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'पुतिन अगर महिला होते' वाली टिप्पणी पर खुद पुतिन बोले

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा था कि अगर पुतिन महिला होते तो यूक्रेन पर कभी हमला नहीं करते. जॉनसन के इस बयान पर पलटवार करते हुए पुतिन ने ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर का जिक्र किया है, जिन्होंने फॉकलैंड आईलैंड पर कब्जे को लेकर अर्जेंटीना के साथ युद्ध की मंजूरी दी थी.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (photo: reuters) रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (photo: reuters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 8:46 PM IST
  • बोरिस जॉनसन ने कहा था, अगर पुतिन महिला तो यूक्रेन पर युद्ध नहीं करते
  • पुतिन ने ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री थैचर का जिक्र किया

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि अगर पुतिन महिला होते तो वह यूक्रेन पर कभी हमला नहीं करते.

तुर्कमेनिस्तान दौरे पर पहुंचे पुतिन ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्रिटेन पीएम को जवाब देते हुए ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर का जिक्र किया.

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उन्होंने मार्गरेट थैचर के फॉकेलैंड आइलैंड पर हमले का हवाला देते हुए जॉनसन की 'महिला थ्योरी' को खारिज कर दिया.

बता दें कि जॉनसन ने बुधवार को कहा था कि यूक्रेन पर रूस के हमले का फैसला विषाक्त मर्दानगी का बेहतरीन उदाहरण है.  इसके साथ ही उन्होंने पुतिन की माचो इमेज का भी मखौल उड़ाया था.

इसके बाद गुरुवार को पुतिन ने जॉनसन पर निशाना साधते हुए कहा, मैं बस इतिहास में हुए घटनाक्रमों को याद दिलाना चाहता हूं. जब मार्गरेट थैचर ने फॉकलैंड आइलैंड्स के लिए अर्जेंटीना पर हमले का फैसला किया था.  एक महिला ने हमले का फैसला लिया था.

पुतिन ने 40 साल पहले 1982 में अर्जेंटीना के साथ युद्ध की आलोचना की. दरअसल 1982 में अर्जेंटीना ने साउथ अटलांटिक में ब्रिटेन के उपनिवेश फॉकलैंड आइलैंड पर कब्जा करने का प्रयास किया था, जिसके बाद ब्रिटेन ने अर्जेंटीना के साथ युद्ध लड़ा था.

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जॉनसन पर निशाना साधते हुए पुतिन ने कहा, फॉकलैंड आइलैंड कहां है और ब्रिटेन कहां है? थैचर का वह कदम कुछ और नहीं बल्कि साम्राज्यवादी महत्वकांक्षा थी.

रूस कई मौकों पर पूर्व युगोस्लाविया, अफगानिस्तान और इराक पर हुए पश्चिमी देशों के सैन्य हस्तक्षेप की आलोचना करता रहा और इसे पश्चिमी साम्राज्यावाद और पाखंड का उदाहरण बताया आया है.

लेकिन खुद पुतिन पर उनके दो दशक के शासन के दौरान साम्राज्यवाद के कई आरोप लगे हैं. उन पर रूस की सीमाओं का जबरन विस्तार करने का भी आरोप लगता आया है. वह खुद कह चुके हैं कि काश वह सोवियत संघ के पतन को पलट सकते.

बता दें कि रूस ने इस साल फरवरी में यूक्रेन पर हमला कर दिया था, जिसमें अब तक कई शहर नष्ट हो चुके हैं. हजारों लोगों की जानें चली गई हैं और बड़ी संख्या में लोगों को अपना घर छोड़कर जाना पड़ा है.

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