
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सोमवार को कहा कि ताइवान चीन का पवित्र क्षेत्र है और बीजिंग ताइवान की स्वतंत्रता का कड़ा विरोध करता है. उन्होंने "विभाजनकारियों" को कड़ा संदेश देते हुए चीनी जनता से अपील की कि वे सभी अनिश्चितताओं को पार करने के लिए तैयार रहें. यह भाषण राष्ट्रीय दिवस की पूर्व संध्या पर दिया गया. शी जिनपिंग ने कहा कि चीनी लोग मानवता की शांति और विकास के लिए उपलब्धियां हासिल करेंगे और बड़े योगदान देंगे. जिनपिंग बीजिंग के महान हॉल में आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे, जो पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था.
बता दें कि राष्ट्रीय दिवस 1 अक्टूबर को मनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और देश का केंद्रीय कार्य चीन को एक मजबूत राष्ट्र में बदलना और सभी मोर्चों पर राष्ट्रीय पुनरुत्थान हासिल करना है. यह बात उन्होंने सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के हवाले से कही. 71 वर्षीय शी जिनपिंग वर्तमान में अपने तीसरे कार्यकाल में हैं और पार्टी के परंपरागत दो कार्यकाल की सीमा को पार करते हुए इस पद पर बने हुए हैं. उन्होंने अमेरिका के साथ बढ़ती रणनीतिक प्रतिद्वंद्विता की ओर इशारा करते हुए कहा, "भविष्य के लिए तैयार रहें और सभी अनिश्चितताओं को दृढ़ता से पार करें."
ताइवान को चीन का अभिन्न अंग बताते हुए शी ने कहा, “ताइवान चीन का पवित्र क्षेत्र है और दोनों ओर के लोग एक-दूसरे से रक्त से जुड़े हुए हैं.” उन्होंने ताइवान की स्वतंत्रता की गतिविधियों का कड़ा विरोध करने का संकल्प लिया. ताइवान में इस वर्ष स्वतंत्रता समर्थक विलियम लाई चिंग-ते के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से चीन ने ताइवान के खिलाफ अपने अभियान को तेज कर दिया है. आर्थिक मोर्चे पर, शी ने कहा कि चीन आर्थिक सुधार और खुलेपन को जारी रखेगा, हालांकि देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था मंदी से जूझ रही है.