Advertisement

अब बांग्लादेश के नागरिक भी रेडियो पर सुनेंगे PM मोदी की 'मन की बात'

यह पहली बार होगा कि जब एक देश के नागरिक अपने पड़ोसी देश के प्रधानमंत्री के विचार सुन सकेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 12:03 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मन की बात' अब पड़ोसी देश बांग्लादेश में भी गूंजेगी. आकाशवाणी 'मैत्री' के जरिए अब पीएम के इस कार्यक्रम को बांग्ला भाषा में अनुवाद करने बांग्लादेशी नागरिकों को सुनाया जाएगा.

यह पहली बार होगा कि जब एक देश के नागरिक अपने पड़ोसी देश के प्रधानमंत्री के विचार सुन सकेंगे. उर्दू, अंग्रेजी और कई अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के बाद 'मन की बात' का बंगाली में अनुवाद किया जाएगा. इसका प्रसारण भारत और बांग्लादेश के बीच इस तरह के पहले क्रॉस-बॉर्डर चैनल पर होगा. बांग्लादेश के लोगों को भारतीयों की तरह ही सवाल पूछकर कार्यक्रम का हिस्सा बनने का मौका मिलेगा.

Advertisement

शामिल किए जाएंगे कमेंट्स और सवाल
अंग्रेजी अखबार 'ईटी' की खबर के मुताबिक, बांग्लादेश के नागरिकों को इस प्रक्रिया में शामिल करने के लिए ऑल इंडिया रेडियो उनके कमेंट्स, जवाब और वॉइस मेसेज रिसिव करने के लिए भी इंतजाम करेगा. बांग्लादेश के स्वाधीनता संग्राम 'मुक्ति जुधो' में साथ देने वाले भारत की छवि एक 'दोस्ताना देश' के तौर पर मजबूत करने के लिए रेडियो चैनल पर चर्चाएं भी प्रसारित की जाएंगी.

आकाशवाणी की पहली बड़ी कोशि‍श
यह कोशिश बांग्लादेश पर भारत से दुश्मनी रखने वाले देशों के असर को कम करने के लिए की जा रही है. अभी मोदी और बांग्लादेश की अवामी लीग सरकार के बीच संबंध बहुत अच्छे हैं. प्रसार भारती के चीफ एग्जिक्यूटिव अफसर जवाहर सरकार ने बताया, 'यह बांग्लादेश के लिए आकाशवाणी की पहली बड़ी कोशिश है. बांग्लादेश से टैलेंट और नॉलेज को हासिल करने के लिए आकाशवाणी की स्पेशल बांग्ला सर्विस को अपग्रेड किया जा रहा है.'

Advertisement

पाकिस्तान और चीन पर लगाम की तैयारी
मैत्री बांग्लादेश में पाकिस्तान और चीन के रेडियो चैनलों की मजबूत पहुंच पर लगाम लगाने की दिशा में भी बड़ा कदम है. इसने बांग्लादेश के लोकल एफएम चैनलों के साथ टाई-अप का प्रोसेस भी शुरू कर दिया है.

 

गौरतलब है कि 'मैत्री' दोनों देशों की एक संयुक्त कोशिश है. इस पर बांग्लादेश की स्वाधीनता की लड़ाई जैसी ऐतिहासिक घटनाओं पर विशेष कार्यक्रम प्रसारित किए जाएंगे. इसका मकसद 1971 में हुई इस लड़ाई में भारत की भूमिका की जानकारी देना है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement