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अमेरिका में भारतीय इंजीनियर को कहा- दफा हो जाओ मेरे देश से, और मार दी गोली

पुलिस का कहना है कि हमलावर 51 साल का एडम पुरिंटन नाम का शख्स है. उसे मिसूरी राज्य से गिरफ्तार कर लिया गया है. स्थानीय मीडिया के मुताबिक चश्मदीदों का दावा है कि ये एक नस्लवादी हमला था. एडम ने गोली चलाने से पहले चिल्लाकर कहा था, 'मेरे देश से निकल जाओ.' मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमलावर ने इन लोगों को मध्य-पूर्व का समझ लिया था

अमेरिका में भारतीय इंजीनियर को गोली मारी अमेरिका में भारतीय इंजीनियर को गोली मारी
संदीप कुमार सिंह
  • कंसास, अमेरिका ,
  • 24 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 12:36 PM IST

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद नस्लीय तनाव बढ़ा है और इस बार इसका शिकार भारतीय मूल के लोगों को होना पड़ा है. कंसास प्रांत में एक शख्स ने 2 भारतीयों समेत 3 लोगों पर गोली चलाई. घटना में 32 साल के श्रीनिवास कुचीवोतला की अस्पताल में मौत हो गई. वहीं 32 साल के आलोक मदासानी और 24 साल के इएन ग्रिलॉट घायल हुए हैं. हमला बुधवार शाम ओलेथ शहर के ऑस्टिन बार एंड ग्रिल रेस्तरां में हुआ.

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पुलिस का कहना है कि हमलावर 51 साल का एडम पुरिंटन नाम का शख्स है. उसे मिसूरी राज्य से गिरफ्तार कर लिया गया है. स्थानीय मीडिया के मुताबिक चश्मदीदों का दावा है कि ये एक नस्लवादी हमला था. एडम ने गोली चलाने से पहले चिल्लाकर कहा था, 'मेरे देश से निकल जाओ.' मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमलावर ने इन लोगों को मध्य-पूर्व का समझ लिया था.

हालांकि पुलिस ने इस बाबत कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. कहा जा रहा है कि आरोपी अमेरिकी नौसेना में काम कर चुका है.कुचीवोतला और मदासानी कैंसस के ओलेथ शहर में गारमिन कंपनी में इंजीनियर थे. उनकी पढ़ाई भारत में ही पूरी हुई थी.

ग्रिलॉट ने की थी बचाने की कोशिश
चश्मदीदों के मुताबिक हमले में घायल इएन ग्रिलॉट दोनों भारतीयों के बचाव में खड़े हुए थे. लेकिन हमलावर ने उन्हें भी नहीं बख्शा. ग्रिलॉट ने अस्पताल में स्थानीय मीडिया से बात की. उनका कहना था कि कुछ लोग उन्हें हीरो कह रहे हैं. लेकिन उन्होंने सिर्फ इंसानियत का फर्ज निभाया. इएन ग्रिलॉट का कहना था, "ये अपने आप में बहुत बड़ी बात थी. सोचिए ज़रा उसकी पत्नी पांच महीने से गर्भवती है. शायद कोई ताक़त हम दोनों पर अपना साया रख रही थी."

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सकते में भारतीय बिरादरी

घटना के बाद अमेरिका में भारतीय बिरादरी सकते में है. बड़े पैमाने पर श्रीनिवास के लिए चंदा इकट्ठा किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर घटना के विरोध में कमेंट किये जा रहे हैं. गारमिन कंपनी के अलावा भारतीय मूल के लोगों ने दोनों के परिवारों की मदद के लिए चंदा जुटाने की मुहिम शुरू की है.

विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
अमेरिका में भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने आलोक से अस्पताल में मुलाकात की.

विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने घटना पर दुख जताया है. उन्होंने ट्विटर पर श्रीनिवास के परिवार के साथ संवेदना जाहिर की. स्वराज ने बताया कि उन्होंने अमेरिका में भारत के राजदूत नवतेज सरना से घटना की जानकारी ली है और श्रीनिवास के पिता और भाई से भी बात की है. स्वराज के मुताबिक श्रीनिवास के पार्थिव शरीर को भारत लाने के लिए सभी इंतजाम किये जा रहे हैं.

कौन थे श्रीनिवास?

32 साल के श्रीनिवास गारमिन कंपनी में 2014 से काम कर रहे थे. उन्होंने साल 2005 में हैदराबाद की जवाहर लाल नेहरू टेक्निकल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी. बी.टेक पूरी करने के बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए थे. यहां उन्होंने टेक्सस यूनिवर्सिटी से साल 2007 में मास्टर्स डिग्री हासिल की. उनकी पत्नी सुनैना भी कंसास की ही एक टेक्नॉलॉजी कंपनी में काम करती हैं.

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