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Hamas के कब्जे से छूटे कई विदेशी नागरिक, जंग के बीच मिस्र ने निभाई बड़ी भूमिका, पहली बार खोला Rafah Border

Israel-Hamas War: इजरायल-हमास जंग के बीच पहली बार गाजा और मिस्र के बीच रफा बॉर्डर से लोगों को निकलने की अनुमति दी गई है. कतर में हुई बैठक के बाद मिस्र ने विदेशी पासपोर्ट धारकों को गाजा से निकलकर मिस्र में दाखिल होने की इजाजत दे दी है. ऐसे नागरिकों का एक बैच मिस्र पहुंच भी गया है.

इजरायल-हमास जंग के बीच गाजा और मिस्र की रफा बॉर्डर पर अपनी बारी का इंतजार करता परिवार. (फोटो-एजेंसी) इजरायल-हमास जंग के बीच गाजा और मिस्र की रफा बॉर्डर पर अपनी बारी का इंतजार करता परिवार. (फोटो-एजेंसी)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:31 PM IST

इजरायल-हमास जंग के बीच मिस्र ने एक बड़ा कदम उठाया है. अब तक गाजा में मानवीय सहायता भेजने के लिए खोली जा रही रफा बॉर्डर (Rafah Border) से गाजा में फंसे विदेशी नागरिकों का पहला बैच मिस्र पहुंच चुका है. दर्जनों लोगों के इस बैच में औरतें, बूढ़े और बच्चों से लेकर जवान लोग भी शामिल हैं. 26 दिन पहले (7 अक्टूबर को) शुरू हुई इजरायल-हमास जंग के बीच यह पहली बार है, जब मिस्र ने रफा बॉर्डर से लोगों को अपने देश में दाखिल होने की इजाजत दी है.

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दरअसल, रफा बॉर्डर मिस्र और गाजा पट्टी के बीच एकमात्र क्रांसिंग पॉइंट है, जिसके जरिए गाजा से मिस्र और मिस्र से गाजा आसानी से आया और जाया जा सकता है. बता दें कि जंग शुरू होने के बाद मिस्र ने रफा क्रांसिंग से लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी थी. हालांकि, अलग-अलग देशों से गाजा के लिए मिस्र पहुंच रही मदद को यहां से भेजा जा रहा था.    

इन लोगों को ही मिलेगी बॉर्डर क्रॉस करने की इजाजत

बताया जा रहा है कि इस तरह के समझौते के लिए कतर ने अमेरिका के साथ कॉर्डिनेट कर मिस्र, इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थता की है. इस समझौते के कारण ही गाजा से सीमित लोगों को निकालने की अनुमति दी गई है. समझौते के बारे में एजेंसी को बताते हुए सूत्रों ने दावा किया है कि इस समझौते के तहत सिर्फ विदेशी पासपोर्ट धारकों और गंभीर रूप से घायल लोगों को ही बॉर्डर क्रॉस करने की इजाजत दी जाएगी. हालांकि, कितने लोगों को निकाला जाएगा और यह कब तक जारी रहेगा इस बारे में कुछ नहीं बताया गया.

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इजरायल ने गाजा में गिराए 18 हजार टन विस्फोटक

मिडिल ईस्ट में जारी इस जंग के शुरू होने से लेकर अब तक बड़ी तादाद में तबाही हो चुकी है. गाजा पट्टी में लगातार हो रहे इजरायली हमलों में अब तक करीब 3,500 बच्चों सहित 8,500 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. वहीं, 21,000 से अधिक फिलिस्तीनी घायल हुए हैं. गाजा के अधिकारियों का कहना है कि हमलों में तबाह हुई इमारतों के मलबे के नीचे 1 हजार से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं. 7 अक्टूबर से लेकर अब तक गाजा पर इजरायल ने 18 हजार टन से अधिक विस्फोटक गिराए हैं.

एक मिलियन बच्चे कर रहे पानी की किल्लत का सामना

यूनिसेफ के प्रवक्ता जेम्स एल्डर के मुताबिक गाजा में अभी 940 बच्चे लापता हैं. इनमें से कुछ के मलबे के नीचे फंसे होने की आशंका है. यूनिसेफ का यह भी मानना है कि पानी की कमी के कारण बड़ी गाजा में बड़ी तादाद में बच्चों की मौत हो सकती है. यूएन की एजेंसी के मुताबिक गाजा में 1 मिलियन से अधिक बच्चों को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि गाजा का दैनिक जल उत्पादन क्षमता के मुकाबले महज 5 प्रतिशत हो रहा है.

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बच्चों के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियां भुगतेंगी खामियाजा

जंग के बीच यह भी कहा जा रहा है कि युद्ध खत्म होने के बाद इसका खामियाजा बच्चों और उनके समुदायों की आने वाली पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा. यूनिसेफ प्रवक्ता एल्डर ने जोर देकर कहा कि इस लड़ाई के शुरू होने से पहले गाजा में 8 लाख से अधिक बच्चों की पहचान मानसिक रूप से अस्वस्थ बच्चों के तौर पर की गई थी.

इजरायल ने अमेरिका को दिया जापान हमले का हवाला

इस बीच इजरायल ने गाजा में बमबारी को सही ठहराया है. इजरायली अधिकारियों ने अमेरिकी समकक्षों के साथ बातचीत में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी और जापान में बमबारी का हवाला दिया, जिसमें अमेरिका और उसके सहयोगियों ने हिरोशिमा और नागासाकी पर दो परमाणु बम गिराए गए थे. अमेरिका अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायली अधिकारियों का यह भी मानना है कि फिलिस्तीन के इलाके में हमास के खिलाफ अभियान एक स्वीकार करने योग्य कीमत है.

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