'दीक्षा प्लेटफॉर्म' बनाया है, जो ज्ञान साझा करने के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचा है.. वहीं, स्कूली बच्चों में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए हमने देशभर में 10,000 'अटल टिंकरिंग लैब' बनाई हैं. भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए एआई-आधारित भाषा मंच 'भाषिणी' का उपयोग किया जा रहा है.

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तीसरा सुझावः

पीएम मोदी ने कहा कि मेरा तीसरा सुझाव है कि एक-दूसरे की ताकत को पहचानने के लिए हम मिलकर स्किल मैपिंग कर सकते हैं. इसके जरिए हम विकास यात्रा में एक-दूसरे के पूरक बन सकते हैं.

चौथा सुझावः

पीएम मोदी ने कहा कि मेरा चौथा सुझाव 'बिग कैट' से संबंधित है. सभी 5 ब्रिक्स देशों में बड़ी बिल्लियों की विभिन्न प्रजातियां बड़ी संख्या में पाई जाती हैं. 'इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस' यानी विडाल वंशी जीवों के संरक्षण के लिए गठबंधन कर हम उनकी सुरक्षा के लिए संयुक्त प्रयास कर सकते हैं.

पांचवां सुझावः

प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा पांचवां सुझाव 'ट्रेडिशनल मेडिसिन' से संबंधित है, हमारे सभी देशों में पारंपरिक चिकित्सा पारिस्थितिकी तंत्र हैं. पीएम मोदी ने सम्मानित सभा से पूछा क्या हम मिलकर पारंपरिक चिकित्सा का भंडार बना सकते हैं?' उन्होंने कहा कि सभी ब्रिक्स देश पारंपरिक चिकित्सा का भंडार बनाएं. 

नए साझेदारों को जोड़ने पर जोर

सूत्रों ने आजतक को बताया कि भारत ने अपने रणनीतिक साझेदारों को नए सदस्यों के रूप में जोड़ने पर जोर दिया. मंगलवार को लीडर्स रिट्रीट के दौरान ब्रिक्स विस्तार पर भारत ने सदस्यता मानदंडों और नए सदस्यों के चयन पर आम सहमति बनाने का बीड़ा उठाया. 

लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में आए ये बदलाव
 

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पीएम मोदी ने पिछले दो दशकों में ब्रिक्स द्वारा हासिल की गई महत्वपूर्ण प्रगति की सराहना की. साथ ही वैश्विक दक्षिण के देशों में प्रगति को सुविधाजनक बनाने में न्यू डेवलपमेंट बैंक की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने और रोजमर्रा की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाने में ब्रिक्स पहल के महत्व पर जोर दिया.

भारत ने क्या कदम उठाए?

पीएम ने जोर देकर कहा कि अपनी कैजुअल रिजर्व सिस्टम से हमने ब्रिक्स सैटेलाइट ग्रुप, वैक्सीन रिसर्च एंड डवलपमेंट सेंटर,  फार्मा उत्पादों की मान्यता जैसी पहलों के माध्यम से एक वित्तीय सुरक्षा जाल बनाया है, हम सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं. उन्होंने युवा शिखर सम्मेलन, ब्रिक्स गेम्स, थिंक टैंक काउंसिल और वैश्विक कल्याण के लिए अंतरिक्ष अनुसंधान और मौसम निगरानी के क्षेत्रों में प्रस्तावित विस्तार जैसी सफलताओं पर प्रकाश डाला. 

 

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