
बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने हिंदुओं के खिलाफ खुलेआम नफरत फैलाना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं कट्टरपंथी अब इस्कॉन जैसे संगठनों को बैन करने की मांग कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि बांग्लादेशी कट्टरपंथियों ने इस्कॉन को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है.
हाल ही में 13 नवंबर को 'इस्लामिक उलेमा काउंसिल' के कट्टरपंथियों ने राजधानी ढाका में नेशनल प्रेस क्लब के सामने इकट्ठा होकर विरोध-प्रदर्शन किया और इस्कॉन को बैन करने की मांग की. भड़काऊ भाषण देते हुए भीड़ ने कहा कि इस्कॉन कोई धार्मिक संगठन नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अव्यवस्था फैलाने वाला ग्रुप है.
मस्जिद के सामने कट्टरपंथियों का प्रदर्शन
हिंदुओं के खिलाफ लगातार हिंसा को अंजाम दे रहे कट्टरपंथियों ने कहा कि इस्कॉन बांग्लादेश के लिए खतरा बन चुका है. प्रदर्शन के दौरान हिफजत-ए-इस्लाम समूह ने इस्कॉन को बांग्लादेश से तुरंत प्रतिबंधित करने की मांग की. ऐसा ही एक प्रदर्शन 8 नवंबर को चटगांव में अंदरकिला जामे मस्जिद के सामने हुआ था.
जान से मारने की दी जा रही धमकियां
कुछ दिनों पहले बांग्लादेश हिफाजत-ए-इस्लाम संगठन ने भी इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. कट्टरपंथियों ने इस्कॉन से जुड़े लोगों को जान से मारने की धमकी भी दी थी. इसके बाद मुस्लिम समुदाय का एक और धार्मिक संगठन 'इस्लामिक उलेमा काउंसिल' भी इसी मांग को लेकर मैदान में उतर आया है.
भारत कर चुका है कार्रवाई की मांग
बता दें कि बांग्लादेश में भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट और हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ भारत एक्शन की मांग कर चुका है. कुछ दिनों पहले ही में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने चटगांव में हिंदू समुदाय के सदस्यों पर हमले की निंदा की थी. उन्होंने कहा था कि तनाव सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट का नतीजा था. यह निंदनीय है. अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करना बांग्लादेश की विशेष जिम्मेदारी है.