
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लंदन में 'भारत की बात सबके साथ' कार्यक्रम के जरिए दुनिया को संबोधित किया. इस दौरान कवि और लेखन प्रसून जोशी के साथ बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कई मुद्दों पर बात की. बातचीत के दौरान ही प्रधानमंत्री ने अपनी एक कविता 'रमता राम अकेला' भी सुनाई. अब प्रधानमंत्री ने अपनी इस कविता को सोशल मीडिया पर डाला है.
गुरुवार को प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर इस कविता को शेयर किया. प्रधानमंत्री की ये कविता गुजराती में लिखी हुई है. बता दें कि कार्यक्रम के दौरान ही प्रधानमंत्री ने कहा था कि अभी उन्हें ये कविता याद नहीं है, लेकिन वह सोशल मीडिया पर इसे शेयर करेंगे.
दरअसल, प्रसून जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके फकीरीपन के मुद्दे पर सवाल पूछा था. जिसपर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने अपने बिताए हुए समय के बारे में वर्णन किया था. पीएम मोदी ने उस दौरान कहा था कि फकीर जैसे शब्द का इस्तेमाल करना बड़ी बात है, लेकिन मैं तो औलिया हूं. मैं ऐसे हालात में पला बढ़ा हूं कि मुझपर किसी चीज का असर नहीं होता है.
आपको बता दें कि प्रसून जोशी ने भी बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के लिए कविताएं पढ़ीं. पीएम मोदी ने भी प्रसून जोशी को कविराज बताया.
जो लोग मुझ पर पत्थर फेंकते हैं.
मैं उसी पत्थरों से पत्थी बना देता हूं
और उस पर चलकर आगे बढ़ता हूं
आपको बता दें कि प्रसून जोशी ने शुरुआत में ही पीएम मोदी से कहा कि आपने रेलवे स्टेशन से रॉयल पैलेस तक का सफर किया है. इस पर पीएम मोदी ने कहा कि ये तुकबंदी आपके लिए सरल है, लेकिन जिंदगी का रास्ता कठिन है. पीएम मोदी ने कहा कि रेलवे स्टेशन का सफर मेरी जिंदगी की व्यक्तिगत बात है. वह दौर मेरी जिंदगी का स्वर्णिम पन्ना है.