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मोदी को इन मुद्दों ने दिलाई जीत, जानिए क्या सोचते हैं अमेरिका में बसे भारतीय

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने पिछले पांच साल में वीजा एवं पासपोर्ट संबंधी समस्याओं समेत प्रवासी भारतीय समुदायों की समस्याओं को दूर करने के लिए कई कदम उठाए हैं. भारतीय एंबेसी द्वारा वीजा और पासपोर्ट जारी करने में लगने वाले समय में पिछले पांच साल में काफी कमी आई है.

प्रधानमंत्री मोदी (इंडिया टुडे आर्काइव) प्रधानमंत्री मोदी (इंडिया टुडे आर्काइव)
सना जैदी
  • नई दिल्ली,
  • 29 मई 2019,
  • अपडेटेड 1:45 PM IST

अमेरिका में रहने वाले प्रवासी भारतीयों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों का समर्थन किया है. साथ ही उनकी समस्याओं को निपटाने के लिए विदेश मंत्रालय को लगभग पूरे नंबर दिए हैं. अमेरिका में स्थित सार्वजनिक एवं अंतरराष्ट्रीय नीति मंच 'फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायसपोरा स्टडीज' ( FIIDS) के सर्वे के मुताबिक अमेरिका में रह रहे 93.9 फीसदी प्रवासी भारतीयों ने प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी की नीतियों का समर्थन किया है.

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बता दें कि मई की शुरुआत में कराए गए ओपिनियन पोल में विभिन्न कार्यक्रमों और पहलुओं से मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के प्रदर्शन संबंधी प्रश्न पूछे गए थे. जिस सर्वे में पाया गया कि प्रवासी भारतीयों ने उनकी समस्याओं को निपटाने के लिए विदेश मंत्रालय के प्रदर्शन को सबसे ज्यादा (95.5%) वोट दिए.

92 प्रतिशत प्रवासी भारतीयों का मानना है कि 2014 से पहले की तुलना में अब भारत का ज्यादा सम्मान है. इसके अलावा 93 प्रतिशत भारतीयों को लगता है कि मोदी सरकार ने सड़क, रेलवे, नदी परिवहन और विद्युतीकरण जैसी कई बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं में बेहतर काम किया है.

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने पिछले पांच साल में वीजा एवं पासपोर्ट संबंधी समस्याओं समेत प्रवासी भारतीय समुदायों की समस्याओं को दूर करने के लिए कई कदम उठाए हैं. भारतीय एंबेसी द्वारा वीजा और पासपोर्ट जारी करने में लगने वाले समय में पिछले पांच साल में काफी कमी आई है.

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सर्वे के अनुसार 80 फीसदी से अधिक भारतीयों को लगता है कि सरकार की योजनाएं भारत की बेहतरी के लिए हैं. इनमें से स्वच्छ भारत को सबसे ज्यादा समर्थन (86.9%) मिला. इसके बाद मेक इन इंडिया को 84.6 फीसदी, डिजिटल इंडिया को 84.3 फीसदी और स्टार्ट अप इंडिया को 71 फीसदी लोगों का समर्थन मिला.

92 प्रतिशत प्रवासी भारतीयों ने आतंकवाद से निपटने के सरकार के तरीके के लिए उसका समर्थन किया. सर्वे के मुताबिक सिर्फ 63.3 फीसदी प्रवासी भारतीयों को ही लगता है कि राम जन्मभूमि और सबरीमला मामले 2019 आम चुनाव के लिए महत्वपूर्ण थे.

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