Advertisement

नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचण्ड को झटका, ओली की पार्टी का समर्थन वापस लेने का फैसला

के पी ओली की पार्टी नेपाल कम्यूनिष्ट पार्टी ने प्रधानमंत्री प्रचण्ड की तरफ से मंत्रियों को परेशान करने का हवाला देते हुए पुष्प कमल दाहाल प्रचण्ड वाली सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा की है. हालांकि, प्रचण्ड सरकार अभी भी बहुमत में है और सरकार को कोई खतरा नहीं है.

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचण्ड (फोटो-रॉयटर्स) नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचण्ड (फोटो-रॉयटर्स)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 3:58 PM IST

नेपाल का सत्तारूढ़ गठबन्धन अंततः सोमवार को औपचारिक रूप से विभाजित हो गया. प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचण्ड सरकार के सबसे बडे़ सहयोगी दल नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी) ने सरकार से अपने मंत्रियों को वापस बुलाते हुए सरकार को दिए अपने समर्थन को वापस ले लिया है.

सोमवार सुबह हुई यूएमएल पार्टी की सचिवालय बैठक में आलाकमान ने पुष्प कमल दहल के नेतृत्व वाली गठबंधन से बाहर निकलने और सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का फैसला किया. पार्टी द्वारा यह निर्णय राष्ट्रपति चुनाव के लिए बदले हुए राजनीतिक समीकरण के मद्देनजर लिया गया है.

Advertisement

प्रधानमंत्री की ओर से विदेश मामलों के मंत्री विमला राय पौड्याल को जिनेवा यात्रा रद्द करने की निर्देश से नाराज यूएमएल ने पार्टी सचिवालय की बैठक बुलाई थी. इससे पहले यूएमएल ने गठबंधन छोड़ने और रहने के फैसले को राष्ट्रपति चुनाव पर छोड़ दिया था. 9 मार्च को नेपाल में राष्ट्रपति चुनाव होंगे. यूएमएल देखना चाहती थी कि प्रचण्ड राष्ट्रपति चुनाव में किस पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन करते हैं.

पार्टी के वाइस-चेयरमैन बिष्णु पौडेल ने कहा कि प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल के काम करने के अलग तरीके को देखते हुए पार्टी ने गठबंधन छोड़ने का फैसला किया है. पत्रकारों से बातचीत करते हुए पौडेल ने कहा कि बिना मंत्रालय के मंत्री के रूप में सरकार में रहना हमें उचित नहीं लगा. 

दरअसल, प्रधानमंत्री दाहाल ने यूएमएल पार्टी से विदेश मंत्री को अपनी विदेश दौरा रद्द करने का निर्देश दिया था और स्वेच्छा से सरकार से बाहर जाने या बिना पोर्टफोलियो के मंत्री के रूप में काम करने के लिए कहा था. 

Advertisement

सत्ता के साथ यूपीएमएल का 64 दिनों का सफर

इस तरह से ओली की पार्टी को 64 दिनों के भीतर ही सत्तारूढ़ गठबंधन से रिश्ता तोड़ना पड़ा. हालांकि प्रचण्ड सरकार के पास अभी भी बहुमत है और सरकार को कोई खतरा नहीं है. यूएमएल पार्टी से पहले राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के मंत्रियों ने सामूहिक इस्तीफा देते हुए सरकार से समर्थन वापस ले लिया था.

आरपीपी ने भी समर्थन वापस लिया

इससे पहले गठबंधन वाली प्रचण्ड सरकार की एक और सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) ने भी राजनीतिक समीकरण का हवाला देते हुए सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की थी. 

पार्टी बैठक के बाद सरकार में प्रतिनिधित्व कर रहे उपप्रधानमंत्री विष्णु पौडेल ने बताया कि प्रधानमंत्री प्रचण्ड ने जिस तरह की टिप्पणी यूएमएल के बारे में की है और जिस तरह का व्यवहार हमारे मंत्रियों के साथ किया है, उसके बाद हमारे पास और कोई रास्ता नहीं बचा था.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement