
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन की मौत हो गई है. रविवार को उनका हेलिकॉप्टर पहाड़ी और जंगली इलाके में क्रैश हो गया था. सोमवार को हेलिकॉप्टर का मलबा मिला है. हादसे में हेलिकॉप्टर में सवार कोई भी जीवित नहीं बचा है. खराब मौसम और बारिश की वजह से हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है. ईरान के पर्वतीय उत्तर पश्चिमी क्षेत्र के जोल्फा में यह घटना तब हुई, जब रईसी और अन्य लोग अजरबैजान के पास ईरान की सीमा पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होकर वापस लौट रहे थे.
रईसी (63 साल) की मौत के बाद अब ईरान में नए राष्ट्रपति चुने जाने की तैयारी तेज हो गई है. राष्ट्रपति पद की दौड़ में अगला नाम उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर का है. हालांकि, अंतिम फैसला ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई (85 साल) को लेना है. जानकारों का कहना है कि खामनेई खुद रईसी की जगह ले सकते हैं. इब्राहिम को खामेनेई का उत्तराधिकारी माना जाता था. आईए जानते हैं ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के बारे में...
रईसी को माना जाता था कट्टरपंथी नेता
इब्राहिम रईसी को कट्टरपंथी नेता माना जाता था. वो 2021 में ईरान के राष्ट्रपति बने थे. रईसी पहले ऐसे ईरानी राष्ट्रपति थे, जिन पर पदभार संभालने से पहले ही अमेरिका बैन लगा चुका था. दरअसल, रईसी 1988 में सरकारी वकील थे, तब उन्होंने पांच हजार नेताओं को देशद्रोही साबित करवाया था. इन सभी को फांसी की सजा सुनाई गई थी. इस घटना के बाद अमेरिका और अन्य देशों ने रईसी पर बैन लगा दिया था.
2017 में हारे, 2021 में पहली बार राष्ट्रपति बने रईसी
2017 में रईसी राष्ट्रपति का चुनाव लड़े थे. हालांकि, वो मौलवी हसन रूहानी से चुनाव हार गए थे. 2021 में उन्होंने फिर राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा, जिसमें उनके प्रमुख विराधियों को ईरान की जांच प्रणाली के तहत चुनाव लड़ने से रोक दिया था. 2021 में रईसी पहली बार राष्ट्रपति बने.
वकील के रूप में करियर की शुरुआत की
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, रईसी का न्यायपालिका से लेकर धार्मिक जगत से जुड़े लोगों से भी गहरे संबंध रहे हैं. उन्हें कट्टरपंथी विचाराधारा का माना जाता था. रईसी ने 15 साल की उम्र में कोम शहर में स्थित मदरसा में पढ़ाई शुरू की और उस समय के कई मुस्लिम विद्वानों से शिक्षा हासिल की. रईसी मशहाद शहर में स्थित आठवें शिया इमाम अली रजा की पवित्र दरगाह आस्तान-ए-क़ुद्स के संरक्षक भी रह चुके हैं. 20 साल की उम्र में उन्हें शहरों में अभियोजक के रूप में नियुक्त किया गया. बाद में उन्होंने राजधानी तेहरान में उप अभियोजक के रूप में जिम्मेदारी संभाली.
रईसी की दो बेटियां
1983 में उन्होंने इमाम अहमद अलामोल्होदा की बेटी जमीलेह अलामोल्होदा से शादी की. उनकी दो बेटियां हुईं. 1988 में वे राजनीतिक कैदियों को फांसी दिलाने वाले उन वकीलों की कमेटी का भी हिस्सा बने. यह एक ऐसी घटना थी, जिसने ईरान की राजनीति में भूचाल ला लिया और रईसी विपक्ष के निशाने पर आए. संयुक्त राज्य अमेरिका को उन पर प्रतिबंध लगाना पड़ा. 1989 में ईरान के पहले सुप्रीम लीडर अयातुल्ला रुहोल्लाह खुमैनी की मौत के बाद रईसी को तेहरान का अभियोजक नियुक्त किया गया.
