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असंतोष पर उबल रहा PoK, सड़क पर आई आवाम, कई स्थानों पर हिंसा, पाकिस्तानी हुकूमत का तीव्र विरोध!

पीओके में हो रहे हिंसक प्रदर्शन की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे है. जिसमें प्रदर्शनकारियों द्वारा सुरक्षाकर्मियों को लाठियों से पीटते और उन्हें खदेड़ते हुए देखा जा सकता है. हड़ताल की आशंका के चलते सरकार ने पूरे पीओके में धारा 144 लागू कर दी थी, इसके बाद भी आवाम सड़कों पर उतर आई.

PoK में प्रदर्शनकारी पुलिस को दौड़ा-दौड़ाकर पीट रहे हैं (फोटो- X) PoK में प्रदर्शनकारी पुलिस को दौड़ा-दौड़ाकर पीट रहे हैं (फोटो- X)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 मई 2024,
  • अपडेटेड 1:59 PM IST

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में हालात बिगड़े हुए हैं. बिजली संकट, महंगाई और टैक्स की बढ़ी दरों के खिलाफ त्रस्त जनता ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राजधानी मुजफ्फराबाद में आवाम सड़कों पर उतर आई है. आलम ये है कि जनता और सुरक्षाबलों के बीच संघर्ष शुरू हो गया. कई जगहों पर हड़ताल और प्रदर्शन हो रहे हैं. इसके चलते सामान्य जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है. बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव के चलते तनाव चरम पर है. 

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पीओके में कई जगहों पर प्रदर्शन

पुलिस ने राजधानी मुजफ्फराबाद में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एक्शन लिया, जिससे हालात बेकाबू हो गए. जानकारी के मुताबिक दादियाल, मीरपुर, समाहनी, सेहंसा, रावलकोट, खुइरट्टा, तत्तापानी और हट्टियन बाला समेत पीओके के कई हिस्सों में सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं.

पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले, हवाई फायरिंग भी की

जम्मू-कश्मीर ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी (JKJAAC) द्वारा मुजफ्फराबाद में बुलाए गए बंद और चक्काजाम के दौरान पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़े और हवाई फायरिंग भी की. इतना ही नहीं, पुलिस ने रातभर की छापेमारी की, इसके परिणामस्वरूप कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया. बता दें कि अवामी एक्शन कमेटी ने मंगला डैम से टैक्स फ्री बिजली और आटे पर सब्सिडी की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था. समिति ने पहले 11 मई को मुजफ्फराबाद की ओर एक लंबे मार्च की योजना की घोषणा की थी.

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हिंसक प्रदर्शन के वीडियो हो रहे वायरल

पीओके में हो रहे हिंसक प्रदर्शन की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे है. जिसमें प्रदर्शनकारियों द्वारा सुरक्षाकर्मियों को लाठियों से पीटते और उन्हें खदेड़ते हुए देखा जा सकता है. वहीं, प्रशासन ने पाकिस्तान रेंजर्स और फ्रंटियर कोर से अतिरिक्त जवानों को तैनात करके और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के साथ इस विरोध को कुचलने की कोशिश की.

सड़कों पर क्यों उतरे लोग?

पाकिस्तान के लोग कमरतोड़ महंगाई से जूझ रहे हैं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा 3 अरब डॉलर के वित्तीय सहायता पैकेज को मंजूरी देते समय लगाई गई कड़ी शर्तों के कारण स्थिति और खराब हो गई है. बिजली दरों में बढ़ोतरी से दिक्कतें बढ़ गई हैं और पाकिस्तान में लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए हैं.

PoK के चीफ सेक्रेटरी ने PAK से मांगी अतिरिक्त सुरक्षा

इस बीच ये भी सामने आया है कि पीओके के मुख्य सचिव ने इस्लामाबाद में आंतरिक प्रभाग (Internal Division) के सेक्रेटरी को लेटर लिखकर सुरक्षा के लिए छह नागरिक सशस्त्र बल (CAF) प्लाटून की मांग की. तीन महीने के लिए अतिरिक्त सैनिकों का अनुरोध करते हुए मुख्य सचिव दाऊद मुहम्मद बाराच ने अपने पत्र में कहा था कि हमें अब 11 मई से होने वाले शटडाउन और चक्काजाम के आह्वान का सामना करना पड़ रहा है, उनका इरादा बाज़ारों को जबरन बंद करके लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को बाधित करना है. 

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पूरे पीओके में धारा 144 लागू, फिर भी सड़कों पर उतरी आवाम

सूत्रों ने कहा कि हड़ताल की आशंका के चलते सरकार ने पूरे पीओके में धारा 144 लागू कर दी थी और 10 और 11 मई को सभी शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टियों की घोषणा की थी. हालांकि पीओके के सभी जिलों में लोग हजारों की संख्या में सड़क पर उतर आए.

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