
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को लगभग 10 महीने का समय बीत चुका है. दोनों देशों में सुलह होती नजर नहीं आ रही है. इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बड़ा बयान दिया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि '100%' निश्चित है कि रूस यूक्रेन में अमेरिकी पैट्रियट मिसाइलों को तबाह कर देगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि पश्चिमी देश रूस को तोड़ना चाहते हैं.
वहीं क्रिसमस पर पोप फ्रांसिस ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने का आग्रह किया है. उन्होंने वेटिकन में सेंट पीटर की बेसिलिका से अपने पारंपरिक क्रिसमस संदेश में यूक्रेन में "मूर्खतापूर्ण" युद्ध को समाप्त करने की अपील की है.
बता दें कि कि गत बुधवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने वॉशिंगटन पहुंचकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की थी. उन्होंने अमेरिका से और हथियारों की मांग की है. जिस पर अमेरिका ने यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइल सिस्टम देने की घोषणा की है. ये वही मिसाइल सिस्टम है, जिसका इस्तेमाल अमेरिका ने इराक के तानाशाह सद्दाम हुस्सैन की सल्तनत खत्म करने के लिए किया था.
पुतिन ने पैट्रियट को बताया था पुराना
बता दें कि दो दिन पहले ही पुतिन ने अमेरिकी पैट्रियट डिफेंस सिस्टम को पुराना बताया था. उन्होंने कहा था कि अमेरिका यूक्रेन को जो पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति कर रहा है, वह अमेरिका की पुरानी हथियार प्रणाली है और रूस इसका मुकाबला करने में सक्षम है. रूस के पास इसका मुकाबला करने के लिए एस-300 सिस्टम है.
पीछे हटने को तैयार नहीं है नाटो
हाल ही में नाटो समूह के प्रमुख और महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने रूस-यूक्रेन जंग पर कहा था कि नाटो पीछे नहीं हटने वाला है. उन्होंने कहा था कि इस युद्ध के शांतिपूर्ण समझौते की संभावनाओं को बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि हम यूक्रेन की मदद करते रहें. जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा था कि नाटो यूक्रेन की हरसंभव मदद करेगा. रूस लगातार यूक्रेन के ऊर्जा बुनियादी ढांचे (Energy Infrastructure) पर हमला कर रहा है. ऐसे समय में जैसे-जैसे सर्दी नजदीक आएगी, यूक्रेन को और अधिक संसाधनों की आवश्यकता होगी.
10 महीने में गई हजारों लोगों की जान
रूस ने 24 फरवरी को अपने पड़ोसी देश यूक्रेन पर आक्रमण किया था. पिछले लगभग 10 महीनों में इस जंग ने हजारों लोगों की जान ले ली है और लाखों लोगों को विस्थापित कर दिया है.यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस सप्ताह कहा था कि रूस को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप के सबसे बड़े संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक कदम उठाना चाहिए और क्रिसमस तक यूक्रेन से अपनी सेनाएं वापस बुलानी शुरू कर देनी चाहिए.रूस ने जेलेंस्की की सेना की वापसी के आह्वान को खारिज कर दिया है और कीव को कहा है कि वो नई क्षेत्रीय 'वास्तविकताओं' को स्वीकार करने के लिए तैयार रहे.