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पुलवामा के बाद PAK सेना का भारत को जवाब- हम युद्ध की तैयारी नहीं कर रहे, पर हमसे न टकराना

गफूर ने कहा, ऐसा कैसे हो सकता है कि एलओसी पार करके कोई वहां (पुलवामा) पहुंच जाए जहां उनके सुरक्षा बल मौजूद हैं. अगर ऐसा हुआ तो उनकी फोर्स वहां 70 साल से है.

मेजर जनरल आसिफ गफूर (AP फोटो) मेजर जनरल आसिफ गफूर (AP फोटो)
aajtak.in
  • इस्लामाबाद,
  • 22 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 6:03 PM IST

पाकिस्तानी सेना ने पुलवामा हमले के बाद शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के डीजी मेजर जनरल आसिफ गफूर ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत की और जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले पर सेना का रुख स्पष्ट किया. गफूर ने कहा कि हम जंग के लिए तैयार नहीं हो रहे, लेकिन भारत इसकी धमकी दे रहा है. डीजी गफूर ने कहा कि पाकिस्तान जंग की शुरुआत करने में नहीं लगा है लेकिन अगर दूसरी तरफ से युद्ध थोपा जाता है तो हम इसका माकूल जवाब देंगे.

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गफूर ने कहा, 'ऐसा कैसे हो सकता है कि एलओसी पार करके कोई वहां (पुलवामा) पहुंच जाए जहां उनके सुरक्षा बल मौजूद हैं. अगर ऐसा हुआ तो उनकी फोर्स वहां 70 साल से है. फिर तो उन्हें अपने फोर्स से सवाल पूछना चाहिए. उन्होंने इतने सालों से वहां पर इतना पैसा बर्बाद किया है. जिस गाड़ी से हमला हुआ वह पाकिस्तान से नहीं गई. जिसने हमला किया वह वहीं का लड़का है, उसकी हिस्ट्री देखिए. वह 2007 में गिरफ्तार हुआ था.'

डीजी गफूर ने अपने देश के बारे में कहा, 'हम बहुत मुश्किल से यहां पहुंचे हैं. हमने अफगानिस्तान में अल कायदा के खिलाफ कामयाबी हासिल करने में अंतरराष्ट्रीय सेनाओं की मदद की. हमारे पीएम ने भारत को वो ऑफर दिया है जो पहले कभी किसी ने नहीं दिया. इससे पहले ऐसा नहीं हुआ. पाकिस्तान जब भी चर्चा के लिए कहता था तो भारत कहता था कि पहले आतंकवाद पर बात होगी. हमारे प्रधानमंत्री ने कहा कि हां, आइए इस पर बात कीजिए.'

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गफूर ने कहा कि '1998 में हमने एटमी ताकत हासिल की, 2001 में जब हम दहशतगर्दी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे तो इंडिया ने अपनी फौज को एक बार फिर बॉर्डर पर ला खड़ा किया. वहीं कुलभूषण के जरिये हमारे मुल्क में दुश्वारियां भेजी. 2001 से 2008 तक पांच दफा बातचीत की कोशिश की गई. 2016 में पठानकोट का वाकया हुआ.'

उन्होंने आगे कहा, जब भी पाकिस्तान में कुछ भी इंपोर्टेंट होता है तब तब इंडिया कुछ ना कुछ हमारे खिलाफ करता है. सऊदी प्रिंस का दौरा होना था और कई इंपोर्टेंट इवेंट थे. कश्मीर भारत के काबू से बाहर है. पुलवामा में हमले का पाकिस्तान को क्या फायदा है? पाकिस्तान को तो इससे घाटा है. भारत की कोशिश है कि पाकिस्तान को डिप्लोमेटिक आइसोलेशन में डाल दे लेकिन क्या ऐसी बात है? भारत की कोशिश के बावजूद भी पाकिस्तान अलग-थलग नहीं है. ये आप सबने देखा.'

अपने संबोधन में डीजी गफूर ने कहा, 'पुलवामा के वाकये को देखें. लाइन ऑफ कंट्रोल पर लेयर ऑफ डिफेंस है. ये कैसे हो सकता है कि कोई शख्स इंफिल्ट्रेट करके मीलों दूर जाकर ऐसा वाकया करे? गाड़ी और एक्सप्लोसिव भारत के ही हैं और जो लड़का इसमें शामिल था वो भी कश्मीर से ही है. हिंदुस्तान में कई लोगों ने सोशल मीडिया में इस तरह के हमले को पहले से ही प्रेडिक्ट किया है. आदिल का जो वीडियो रिलीज हुआ है उसका जब आप टेक्निकल एनालिसिस करें तो आपको पता चल जाएगा.'

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गफूर ने कहा, आतंकवाद को लेकर सबसे ज्यादा पाकिस्तान ही सफर हुआ है. जबकि हमने दहशतगर्दी को पूरी तरह से काबू कर लिया है. तब भारत में ये बातचीत चल रही है कि पाकिस्तान जंग की तैयारी कर रहा है. हम एक सोवरन स्टेट हैं और हम जंग शुरू करने की तैयारी नहीं कर रहे हैं लेकिन जवाब देने का हमारा हक है. इंडिया पाकिस्तान के लिए एक नॉन थ्रेट है. आप अमन चाहते हैं तो हम भी तरक्की चाहते हैं. हम इस पूरे रीजन के लिए अमन और तरक्की में कभी रुकावट नहीं बनेंगे. 21वीं सदी में इस हिस्से में कई चैलेंज हैं. बेहतर तालीम, रोजगार मिले, हमारी ये चाहत है न कि जंग की चाहत है. पाकिस्तान और पाकिस्तानी से भले दुश्मनी कर लें लेकिन इंसानियत से दुश्मनी न हो.

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