
इस्लामाबाद स्थित लाल मस्जिद के मुफ्ती अब्दुल अजीज ने तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) को समर्थन देने की बात कही है. टीएलपी और पुलिस फोर्स के बीच हिंसक झड़प देखने को मिल रही है. जिसमें कई लोगों के मारे जाने की भी खबर है. पूरे एरिया को घेर लिया गया है. हालांकि आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या की पुष्टि नहीं की गई है. लाहौर पुलिस प्रवक्ता राणा आरिफ ने कहा कि टीएलपी कार्यकर्ता नवान कोट के डीएसपी उमर फारूक बलोच को बुरी तरह से प्रताड़ित किया है. उनके साथ चार अन्य अधिकारियों को बंधर बनाकर रखा है. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पेट्रोल बम से हमला किया है.
पाकिस्तान ने कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक-पाकिस्तान (टीएलपी) पर आतंकवाद कानून के तहत गुरुवार को औपचारिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया. टीएलपी पर आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने और देश की शांति एवं सुरक्षा को भंग करने के लिए काम करने का आरोप लगाया.
प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की जिसमें टीएलपी पर प्रतिबंध लगाने की गृह मंत्रालय की रिपोर्ट को मंजूर कर लिया गया. टीएलपी को 2018 के आम चुनाव में 25 लाख वोट मिले थे. 'डॉन' अखबार के मुताबिक मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर टीएलपी को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया.
अधिसूचना में कहा गया है कि संघीय सरकार को ऐसे वाजिब कारण मिले हैं जिससे यकीन है कि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त है. उसने देश की शांति-सुरक्षा भंग करने के इरादे से लोगों को डरा धमकाकर अराजकता फैलायी जिससे कानून लागू करने वाली एजेंसियों के कर्मियों को काफी नुकसान हुआ.
गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने मीडिया से कहा कि सरकार पाकिस्तान में अराजकता फैलाने वालों को किसी तरह की छूट नहीं देगी. टीएलपी ने अपने प्रमुख साद हुसैन रिजवी की गिरफ्तारी के बाद सोमवार को देशव्यापी प्रदर्शनों की शुरुआत की थी.