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पाकिस्तान में पत्रकार पर पुलिसवालों ने लगाया 'डिजिटल टेररिज्म' का चार्ज, उठा ले गए, ब्रिटेन के दंगों से है कनेक्शन

लाहौर के उप-निरीक्षक (इंवेस्टिगेशन) इमरान किश्वर के अनुसार, गिरफ्तार किए गए संदिग्ध का नाम फरहान आसिफ (32) है, जो एक फ्रीलांस वेब डेवलपर के रूप में काम करता है. आसिफ पर आरोप है कि उसने 29 जुलाई को साउथपोर्ट में एक डांस क्लास में हुए हमले के बाद यूट्यूब और फेसबुक पर गलत जानकारी फैलाई.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 11:30 AM IST

पाकिस्तान में एक शख्स पर डिजिटली आतंकवाद फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. इस शख्स पर आरोप है कि उसने सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाई, जिसके चलते ब्रिटेन में व्यापक दंगे भड़क गए. इस मामले की जानकारी एक सीनियर इन्वेस्टीगेटर ने दी है.

क्या है शख्स पर आरोप
लाहौर के उप-निरीक्षक (इंवेस्टिगेशन) इमरान किश्वर के अनुसार, गिरफ्तार किए गए संदिग्ध का नाम फरहान आसिफ (32) है, जो एक फ्रीलांस वेब डेवलपर के रूप में काम करता है. आसिफ पर आरोप है कि उसने 29 जुलाई को साउथपोर्ट में एक डांस क्लास में हुए हमले के बाद यूट्यूब और फेसबुक पर गलत जानकारी फैलाई. इस हमले में तीन लड़कियों की मौत हो गई थी और 10 अन्य लोग घायल हो गए थे. गलत जानकारी में दावा किया गया था कि हमलावर हाल ही में ब्रिटेन आए एक शरणार्थी थे और उनका नाम इस्लामिक पृष्ठभूमि का था.

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इस गलत जानकारी के फैलने के बाद, अगले दिन घटना स्थल के पास एक मस्जिद पर हिंसक भीड़ ने हमला कर दिया. इसके बाद पुलिस ने स्पष्ट किया कि हमलावर ब्रिटेन में जन्मे थे.

चैनल ने मांगी थी माफी
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म  X पर "Channel3 Now" नामके एक अकाउंट से सबसे पहले हमलावर का गलत नाम सामने आया था. इस चैनल के फेसबुक अकाउंट ने कहा कि इसे पाकिस्तान और अमेरिका के लोग मैनेज करते हैं.  चैनल के प्रधान संपादक ने 31 जुलाई को एक माफीनामा जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, "हमारी वेबसाइट, Channel3 Now, पर हाल ही में प्रकाशित एक लेख में ग़लत जानकारी दी गई जिसके लिए हमें खेद है."

हालांकि, यह गलत जानकारी तेजी से फैल गई और इंग्लैंड और उत्तरी आयरलैंड में एक सप्ताह से अधिक समय तक चले दंगों को भड़काने के लिए जिम्मेदार मानी जाती है, जिसके चलते 1,000 से अधिक गिरफ्तारियां हुईं. अधिकारियों ने इस हिंसा को भड़काने के लिए दूर-दराज़ के उकसाने वालों को दोषी ठहराया, जिन्होंने गलत जानकारी फैलाना और हिंसक प्रदर्शनों को बढ़ावा देना जारी रखा.

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लाहौर में घर से गिरफ्तार किया गया आरोपी
लाहौर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुलिस ने बताया कि आसिफ को पूछताछ के लिए उसके घर से गिरफ्तार किया गया. आसिफ ने दावा किया कि वह गलत जानकारी का सोर्स नहीं था, बल्कि उसने इसे सोशल मीडिया से रीपोस्ट किया था. पुलिस ने इस मामले को साइबर आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच करने वाली संघीय जांच एजेंसी (FIA) को सौंप दिया है. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि ब्रिटेन ने आसिफ की प्रत्यर्पण की मांग की है या नहीं.

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