
पीएनबी घोटाले के आरोपी और भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को भारत लाने का इंतजार थोड़ा लंबा हो सकता है क्योंकि मेहुल के निर्वासन या प्रत्यर्पण का मामला डोमिनिका में कानूनी पचड़ों में फंस गया है. सूत्रों का कहना है कि भारतीय अधिकारी घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहे हैं और अगले हफ्ते एक वरिष्ठ अधिकारी डोमिनिका का दौरा कर प्रत्यर्पण की संभावनाओं का पता लगा सकते हैं.
स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, त्रिनिदाद और टोबैगो में स्थित भारतीय उच्चायुक्त अरुण कुमार साहू, मेहुल चोकसी के निर्वासन या भारत प्रत्यर्पण की संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए अगले हफ्ते डोमिनिका की यात्रा करने के लिए तैयार हैं. साहू पूरे घटनाक्रम पर कड़ी नजर रखे हुए हैं और भारत में कई अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी मेहुल चोकसी को निर्वासित करने का तरीका खोजने की कोशिश कर रहे हैं.
हालांकि, अपने डोमिनिकन वकीलों के माध्यम से मेहुल चोकसी के सनसनीखेज आरोपों के बाद कि उन्हें संभवतः भारत और एंटीगुआ के लोगों द्वारा अपहरण कर लिया गया था, पीटा गया और बाद में डोमिनिका ले जाया गया था, भगोड़े कारोबारी को भारत वापस लाने का इंतजार थोड़ा लंबा हो सकता है.
निर्वासित करने का मामला मुश्किल
सूत्रों का कहना है कि अभी तक केवल सरकारी अधिकारी ही मेहुल चोकसी के निर्वासन को अंतिम रूप देने में शामिल थे, जिसमें इंटरपोल के साथ डोमिनिकन, एंटीगुआन और भारतीय अधिकारी शामिल थे, लेकिन कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद, उसे भारत निर्वासित करने का मामला मुश्किल हो सकता है.
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डोमिनिका में हाई कोर्ट के समक्ष वकीलों की अपील के बाद, मेहुल चोकसी को क्वारंटाइन के लिए भेजा गया है और कोर्ट द्वारा अगले आदेश तक किसी भी देश में उनके प्रत्यावर्तन की अनुमति नहीं है. अब इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते यानी 2 जून 2021 को डोमिनिका की कोर्ट में होगी.
वकील कोर्ट के समक्ष यह भी अपील करेंगे कि मेहुल चोकसी को वापस एंटीगुआ भेजा जाए न कि किसी अन्य देश में. अगर मेहुल एंटीगुआ वापस चला जाता है, तो उसे भारत वापस लाने में कई साल लग जाएंगे क्योंकि एंटीगुआन कोर्ट के समक्ष प्रत्यर्पण की सुनवाई खत्म होने में बहुत समय लगेगा.