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कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान की मदद को आगे आया यह खाड़ी देश

नकदी संकट से जूझ रहा पाकिस्तान कंगाली की कगार पर खड़ा है. महंगाई ने पाकिस्तान के आम लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है. सरकारी घाटा लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में खाड़ी देश कतर, पाकिस्तान की मदद के लिए आगे आया है. कतर ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के दो एलएनजी बिजली संयंत्रों को खरीदने की इच्छा जताई है. 

पाकिस्तान और कतर पाकिस्तान और कतर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 11:50 AM IST

भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. नकदी संकट से जूझ रहा पाकिस्तान कंगाली की कगार पर खड़ा है. महंगाई ने पाकिस्तान के आम लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है. सरकारी घाटा लगातार बढ़ रहा है, सरकार का खजाना तेजी से घट रहा है. इसके साथ ही बाढ़ से भी लोगों का जीना मुहाल हो गया है. ऐसे में खाड़ी देश कतर, पाकिस्तान की मदद के लिए आगे आया है.

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विश्लेषकों का मानना है कि खाड़ी के अधिकतर देशों के पाकिस्तान से अच्छे संबंध रहे हैं. ये देश पाकिस्तान की गाहे-बगाहे मदद भी करते रहे हैं. अब खबर है कि कतर ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के दो एलएनजी बिजली संयंत्रों (LNG Power Plants)  को खरीदने की इच्छा जताई है. 

पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल (Miftah Ismail) ने जारी बयान में कहा कि कतर ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के दो एलएनजी से चलने वाले बिजली संयंत्रों को खरीदने की इच्छा जताई है. ये बिजली संयंत्र हवेली बहादुर शाह (Haveli Bahadur Shah) और बलोकी पावर प्लांट (Balloki power plant) हैं. दोनों संयंत्रों को बलूचिस्तान से गैस मिलती है.

दो अरब डॉलर की मदद को लेकर हुई थी गलतफहमी

इस दौरान इस्माइल ने उस शुरुआती गलतफहमी को भी दूर किया, जिसमें कहा जा रहा था कि बीते हफ्ते की शुरुआत में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की कतर विजिट के दौरान पाकिस्तान को डिफॉल्ट से बचाने के लिए उसे दो अरब डॉलर की सहायता दी जा रही है. 23 अगस्त को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के डिप्टी गवर्नर मुर्तजा सैयद ने कहा कि पाकिस्तान को द्विपक्षीय सहायता के रूप में कतर से दो अरब डॉलर की आर्थिक सहायता मिलेगी. इस खबर को कई मीडिया आउटलेट में व्यापक कवरेज मिली.

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वित्त मंत्री इस्माइल ने 26 अगस्त को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह भी कहा था कि कतर, पाकिस्तान के हवाईअड्डों को लीज पर लेने का इच्छुक है. अब शरीफ का कतर दौरा पूरा होने के बाद यह साफ हो गया है कि कतर ने पाकिस्तान को दो अरब डॉलर की आर्थिक सहायता मुहैया कराने के बजाए पाकिस्तान की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए तीन अरब डॉलर का निवेश करने की अपनी मंशा का ऐलान किया है. 

एक भूराजनीतिक विश्लेषक मार्क किनरा का कहना है कि खाड़ी देश एक बार फिर अपने मित्र राष्ट्र पाकिस्तान की मदद के लिए आगे आए हैं. लेकिन इस बार मामले में पेंच यह है कि उनकी अपनी भी मांगें हैं.

मार्क ने कहा, इंटर गवर्मेंटल कमर्शियल ट्रांजैक्शन ऑर्डिनेंस 2022 (Inter-Governmental Commercial Transactions Ordinance 2022) के तहत सरकारी कंपनियों के शेयर और सरकारी संपत्तियों को अन्य राष्ट्रों को बेचने का प्रावधान है.

इस विधेयक को बीते 24 जुलाई को पाकिस्तान की कैबिनेट से हरी झंडी मिली थी. इस साल की शुरुआत में सऊदी अरब ने पाकिस्तान में 20 अरब डॉलर का निवेश करने की सहमति जताई थी और ऐसा किया भी था. सऊदी अरब ने इस बार भी एक अरब डॉलर का निवेश करने का वादा किया है लेकिन इस धनराशि का इस्तेमाल एक तेल संयंत्र में किया जाएगा.

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वहीं, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भी कतर और सऊदी अरब की तरह पाकिस्तान में निवेश को लेकर अपनी रणनीति बदली है.

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