
कतर की कोर्ट ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई है. इस मामले में भारतीय सरकार ने दखल देते हुए कहा है कि नौसेना के पूर्व अफसरों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी कानूनी विकल्पों की तलाश की जा रही है, विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह नौसेना के इन 8 अफसरों को हर मदद मुहैया कराने को तैयार हैं. हालांकि ये पहला मौका नहीं है जब कतर ने किसी दूसरे देश के नागरिकों को सजा सुनाई है. इससे पहले इस खाड़ी देश ने फिलीपींस के तीन अफसरों को जासूस करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी.
आज से करीब 9 साल पहले कतर में तीन फिलीपींस नागरिकों को पकड़ा गया था. इनमें से एक आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई थी, जबकि दो अन्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. जिस मौत की सजा सुनाई गई थी वह कतर जनरल पेट्रोलियम में पर्यवेक्षक के रूप में तैनात था, जबकि दो अन्य आरोपी कतर एयरफोर्स के लिए काम कर रहे थे.
कतर के सुरक्षाबलों ने फिलीपींस के इन तीनों आरोपियों को पकड़ा और इन पर जासूसी करने का आरोप लगाया था. दोहा स्थित कतर की कोर्ट में कहा गया था कि कतर वायुसेना के लिए काम करने वाले दोनों आरोपी कतर पेट्रोलियम के लिए काम करने वाले तीसरे फिलीपीनी नागरिक को जानकारी मुहैया रहे थे, जो कि इसे फिलीपींस सरकार तक पहुंचा रहा था. दोनों आरोपी इस काम के बदले पैसे ले रहे थे. ये मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है.
कोर्ट ने इस मामले में जनरल पेट्रोलियम के लिए काम करने वाले आरोपी को मौत की सजा सुनाई थी. लेकिन बाद में इस मामले में अपील की गई. लिहाजा कोर्ट ने सजा कम करके आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया. जबकि दो आरोपियों की आजीवन कारावास की सजा को 15 साल में बदल दिया था. जिन 2 आरोपियों को 15 साल की सजा सुनाई गई थी, उसमें एक आरोपी का नाम रोनाल्डो लोपेज़ उलेप है.
इस फैसले के बाद कतर में फिलीपींस के राजदूत विल्फ्रेड सी. सैंटोस ने कहा था कि सजा में कटौती का स्वागत है लेकिन आगे अपील की जा सकती है. लेकिन अपील नहीं की गई थी. इस केस में सबसे अहम बात ये थी कि कतर कोर्ट ने अपील के बाद मौत की सजा पाए आरोपी को राहत देते हुए उसकी सजा आजीवन कारावास में बदल दी थी. ऐसे में भारत के पास 2 विकल्प हैं. पहला, भारत इस मामले को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में ले जाएं. दूसरा इस केस में कतर के अमीर से अपील करें कि अगर संभव हो तो 8 भारतीयों को माफ कर दिया जाए.