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श्रीलंका संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति दिसानायके का जलवा बरकरार, बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है सत्तारूढ़ NPP

श्रीलंका के संसदीय चुनाव के शुरुआती रुझान आने लगे हैं. राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की नेशनल्स पीपल्स पावर (NPP) आगे चल रही है. श्रीलंका की संसद में 225 सीटें हैं और बहुमत के लिए 113 सीटों पर जीत जरूरी है.

श्रीलंका में मार्क्सवादी विचारधारा वाले नेता अनुरा कुमार दिसानायके की पार्टी बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है. श्रीलंका में मार्क्सवादी विचारधारा वाले नेता अनुरा कुमार दिसानायके की पार्टी बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है.
aajtak.in
  • कोलंबो,
  • 15 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:57 AM IST

श्रीलंका में संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की पार्टी का जलवा बरकरार देखने को मिल रहा है. शुरुआती चुनावी रुझानों में नेशनल पीपल्स पावर (NPP) पूर्ण बहुमत और बड़ी जीत की ओर बढ़ रहा है. जबकि मुख्य विपक्षी दल समागी जन बालवेगया को 18 फीसदी और पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे द्वारा समर्थित नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट को 5 प्रतिशत वोट मिले हैं.

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श्रीलंका में 2.1 करोड़ की आबादी है और वहां 1.7 करोड़ से ज्यादा वोटर्स हैं. पांच साल के कार्यकाल के लिए संसदीय चुनाव होते हैं. गुरुवार को श्रीलंका में करीब 65 फीसदी मतदान हुआ है और अब नतीजे आने लगे हैं. श्रीलंका की संसद में 225 सीटें हैं और बहुमत के लिए 113 सीटों पर जीत जरूरी है. यहां दो महीने पहले सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे.

चुनाव में उतरे थे 8 हजार उम्मीदवार

इस बार चुनाव में 8 हजार से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में हैं. जानकारों का कहना है कि यह चुनाव राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की सत्ताधारी पार्टी NPP के लिए अग्निपरीक्षा माना जा रहा था. जिस NPP के पास अब तक सिर्फ तीन सीटें ही थीं, वो इस चुनाव में करीब हर सीट पर सबसे आगे चल रही है. 

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NPP को अब तक 62 फीसदी वोट मिल चुके

स्थानीय समयानुसार शुक्रवार सुबह 6 बजे तक एनपीपी को राष्ट्रीय स्तर पर करीब 62 प्रतिशत यानी 44 लाख से ज्यादा वोट मिल चुके थे. NPP ने जिलों में भी बेहतर प्रदर्शन किया है और आनुपातिक प्रतिनिधित्व के तहत प्रस्तावित 196 सीटों में से 35 सीटें हासिल कर ली हैं.

NDP को मिली एक सीट

मुख्य विपक्षी समागी जन बालावेगया (SJB) और पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे द्वारा समर्थित नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (NDF) को बड़ा झटका लगा है. SJB को 18 और NDF को 5 प्रतिशत से कम वोट शेयर मिला है. SJB ने 8 सीटें जीती हैं. जबकि NDP को एक सीट मिली है.

राजपक्षे परिवार की पार्टी को 2 सीटों पर जीत

राजपक्षे परिवार की श्रीलंका पीपुल्स फ्रंट (SLP) वोटों के मामले में चौथे स्थान पर रही है और उसने 2 सीटों पर जीत हासिल की है.

NPP को बढ़ गया है वोट शेयर

विश्लेषकों का कहना है कि एनपीपी ने सितंबर के राष्ट्रपति चुनाव की तुलना में अपना वोट शेयर बढ़ाया है. पार्टी 150 सीटों का आंकड़ा पार कर सकती है और 225 सदस्यीय संसद में पूर्ण बहुमत हासिल कर लेगी. 2022 के आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में पहली बार संसदीय चुनाव हुए हैं. जबरदस्त आर्थिक मंदी के चलते तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को पद से हटा दिया गया था.

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अनुरा कुमारा दिसानायके ने 2019 में बनाया था अलायंस

नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) या जथिका जन बलवेगया (JJB)  श्रीलंका में जनता विमुक्ति पेरामुना के नेतृत्व वाला समाजवादी राजनीतिक गठबंधन है. इसकी स्थापना 2019 में हुई थी. पांच साल पुराने गठबंधन में सितंबर 2024 तक सिर्फ तीन संसद सदस्य थे. 

वामपंथी और श्रमिक वर्ग के गठबंधन JJB का नेतृत्व JVP करता है और इसमें 27 अन्य राजनीतिक दल, श्रमिक संघ, महिला समूह और अन्य संगठन शामिल हैं. दिसानायके 2014 से JVP के नेता हैं और पार्टी ने उनके नेतृत्व में दो संसदीय चुनाव लड़े हैं. ये उनका तीसरा चुनाव था. 2015 में अलायंस ने 4.8 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया था और 2020 में JJB गठबंधन ने 3.8 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया था. सितंबर 2024 में दिसानायके का दूसरा राष्ट्रपति चुनाव था. 2019 के राष्ट्रपति चुनाव में मार्क्सवादी नेता दिसानायके को सिर्फ 3 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे.

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