
स्वीडन में पिछले हफ्ते बकरीद के मौके पर कुरान जलाए जाने को लेकर पोप फ्रांसिस ने भारी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि मुसलमानों की पवित्र किताब का अपमान देखकर उन्हें गुस्सा आया और निराशा महसूस हुई. उन्होंने कहा कि किसी भी पवित्र किताब का सम्मान किया जाना चाहिए.
संयुक्त अरब अमीरात के अखबार अल इत्तिहाद में सोमवार को प्रकाशित एक इंटरव्यू में पोप ने कहा, 'पवित्र मानी जाने वाली किसी भी किताब पर आस्था रखने वाले के सम्मान के लिए उस किताब का सम्मान किया जाना चाहिए. इस तरह की घटनाओं पर मुझे गुस्सा आता है और मैं निराश महसूस करता हूं.'
उन्होंने आगे कहा, 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल कभी भी दूसरों का तिरस्कार करने के साधन के रूप में नहीं किया जाना चाहिए. इसकी अनुमति देना अस्वीकार्य है और मैं इसकी निंदा करता हूं.'
बकरीद के मौके पर कुरान में लगाई थी आग
बीते बुधवार को स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम की सबसे बड़ी मस्जिद स्टॉकहोम सेंट्रल मस्जिद के सामने सलवान मोमिका नामक एक शख्स ने कुरान की एक प्रति को पहले तो पैरों से कुचला फिर उसे आग के हवाले कर दिया था. घटना बकरीद के मौके पर हुई थी जिसकी वजह से इस्लामिक देश बेहद गुस्से में हैं.
घटना का वीडियो सामने आने के बाद लगभग सभी मुस्लिम देशों, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, पाकिस्तान, तुर्की, मोरक्को, इराक, ईरान, जॉर्डन, फिलिस्तीन, यमन आदि ने कड़ा विरोध जताया है.
बुधवार को ही सऊदी अरब ने एक बयान जारी कर कहा कि इस तरह के घृणित कृत्य को स्वीकार नहीं किया जा सकता.
मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा था, 'इन घृणित और बार-बार किए जा रहे कृत्यों को किसी भी औचित्य के साथ स्वीकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे कृत्य स्पष्ट रूप से नफरत और नस्लवाद को उकसाते हैं. ये सहिष्णुता, संयम और चरमपंथ खत्म करने के मूल्यों को आगे बढ़ाने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के विरुद्ध हैं. ऐसे कृत्य नागरिक और देश के बीच के संबंधों में पारस्परिक सम्मान को कम करते हैं.'
इस हफ्ते सोमवार को सऊदी ने स्वीडन के राजदूत को तलब कर अपनी नाराजगी भी जाहिर की. सऊदी अरब ने एक बयान में कहा, 'विदेश मंत्रालय ने स्वीडन के राजदूत को बुलाया और उन्हें सूचित किया कि पवित्र कुरान जलाने वाले चरमपंथी की तरफ से किए गए अपमानजनक कृत्य को सऊदी अरब ने स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया है.'
बयान में आगे कहा गया, 'मंत्रालय स्वीडन की सरकार से उन सभी कृत्यों को रोकने का आह्वान करता है जो सहिष्णुता, संयम और चरमपंथ को रोकने के प्रयासों को असफल करते हैं और जो देशों, लोगों के बीच परस्पर सम्मान को कमजोर करते हैं.'
तुर्की के राष्ट्रपति ने क्या कहा?
स्वीडन और तुर्की के बीच कुरान के कथित अपमान की घटनाओं को लेकर पिछले कुछ समय से तनातनी की स्थिति रही है. इस घटना ने दोनों देशों के रिश्तों को और खराब कर दिया है. कुरान जलाने की घटना पर पहले तो तुर्की के विदेश मंत्री हकन फिदान ने गुस्सा जाहिर किया और अब तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने कहा है कि कुरान जलाने के द्वेषपूर्ण कृत्य को अभिव्यक्ति की स्वंतत्रता नहीं कहा जा सकता है.
सोमवार को उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'स्वीडन में पुलिस की सुरक्षा के बीच कुरान का अपमान हुआ जो कि बेहद भयावह है.'
इससे पहले जनवरी के महीने में भी स्टॉकहोम में कुरान जलाने की घटना सामने आई थी. डेनमार्क के एक धुर-दक्षिणपंथी नेता ने तुर्की दूतावास के सामने कुरान को फाड़कर उसमें आग लगा दी थी जिससे तुर्की काफी नाराज हुआ था और नेटो में शामिल किए जाने के आवेदन को लेकर स्वीडन के साथ बातचीत को निलंबित कर दिया था.
राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने स्वीडन के नेताओं से तब कहा था, 'अगर आप तुर्की के मुसलमानों के धार्मिक भावनाओं का सम्मान नहीं करेंगे तब हमारी तरफ से आपको नेटो में कोई समर्थन नहीं मिलेगा.'
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री क्या बोले?
कुरान जलाने की घटना पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर भेदभाव, नफरत और हिंसा को बढ़ावा देने वाले कृत्यों को सही नहीं ठहराया जा सकता.
अब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि स्वीडन को कुरान जलाने वाले पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मामले की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'दुर्भाग्य से, यह कोई पहली घटना नहीं है. इस तरह की हृदय विदारक घटनाएं पहले भी हो चुकी है. ऐसी घटनाएं बताती हैं कि स्वीडन में रहने वाले अल्पसंख्यक मुस्लिम इस्लामोफोबिया और नफरत झेल रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस्लामिक सहयोग संगठन के उस बयान का समर्थन करता है जिसमें कहा गया है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए मिलकर कदम उठाने की जरूरत है.
रविवार को इस्लामिक देशों के संगठन ने बुलाई थी आपात बैठक
57 इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने रविवार को स्वीडन में कुरान जलाए जाने की घटना पर सऊदी अरब स्थित अपने मुख्यालय जेद्दा में एक आपात बैठक बुलाई थी. ओआईसी ने आपात बैठक के बाद एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया, 'ओआईसी ने अपने सदस्य देशों से कहा है कि वो उन देशों को रोकने के लिए एक साथ आएं जो इस्लाम की पवित्र किताब कुरान को जला रहे हैं.'
बयान में ओआईसी के महासचिव हिसैन ब्राहिम ताहा के हवाले से कहा गया कि 'कुरान का अपमान करना सिर्फ एक सामान्य इस्लामोफोबिया की घटना नहीं है.
उन्होंने कहा, 'दुनिया भर के देशों से हमारी अपील है कि वो अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करें जो धार्मिक नफरत को बढ़ावा देने को पूरी तरह से प्रतिबंधित करता है.' ताहा ने आपात बैठक में कुरान जलाने वाले शख्स सलवान मोमिका के नफरत भरे कृत्य की कड़ी निंदा की.
कुरान जलाने के विरोध में इराक की राजधानी बगदाद स्थित स्वीडिश दूतावास के बाहर प्रदर्शन हुए हैं. इराक, कुवैत, यूएई और मोरक्को ने स्वीडन के राजदूतों को बुलाकर उनसे अपना विरोध जाहिर किया है.
कड़ी प्रतिक्रिया को देखते हुए स्वीडन की सरकार ने भी इस घटना की निंदा की है. स्वीडन की सरकार ने इसे इस्लामोफोबिया से प्रेरित कृत्य करार दिया है.