जबकि खुमैनी की जगह अयातुल्ला खामेनेई ने सुप्रीम लीडर का दायित्व संभाला. उसके बाद खामनेई और रईसी में नजदीकियां बढ़ती गईं और रईसी लगातार आगे बढ़ते रहे. रईसी 7 मार्च 2016 को मशहद के सबसे बड़े सामाजिक संस्थान अस्तान कुद्स रजवी के अध्यक्ष बने. ईरान की सियासत में भी रईसी मजबूत नेताओं में गिने जाने लगे.
62 फीसदी वोट हासिल कर जीते थे राष्ट्रपति का चुनाव
रईसी पहली बार 2017 में हसन रूहानी के खिलाफ राष्ट्रपति पद के लिए मैदान में उतरे. हार के बाद रईसी ने अगले राष्ट्रपति चुनाव की योजना बनाना शुरू कर दी. जून 2021 में उन्होंने 62 प्रतिशत वोट हासिल किए और जीत दर्ज की. वो सरकार के सभी ब्रांच, सेना और विधायी के साथ-साथ शक्तिशाली धार्मिक वर्ग के साथ भी अच्छे संबंध बनाए रखने में कामयाब रहे.
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हिजाब को लेकर प्रदर्शन से हिल गया था ईरान
हालांकि, रईसी ने ऐसे समय में ईरान का नेतृत्व किया, जब लोगों के बीच बिगड़ते जीवन स्तर और आंशिक प्रतिबंधों को लेकर गुस्सा देखा जा रहा था. आलोचकों का कहना था कि घरेलू मुद्दों की बजाय डिफेंस को प्राथमिकता दी गई है. 2022 के अंत में पुलिस हिरासत में महसा अमिनी की मौत पर जनता का गुस्सा फूट पड़ा था. 22 वर्षीय लड़की को कथित तौर पर देश में अनिवार्य हिजाब नियम का पालन ना करने के आरोप में परिवार के सदस्यों के साथ तेहरान में एक मेट्रो स्टेशन से निकलते समय गिरफ्तार कर लिया था. विरोध प्रदर्शनों ने ईरान को महीनों तक हिलाकर रख दिया था. महिलाओं ने विरोध में अपने हिजाब उतार दिए या जला दिए थे और अपने बाल काट दिए थे.
टकराव से भी पीछे नहीं हटे रईसी
विदेशी मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, 2023 के मध्य में सुरक्षा बलों ने विरोध प्रदर्शन को खत्म करने के लिए जोर लगा दिया. अलग-अलग घटनाओं में करीब 500 लोग मारे गए. उसके बाद विरोध प्रदर्शन समाप्त हुए. अशांति फैलाने के आरोप में सात लोगों को फांसी दी गई थी. संयुक्त राष्ट्र ने इस साल मार्च में कहा था कि ईरान ने हत्या, प्रताड़ना और रेप समेत मानवता के खिलाफ अपराध किए हैं. हालांकि, रईसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी टकराव से पीछे नहीं हटे. अमेरिका के कड़े रुख के बीच रईसी ने घोषणा की थी कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है.
इजरायल पर हमला कर चर्चा में आया था ईरान
यह हादसा ऐसे समय हुआ है, जब ईरान ने पिछले महीने ही इजरायल पर 300 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया था. इससे दोनों देशों के रिश्तों मे टकराव देखा जा रहा है. रईसी ने इस साल अप्रैल में इजरायल पर हमला करने का समर्थन किया था. माना जा रहा है कि यह हादसा मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ा सकता है.
रईसी के काफिले में थे तीन हेलिकॉप्टर
रईसी के काफिले में तीन हेलिकॉप्टर थे. इनमें से दो हेलिकॉप्टर में मंत्री और अधिकारी सवार थे. वे सुरक्षित ईरान पहुंच गए हैं. जबकि रईसी के हेलिकॉप्टर में विदेश मंत्री होसैन और अन्य अफसर सवार थे. रईसी अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के साथ बांध उद्घाटन से जुड़े कार्यक्रम में शामिल होने गए थे.
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